नयी श्वेत क्रांति की पहचान बन रहा है बारामूला - मोदी

श्री मोदी ने रविवार को यहां अपने मासिक रेड़ियो कार्यक्रम मन की बात में कहा कि वैसे तो जम्मू कश्मीर की देश में चर्चा होती ही रहती है लेकिन अब जम्मू-कश्मीर की चर्चा बारामूला जिले के लोगों के कारण हो रही है

नयी श्वेत क्रांति की पहचान बन रहा है बारामूला - मोदी

नयी दिल्ली  - प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि कभी दूध की कमी के लिए जाने जाने वाले जम्मू कश्मीर के बारामूला जिले में दूध का उत्पादन निरंतर बढ रहा है और वह नयी श्वेत क्रांति की पहचान के रूप में उभर रहा है।

श्री मोदी ने रविवार को यहां अपने मासिक रेड़ियो कार्यक्रम मन की बात में कहा कि वैसे तो जम्मू कश्मीर की देश में चर्चा होती ही रहती है लेकिन अब जम्मू-कश्मीर की चर्चा बारामूला जिले के लोगों के कारण हो रही है। उन्होंने कहा कि बारामूला में खेती-बाड़ी तो काफी समय से होती है, लेकिन यहाँ, दूध की कमी रहती थी। बारामूला के लोगों ने इस चुनौती को एक अवसर के रूप में लिया।

उन्होंने कहा कि इस समस्यस से निपटने के लिए यहां बड़ी संख्या में लोगों ने डेयरी का काम शुरू किया और इस काम में सबसे आगे यहाँ की महिलाएं आईं। इस संदर्भ में उन्होंने मीर सिस्टर्स डेयरी फार्म चलाने वाली इशरत नबी का विशेष उल्लेख किया। उन्होंंने कहा , “ इशरत, एक ग्रेजुएट है और इन्होंने मीर सिस्टर्स डेयरी फार्म शुरू किया है। उनके डेयरी फार्म से हर दिन करीब डेढ़-सौ लीटर दूध की बिक्री हो रही है। ऐसे ही सोपोर के एक साथी हैं - वसीम अनायत। वसीम के पास दो दर्जन से ज्यादा पशु हैं और वो हर दिन दो-सौ लीटर से ज्यादा दूध बेचते हैं। एक और युवा आबिद हुसैन भी डेयरी का काम कर रहें हैं। इनका काम भी खूब आगे बढ़ रहा है। ”

प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे लोगों की मेहनत की वजह से ही आज बारामूला में हर रोज साढ़े 5 लाख लीटर दूध उत्पादन हो रहा है। पूरा बारामूला, एक नयी श्वेत क्रांति की पहचान बन रहा है। पिछले ढाई-तीन वर्षों में यहाँ 500 से ज्यादा डेयरी इकाई लगी हैं। उन्होंने कहा कि बारामूला की यह उपलब्धि इस बात की गवाह है कि देश का हर हिस्सा कितनी संभावनाओं से भरा हुआ है। किसी क्षेत्र के लोगों की सामूहिक इच्छाशक्ति कोई भी लक्ष्य प्राप्त करके दिखा सकती है।