मोदी की अमेरिका यात्रा हिंद-प्रशांत रणनीतियों को लागू कराने में होगी मददगार - दक्षिण कोरिया

साथ ही उन्होंने इसे अच्छा संकेत बताते हुए कहा कि श्री मोदी के दौरे का मतलब यह भी होगा कि अमेरिका दक्षिण एशिया के प्रति भारत की नीतियों का समर्थन करने की कोशिश करेगा।

मोदी की अमेरिका यात्रा हिंद-प्रशांत रणनीतियों को लागू कराने में होगी मददगार - दक्षिण कोरिया

सोल - दक्षिण कोरियाई विदेश मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की ऐतिहासिक यात्रा का स्वागत करते हुए गुरुवार को कहा कि यह देश के लिए अपनी हिंद-प्रशांत रणनीतियों को लागू करने में मददगार होगा।

साथ ही उन्होंने इसे अच्छा संकेत बताते हुए कहा कि श्री मोदी के दौरे का मतलब यह भी होगा कि अमेरिका दक्षिण एशिया के प्रति भारत की नीतियों का समर्थन करने की कोशिश करेगा। उन्होंने कहा “ यह हमारे लिए भी एक अच्छा संकेत है। भारत के अमेरिका के साथ अलग-अलग संबंध होंगे। इसका मतलब है कि अमेरिका दक्षिण एशिया के प्रति भारत की नीतियों का समर्थन करने की कोशिश करेगा और साथ ही यह हमारे लिए हिंद-प्रशांत नीतियों को लागू करने में मददगार होगा। विशेष रूप से हमारी रणनीति तीन महत्वपूर्ण सिद्धांतों पर आधारित होगी, उनमें से एक समावेशिता होगी।”

कोरियाई अधिकारी ने यहां यूएनआई के एक सवाल का जवाब देते हुए संवाददाताओं से कहा, “ इसलिए, हम महामहिम पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा का स्वागत करते हैं।”

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रथम महिला जिल बाइडेन ने बुधवार को व्हाइट हाउस में श्री मोदी का स्वागत किया। व्हाइट हाउस के अनुसार, राष्ट्रपति, देश की प्रथम महिला और प्रधानमंत्री एक अंतरंग रात्रिभोज के लिए एकत्र हुए और भारतीय क्षेत्र को समर्पित एक संगीतमय शाम का आनंद लिया।

मोदी बुधवार को न्यूयॉर्क से वाशिंगटन पहुंचे जहां उन्होंने दिन की शुरुआत में 9वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक ऐतिहासिक कार्यक्रम का नेतृत्व किया, जिसमें संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी, राजनयिक और प्रमुख हस्तियां शामिल हुईं।

अधिकारियों ने कहा कि प्रधानमंत्री ने श्री बाइडेन को एक विशेष चंदन का बॉक्स उपहार में दिया, जिसमें भारतीय परंपरा और मूल्यों के साथ अनुभव की झलक थी। श्री मोदी ने बुधवार को व्हाइट हाउस में एक अंतरंग रात्रिभोज के दौरान श्री बाइडेन को चंदन का जो बॉक्स दिया उस पर हाथों से सुंदर नक्काशी करके वनस्पतियों और जीव जन्तुओं के चित्राें को उकेरा गया था। इसे जयपुर के एक मास्टर शिल्पकार द्वारा बनाया गया।