टीचर विवाद में मुख्यमंत्री का गवर्नर पर तंज

-पंजाब के फैसले इलेक्टेड लोग लेंगे : मान -सिलेक्टेड नहीं, सीएमओ ने लिखित जवाब भी भेजा

टीचर विवाद में मुख्यमंत्री का गवर्नर पर तंज

जालंधर- पंजाब के सरकारी टीचरों को ट्रेनिंग के लिए विदेश भेजने के मुद्दे पर पंजाब सीएम भगवंत मान और राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के बीच शुरू हुई जंग थमने का नाम नहीं ले रही। मंगलवार को सीएम ने राज्यपाल का बिना नाम लिए उन पर तंज कसते हुए कहा कि पंजाब से जुड़े फैसले इलेक्टेड प्रतिनिधि लेंगे, सिलेक्टेड नहीं। उन्होंने कहा कि मैं स्पष्ट करना चाहता हूं मैं और मेरी सरकार 3 करोड़े पंजाबियों को जवाबदेह है। भगवंत मान ने कहा- आपने मुझे पूछा है कि सिंगापुर में ट्रेनिंग के लिए टीचरों का चुनाव किस आधार पर किया है। पंजाब के लोग यह पूछना चाहते हैं कि भारतीय संविधान में किसी स्पष्ट योग्यता के बगैर केंद्र सरकार द्वारा अलग-अलग राज्यों में राज्यपाल किस आधार पर चुने जाते हैं। यह बताकर पंजाबियों की जानकारी बढ़ाई जाए।

पंजाब सरकार पूछे थे सवाल

मुख्यमंत्री विधानसभा में नए विधायकों के ट्रेनिंग शिविर में बोल रहे थे। गौरतलब है कि सोमवार को गवर्नर ने पंजाब सरकार को पत्र लिखकर ट्रेनिंग के लिए विदेश भेजे गए टीचरों को लेकर कई सवाल पूछे थे। गवर्नर ने सरकार को जवाब देने के लिए 15 दिन की टाइम लाइन दी थी और तय समय में जवाब न मिलने पर कानूनी राय लेने की बात कही थी। गवर्नर का लेटर मीडिया में जारी होने के बाद सीएम ने ट्वीट करके कहा था कि वह पंजाब के 3 करो? लोगों के प्रति जवाबदेह हैं, न कि गवर्नर। इसे ही मेरा जवाब समझें।

बेवजह अपनी टांग न अड़ाएं

मंगलवार को पंजाब विधानसभा पहुंचे मुख्यमंत्री ने गवर्नर बीएल पुरोहित का बिना नाम लिए उनके कामकाज के तरीके पर सवाल उठाए। भगवंत मान ने कहा कि सिलेक्टेड लोग इलेक्टेड लोगों के लिए गए फैसलों में बेवजह अपनी टांग न अड़ाएं। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि सिलेक्टेड लोग किसी के बहकावे में हैं और गलतफहमी का शिकार हैं, वह कानून की धमकियां न दें। कानून सबके लिए एक समान है और वह भी कानून जानते हैं। साथ कि चिंता मत करो, भटके हुए जल्द ही रास्ते पर आ जाएंगे। उन्हें रास्ते पर ले आएंगे।

गवर्नर सरकार के कामकाज में दखल न दें : आप

इससे पहले आम आदमी पार्टी ने भी पंजाब गवर्नर के रवैये पर सवाल उठाया। पार्टी प्रवक्ता मालविंदर सिंह कंग ने कहा कि पंजाब के गवर्नर बीएल पुरोहित और पंजाब के ष्टरू भगवंत मान, दोनों ही इस देश के संविधान के प्रति जवाबदेह हैं। दोनों में से कोई किसी व्यक्ति विशेष के प्रति जवाबदेह नहीं है। कंग ने कहा कि पंजाब के गवर्नर बीएल पुरोहित ने 13 फरवरी को प्रदेश सरकार को जो पत्र लिखा, वह भारतीय लोकतंत्र की मूल भावना और परंपराओं के खिलाफ था। गवर्नर को किसी भी राज्य के लोगों द्वारा चुनी गई सरकार के रूटीन कामकाज में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है। आप प्रवक्ता ने पंजाब से ही जुड़े एक केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि बीजेपी और गवर्नर को ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए।

अफसरों की नियुक्ति सरकार का विशेषाधिकार

प्रवक्ता कंग ने कहा कि पंजाब के इतिहास में इससे पहले किसी गवर्नर ने इस तरह का व्यवहार नहीं किया। गवर्नर को पर्दे के पीछे रहकर राजनीति करने से परहेज करना चाहिए। राज्य में किसी भी अफसर को कहां नियुक्त करना है, यह सरकार का विशेषाधिकार है। कंग ने कहा कि गवर्नर राज्य में पैरलल सरकार नहीं चला सकते। उन्होंने गवर्नर की ओर से भगवंत मान सरकार को लिखा गया लैटर मीडिया में जारी किए जाने पर भी सवाल उठाए।