हरदा में कमल पटेल कांटे के मुकाबले में

श्री पटेल के समक्ष पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष सुरेंद्र जैन भी एक चुनौती के रूप में सामने दिखायी दे रहे हैं

हरदा में कमल पटेल कांटे के मुकाबले में

हरदा:  मध्यप्रदेश की हरदा जिले के दोनों विधानसभा क्षेत्रों में एक बार फिर मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के उम्मीदवारों के बीच है। हरदा विधानसभा क्षेत्र में राज्य के कृषि मंत्री कमल पटेल भी कांटे के मुकाबले के बीच अपनी विजय सुनिश्चित करने के लिए पूरा जोर लगाते हुए दिख रहे हैं।राज्य के दक्षिणी हिस्से में नर्मदा नदी के तट पर स्थित हरदा विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी कमल पटेल का मुख्य मुकाबला कांग्रेस के डॉक्टर रामकिशोर दोगने से है। हालाकि क्षेत्र में कुल 11 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। कृषि मंत्री श्री पटेल वर्ष 1993 से यहां भाजपा के टिकट पर लगातार सातवीं बार चुनाव लड़ रहे हैं। श्री पटेल को वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के पहली बार प्रत्याशी बने डाॅक्टर रामकिशोर दोगने से पराजय झेलना पड़ी थी। हालाकि वर्ष 2018 के पंद्रहवें विधानसभा चुनाव में श्री पटेल ने एक बार फिर सामने आए कांग्रेस प्रत्याशी श्री दोगने को लगभग साढ़े छह हजार मतों से शिकस्त देकर पुरानी पराजय का बदला ले लिया। श्री दोगने इस बार लगातार तीसरी बार श्री पटेल को चुनौती दे रहे हैं।

श्री पटेल के समक्ष पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष सुरेंद्र जैन भी एक चुनौती के रूप में सामने दिखायी दे रहे हैं। श्री जैन प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में नहीं हैं, लेकिन वे वर्षों तक भाजपा नेता के रूप में श्री पटेल के साथी और सहयोगी रहे हैं। वे भी इस बार भाजपा से टिकट के दावेदार थे और चुनाव में ऐन वक्त पर उन्होंने कांग्रेस का दामन थामकर श्री पटेल की चुनौतियों को बढ़ा दिया है। स्वाभाविक तौर पर श्री जैन कांग्रेस के पक्ष में कार्य कर रहे हैं। इन चुनौतियों से निपटने के लिए श्री पटेल को दिनरात एक करना पड़ रहा है। अब मतदान की तिथि 17 नवंबर में कुछ ही दिन शेष रहते चुनाव प्रचार अभियान चरम पर पहुंच रहा है। पिछले लगभग 18 सालों से सत्ता में रहने के कारण भाजपा को तथाकथित सत्ताविरोधी रुझान से जूझना पड़ रहा है।हरदा जिले की एक अन्य सीट टिमरनी अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित है और यहां रोचक मुकाबला “चाचा भतीजे” के बीच देखने को मिल रहा है। भाजपा प्रत्याशी संजय शाह और उन्हीं के भतीजे कांग्रेस प्रत्याशी अभिजीत शाह सीट पर अपनी जीत सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इस क्षेत्र में कुल सात प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं।                                                                                                                                           
चुनावी सभाओं की बात की जाए, तो कांग्रेस सांसद नकुलनाथ हरदा विधानसभा क्षेत्र में काग्रेसी प्रत्याशी डा रामकिशोर दोगने के समर्थन में एक सभा को संबोधित कर चुके हैं, वहीं केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर भी हरदा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी श्री पटेल के समर्थन में एक जनसभा ले चुके हैं। इसी प्रकार टिमरनी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी संजय शाह के समर्थन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक जनसभा को संबोधित कर चुके हैं। भाजपा जहां केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियों को आगे रख रही है, तो कांग्रेस भाजपा के खिलाफ सत्ता के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार को मुख्य औजार के रूप में सामने लाती हुयी प्रतीत हो रही है।हरदा जिले के दोनों विधानसभा क्षेत्रों हरदा और टिमरनी में कुल 4,25,595 मतदाता हैं, जिनमें 2,19,360 पुरुष, 2,06,229 महिला और छह थर्ड जेंडर शामिल हैं। इसमें से हरदा विधानसभा में कुल 2,35,975 मतदाता है, जिनमें 1,21,566 पुरुष, 1,14,404 महिला और पांच थर्ड जेंडर शामिल हैं। टिमरनी विधानसभा क्षेत्र में कुल 1,89,620 मतदाता हैं, जिनमें 97,794 पुरुष, 91,825 महिला और एक थर्ड जेंडर मतदाता शामिल है। जिले की मतदाता सूची में 3,997 दिव्यांग मतदाता चिन्हित किये गये हैं। जिले में कुल 517 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं, जिनमें से हरदा विधानसभा में 274 और टिमरनी विधानसभा क्षेत्र में 243 मतदान केन्द्र हैं। सभी केंद्रों पर इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के जरिए 17 नवंबर को मतदान के साथ ही सभी प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में बंद हाे जाएगी। मतों की गिनती तीन दिसंबर को होगी।जिला प्रशासन निष्पक्ष और शांतिपूर्ण ढंग से मतदान कराने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए उसने सभी आवश्यक कदम उठाए हैं।