छात्रवृत्ति में 75 करोड़ की धोखाधड़ी का खुलासा

छह जिलों में हुई 22 ठिकानों पर ईडी की छापेमारी

छात्रवृत्ति में 75 करोड़ की धोखाधड़ी का खुलासा

लखनऊ- शैक्षणिक संस्थानों पर अल्पसंख्यक, दलित और आदिवासी समुदायों के छात्रों के लिए मैट्रिक के बाद की सरकारी छात्रवृत्ति में घोटाला के आरोप हैं। इन घोटालों की जांच को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में उत्तर प्रदेश के छह जिलों में 22 स्थानों पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई शैक्षणिक संस्थानों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े हैं। एजेंसी ने कहा कि जांच के बाद सामने आया है कि इन संस्थानों द्वारा 75 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति को हड़प लिया गया है। ईडी के मुताबिक अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और शारीरिक रूप से विकलांग छात्रों की शिक्षा की सुविधा के लिए केंद्र और राज्य सरकारें अलग-अलग स्कॉलरशिप जारी करती हैं। इसके अलावा कुछ स्कॉलरशिप अल्पसंख्यक छात्रों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के छात्रों के लिए होती हैं।

जांच में क्या सामने आया?

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले को लेकर एक बयान जारी किया हैं। ईडी ने जानकारी सामने रखी है कि ज्यादा से ज्यादा छात्रवृत्ति का फायदा उठाने इन कॉलेजों और संस्थानों ने 7 से 12 वर्ष की उम्र के बच्चों और 45 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग के व्यक्तियों के बैंक खातों का उपयोग किया है। अब तक की गई जांच से पता चला है कि इन संस्थानों ने अलग-अलग व्यक्तियों के दस्तावेजों का उपयोग करके लगभग 3,000 ऐसे फर्जी खाते खोले हैं। ईडी ने एक बयान में कहा कि ज्यादातर खाते आम ग्रामीणों के नाम पर हैं, जिन्हें इन बैंक खातों के बारे में पता भी नहीं है और उन्हें कभी भी कोई छात्रवृत्ति नहीं मिली है।

योजना के तहत किए घोटाला

ईडी की छापेमारी में रवि प्रकाश गुप्ता नाम के एक शख्स और उसके कुछ साथियों का नाम सामने आ रहा है। यह घोटाला फिनो पेमेंट बैंक के कई एजेंटों की सहायता से किया गया था। इसमें साहिल अजीज, अमित कुमार मौर्य, तनवीर अहमद और जितेंद्र सिंह नाम के लोग शामिल हैं। ईडी ने जानकारी दी है कि घोटाला स्नढ्ढहृह्र पेमेंट बैंक के प्लेटफॉर्म पर खाता खोलने के लिए अपनाई गई आसान प्रक्रिया का दुरुपयोग करके किया गया था। अपराधियों ने फिनो की लखनऊ और मुंबई शाखाओं में सभी बैंक खाते खोले थे। यह सभी फर्जी खाते थे। नियमों के मुताबिक स्कॉलरशिप का पूरा पैसा छात्रों के खातों में ही आना चाहिए। लेकिन इन संस्थानों ने फर्जी तरीके अपनाकर पूरा पैसा ह?प लिया। जांच के दौरान ईडी ने कई फर्जी सिम सीज कर ली हैं।