दूसरे देशों के साथ सहयोग से लघु उद्योग मजबूत होंगे, अधिक रोजगार देंगे : विशेषज्ञ

इन्क्लूसिव एंटरप्रेन्योरशिप पर यहां आयोजित ग्लोबल सम्मेलन सत्र में युवा उद्यमियों के साथ विचार-विमर्श कार्यक्रम में केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ भागवत कराड और केन्द्र सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंतनागेश्वरन ने भी भाग लिया।

दूसरे देशों के साथ सहयोग से लघु उद्योग मजबूत होंगे, अधिक रोजगार देंगे : विशेषज्ञ

नयी दिल्ली -आर्थिक विशेषज्ञों और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने कहा है कि भारत, यूरोप, उत्तरी अमेरिका और अन्य जी20 देशों के सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यमियों के बीच सीमा पार सहयोग और ज्ञान के आदान-प्रदान से स्थायी व्यापार के अवसरों का निर्माण और रोजगार के नए अवसर बढ़ाने में मदद मिलेगी।

इन्क्लूसिव एंटरप्रेन्योरशिप पर यहां आयोजित ग्लोबल सम्मेलन सत्र में युवा उद्यमियों के साथ विचार-विमर्श कार्यक्रम में केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ भागवत कराड और केन्द्र सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंतनागेश्वरन ने भी भाग लिया। इस दौरान डॉ कराड ने तेलंगाना के कागजनगर के ग्रामीण युवाओं के लिए एक विशेष ग्रीन बिजनेस आइडिया प्रतियोगिता का शुभारंभ दूरस्थ रूप से किया। उनकी उपस्थिति में सामाजिक और हरित उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए बीवाईएसटी और सिरपुर पेपर मिल्स ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए ।

बीवाईएसटी और फ्यूचरप्रेन्योर, जी20 वाईईए कनाडा की ओर से इंडिया इंटरनेशनल सेंट में बुधवार को आधेदिन के इस कार्यक्रम में भारत, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी और यूनाइटेड किंगडम के कई एमएसएमई क्षेत्र के हितधारकों सहित उद्योग जगत की हस्तियों ने भारतीय युवा शक्ति ट्रस्ट (बीवाईएसटी) और फ्यूचरप्रेन्योर, जी20 वाईईए कनाडा द्वारा आयोजित 'समावेशी उद्यमिता-युवा उद्यमियों के साथ विमर्श' पर आयोजित वैश्विक पूर्ण सत्र में भाग लिया। हितधारकों ने पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ईएसजी) गतिविधियों के महत्व की पड़ताल की और नीतियों, बाधाओं पर चर्चा करते हुए एक लचीली और समावेशी अर्थव्यवस्था विकसित करने के लिए सुझाव दिए।

भारत, जी20 देशों के सहयोग से उद्यमियों के बीच ज्ञान के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित कर रहा है और महिलाओं, आदिवासी/स्वदेशी और अन्य वंचित समुदायों पर विशेष ध्यान देने के साथ सूक्ष्म उद्यमिता और नये रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के प्रयासों को तेज करते हुए भारत, जी20 और अन्य विकासशील देशों में एमएसएमई पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए सफल और टिकाऊ 'नेट जीरो' व्यवसाय मॉडल को अपनाना सुनिश्चित किया जा रहा है। बैठक में इस बात पर विचार-विमर्श के बाद सहमति हुई कि एमएसएमई बेरोजगारी को खत्म करने में कैसे मदद कर सकता है जो कि नीति निर्माताओं और उद्योग के नेताओं के लिए विश्व स्तर पर एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है।

बैठक में जमीनी स्तर के उद्यमियों सहित हितधारकों के एक विविध समूह ने भाग लिया, जिन्होंने अपने तरीकों को साझा करते हुए सहयोगात्मक अवसरों की खोज की और समावेशी उद्यमिता की परिवर्तनकारी शक्ति को रेखांकित किया।

इस सम्मेलन में सर्कुलर इकोनॉमी की अवधारणा पर भी चर्चा की गई, जिसमें यह पता लगाया गया कि उद्यम कैसे टिकाऊ प्रथाओं को अपना सकते हैं, अपशिष्ट को कम कर सकते हैं और नवीन व्यवसाय मॉडल के माध्यम से सकारात्मक पर्यावरणीय प्रभाव पैदा कर सकते हैं।

वित्त रात्य मंत्री डॉ कराड ने कहा, “ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विजन यह है कि भारतीय युवा अब नौकरी मांगने वाले नहीं, बल्कि नौकरी प्रदाता और निर्माता बनेंगे। बेरोजगारी से लड़ने के लिए उद्यमिता ही एक सही रास्ता नजर आता है। केन्द्र सरकार युवा उद्यमियों की पूरी मदद कर रही है, ताकि वे अधिक से अधिक बाजारों के साथ अपने संबंध बढ़ा सकें। स्ट्रीट वेंडरों के लिए पीएम स्वनिधि योजना, नये व्यवसायों के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, स्टार्ट अप इंडिया और स्टैंड अप इंडिया जैसी विभिन्न योजनाएं स्टार्टअप इकोसिस्टम का समर्थन करने के लिए शुरू की गई हैं। अनुसूचित जाति-जनजाति युवाओं की मदद के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति-जनजाति हब लॉन्च किया गया। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस साल एमएसएमई बजट में 40 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी की है साथ ही बैंकों का एनपीए जो पहले 11.2 फीसदी से घटकर अब 5.2 फीसदी हो गया है वे अब कर्ज देने की मजबूत स्थिति में आ गए हैं।