एमसीडी पर आप का कब्जा, पार्षद शैली ओबरॉय जीतीं मेयर चुनाव

भाजपा की रेखा गुप्ता हारी, 241 पार्षद, 10 सांसद-14 विधायकों ने वोट डाला

एमसीडी पर आप का कब्जा, पार्षद शैली ओबरॉय जीतीं मेयर चुनाव

नई दिल्ली- दिल्ली में पहली बार आम आदमी पार्टी ने मेयर पद पर जीत हासिल की है। बुधवार को हुई वोटिंग में आप की शैली ओबेराय ने भाजपा की रेखा गुप्ता को हरा दिया। चुनाव में कुल 241 पार्षदों ने वोटिंग की। वहीं, 9 कांग्रेस पार्षदों ने चुनाव का बहिष्कार कर दिया। तीन बार टलने के बाद सिविक सेंटर में आज सुबह 11.20 बजे एमसीडी चुनाव के लिए मतदान शुरू हुआ था, जो करीब 2 घंटे चला। मेयर के लिए आप की शैली ओबेरॉय और बीजेपी की रेखा गुप्ता के बीच मुकाबला था। तीसरी कैंडिडेट के तौर पर आप की आशु ठाकुर भी मैदान में थीं। दिल्ली में एमसीडी चुनाव 4 दिसंबर को हुए थे, जबकि इनका रिजल्ट 8 दिसंबर को आया था। चुनाव में 15 साल बाद भाजपा को रूष्टष्ठ में बहुमत नहीं मिला था।

वोटिंग से पहले पुलिस से भिड़े आप पार्षद

सुबह 11 बजे वोटिंग शुरू होने से पहले सिविक सेंटर में हंगामे जैसे हालात दिखे। आप पार्षदों की पुलिस से झड़प भी हुई। आप पार्षद सदन में बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता की एंट्री का विरोध कर रहे थे। हंगामे की आशंका को देखते हुए सदन में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। सदन में स्स्क्च जवानों को तैनात किया गया।

मेयर बनाने के लिए 138 वोट चाहिए थे

250 सीट के सदन में मेयर बनाने के लिए 138 वोट चाहिए थे। आप के पास 151 पार्षद हैं, जिनमें से 134 चुने हुए हैं। 13 विधायक, 3 सांसद और एक निर्दलीय पार्षद सपोर्ट में रहा। जबकि बीजेपी के पक्ष में 112 पार्षद रहे, जिनमें 104 चुने हुए पार्षद, 7 सांसद और 1 विधायक शामिल हैं। कांग्रेस के 9 पार्षदों ने वोटिंग का बहिष्कार किया।

इससे पहले 3 बार चुनाव नहीं हो सके

इससे पहले 3 बार मेयर चुनाव कराने की कोशिश की गई, लेकिन भाजपा और आप मेंबर्स के हंगामे के चलते ये नहीं हो सके। हंगामे की वजह एलजी वीके सक्सेना की ओर से मनोनीत 10 एमसीडी सदस्यों को वोट देने की अनुमति का फैसला था। इसे लेकर आप की मेयर प्रत्याशी शैली ओबेरॉय सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थीं। इसमें मनोनीत पार्षदों को मेयर चुनाव में वोटिंग राइट देने के फैसले को चुनौती दी गई। 17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने आप के पक्ष में फैसला सुनाया था। 24 घंटों के अंदर नोटिस जारी करने के लिए कहा था। मेयर के साथ डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के छह सदस्यों के लिए 6 जनवरी, 24 जनवरी और 6 फरवरी को 3 बार कोशिशें हुईं, लेकिन हर बार भाजपा और आप के हंगामे के बाद कार्यवाही स्थगित हो गई।