हिमाचल में फूलों की खेती से बदल रही बेरोजगार युवाओं की जिंदगी

विशाल ने बताया कि उद्यान विभाग ने उन्हें आत्मनिर्भर बनने की राह दिखाई है जो अपने घर के कामकाज के साथ साथ पुष्प उत्पादन कर अपनी रोजी-रोटी कमा रहे हैं।

हिमाचल में फूलों की खेती से बदल रही बेरोजगार युवाओं की जिंदगी

शिमला  - हिमाचल प्रदेश में फूलों की खेती से बदल रही बेरोजगार युवाओं की जिंदगी। हमीरपुर जिले के नादौन विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले करड़ी गांव के युवा पुष्प उत्पादन कर आत्मनिर्भर बन रहे हैं। युवाओं को सालाना पांच से छह लाख रुपये की आमदनी हो रही है। इन युवाओं ने उद्यान विभाग का तहे दिल से आभार व्यक्त किया है। वहीं, करड़ी गांव के युवा विशाल सिंह और करनैल सिंह ने बताया कि पुष्प उत्पादन करके सालाना उन्हें पांच से छह लाख रुपये की आमदनी हो रही है।

विशाल ने बताया कि उद्यान विभाग ने उन्हें आत्मनिर्भर बनने की राह दिखाई है जो अपने घर के कामकाज के साथ साथ पुष्प उत्पादन कर अपनी रोजी-रोटी कमा रहे हैं। उद्यान विभाग की माने तो हमीरपुर जिले में लगभग साढ़े सात हेक्टेयर भूमि पर फूलों की खेती की जा रही है। हमीरपुर जिले के 30 के करीब किसान फूलों की खेती कर अच्छी आजीविका कमा रहे हैं। हमीरपुर जिले में मुख्यता कारनेशन और मेरीगोल्ड के फूलों की खेती की जा रही है।

करड़ी निवासी विशाल सिंह ने बताया कि वो पहले चंडीगढ़ में पेट्रोल पंप पर नौकरी किया करते थे। जहां उन्हें 12 से 15 हजार रुपये मिलते थे, लेकिन चंडीगढ़ के खर्च के साथ-साथ घर का खर्चा चलाना मुश्किल हो रहा था। उन्होंने कहा, “मुझे शुरू से ही फूलों से लगाव रहा था। जिसके चलते मैंने उद्यान विभाग से पुष्प उत्पादन के बारे में जानकारी प्राप्त की। उसके बाद चार पॉलीहाउस में पुष्प उत्पादन शुरू किया, जिससे सालाना पांच से छह लाख रुपये की आमदनी हो रही है।

नादौन की कृषि अधिकारी निशा मेहरा ने बताया कि विशाल और करनैल सिंह ने उनसे पुष्प उत्पादन के बारे में जानकारी हासिल की थी। जिसके चलते आज वह अच्छी आमदनी कमा रहे हैं और अन्य बेरोजगार युवाओं के लिए मिसाल पेश कर रहे हैं।