कान्हा की नगरी में बोले मोदी, मथुरा और ब्रज विकास से नहीं रहेंगे दूर, भगवान के होंगे दिव्य दर्शन

पीएम मोदी 32 साल के अंतराल के बाद भगवान कृष्ण के जन्मस्थान पहुंचे हैं।

कान्हा की नगरी में बोले मोदी, मथुरा और ब्रज विकास से नहीं रहेंगे दूर, भगवान के होंगे दिव्य दर्शन

उत्तर प्रदेश : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रहस्यवादी कवि और भगवान कृष्ण भक्त की 525वीं जयंती मनाने के लिए आयोजित 'मीराबाई जन्मोत्सव' में भाग लेने के लिए उत्तर प्रदेश के मथुरा पहुंचे। उन्होंने कृष्ण जन्मभूमि पर पूजा-अर्चना भी की और ऐसा करने वाले वह पहले प्रधानमंत्री बने।

पीएम मोदी 32 साल के अंतराल के बाद भगवान कृष्ण के जन्मस्थान पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि मीराबाई का 525वां जन्मोत्सव केवल एक संत का जन्मोत्सव नहीं है। ये भारत की एक सम्पूर्ण संस्कृति का उत्सव है, ये प्रेम-परंपरा का उत्सव है, ये उत्सव नर और नारायण में, जीव और शिव में, भक्त और भगवान में, अभेद मानने वाले विचार का भी उत्सव है। 

मोदी ने कहा कि हमारा भारत हमेशा से नारीशक्ति का पूजन करने वाला देश रहा है। ये बात ब्रजवासियों से बेहतर और कौन समझ सकता है। यहां कन्हैया के नगर में भी ‘लाडली सरकार’ की ही पहले चलती है। यहां सम्बोधन, संवाद, सम्मान, सब कुछ राधे-राधे कहकर ही होता है। कृष्ण के पहले भी जब राधा लगता है, तब उनका नाम पूरा होता है। इसलिए हमारे देश में महिलाओं ने हमेशा जिम्मेदारियां भी उठाई हैं, और समाज का लगातार मार्गदर्शन भी किया है।

उन्होंने कहा कि संत मीराबाई जी ने उस कालखंड में समाज को वो राह भी दिखाई, जिसकी उस समय सबसे ज्यादा जरूरत थी। भारत के ऐसे मुश्किल समय में मीराबाई जैसी संत ने दिखाया कि नारी का आत्मबल, पूरे संसार को दिशा देने का सामर्थ्य रखता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवान कृष्ण लेकर मीरा बाई तक का गुजरात से एक अलग रिश्ता रहा है। यह मथुरा के कान्हा गुजरात जाकर ही द्वारकाधीश बने थे... मीरा की भक्ति बिना वृंदावन के पूरी नहीं होती है। उन्होंने कहा कि ये भारत भूमि की अद्भुत क्षमता है कि जब-जब उसकी चेतना पर प्रहार हुआ, जब-जब उसकी चेतना कमजोर पड़ी, देश के किसी ना किसी कोने में एक जागृत ऊर्जा पुंज ने भारत को दिशा दिखाने के लिए संकल्प ले लिया। और इस पुण्य कार्य के लिए कोई योद्धा बना तो कोई संत। भक्ति काल के हमारे संत, इसका अप्रतिम उदाहरण हैं। उन्होंने वैराग्य और विरक्ति के प्रतिमान गढ़े, और साथ ही हमारे भारत को भी गढ़ा।

नरेंद्र मोदी ने कहा कि मीरा बाई के परिवार और राजस्थान के लोगों ने अपना सब कुछ बलिदान कर दिया। हमारे धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए राजस्थान के लोग दीवार बनकर बीच में खड़े हो गए ताकि भारत की आत्मा की रक्षा हो सके। यह घटना हमें उस त्याग और वीरता की याद दिलाती है।

उन्होंने कहा कि ब्रज क्षेत्र ने मुश्किल से मुश्किल समय में भी देश को संभाले रखा। लेकिन जब देश आज़ाद हुआ, तो जो महत्व इस पवित्र तीर्थ को मिलना चाहिए था, वो हुआ नहीं। जो लोग भारत को उसके अतीत से काटना चाहते थे, जो लोग भारत की संस्कृति से, उसकी आध्यात्मिक पहचान से विरक्त थे, जो आजादी के बाद भी गुलामी की मानसिकता नहीं त्याग पाए, उन्होंने ब्रज भूमि को भी विकास से वंचित रखा।