विरोधी ताकतें सिख संस्थानों को तबाह करने में जुटीं- धामी

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एसजीपीसी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि सिख विरोधी ताकतें सिख संस्थानों को तोड़ने की योजना बना रही हैं, जिससे सावधान रहने की जरूरत है।

विरोधी ताकतें सिख संस्थानों को तबाह करने में जुटीं- धामी

अमृतसर  - शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने सिख समुदाय के महान सेनापति सरदार जस्सा सिंह रामगढ़िया की 300वीं जयंती को समर्पित समारोह दिल्ली के हरिनगर स्थित डीडीए मैदान में आयोजित किया।

सोमवार की रात को आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एसजीपीसी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि सिख विरोधी ताकतें सिख संस्थानों को तोड़ने की योजना बना रही हैं, जिससे सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पहले पंजाब से बाहर के तख्तों की समितियों को तोड़ कर उनके स्थान पर बोर्ड बनाए गए, फिर दिल्ली की गुरूद्वारा प्रबंधक समिति पर अप्रत्यक्ष रूप से कब्जा किया गया और अब हरियाणा के लिए अलग गुरूद्वारा समिति बना कर सिख शक्ति को कमजोर किया जा रहा है। उन्होने खालसा स्थापना दिवस (वैसाखी) के दिन गुरु घरों में भारी पुलिस बल तैनात कर पंजाब सरकार द्वारा की गई राजनीति की भी कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि खालसा स्थापना दिवस के मौके पर संगत की भावना होती है कि वह तख्त साहिब के आगे झुककर अमृतपान करें, लेकिन इस दिन पंजाब में सरकार द्वारा बनाए गए आतंक के माहौल ने लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।

एसजीपीसी अध्यक्ष ने शताब्दी कार्यक्रम की सफलता के लिए दिल्ली के लोगों को धन्यवाद दिया और उन्हें पांच मई को श्री अमृतसर में आयोजित होने वाले मुख्य कार्यक्रम में पूरी तरह से भाग लेने के लिए आमंत्रित किया।

इस अवसर पर शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि सिख धर्म का सिद्धांत सबसे अधिक धर्मनिरपेक्ष है। सिख समुदाय हमेशा सभी की भलाई के लिए प्रार्थना करता है। उन्होंने एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम में श्री आनंदपुर साहिब के प्रस्ताव को गलत तरीके से पेश करके सिखों को अलगाववादी विचारधारा के तौर पर प्रचारित करने की भी कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि सिखों को किसी से देशभक्ति का सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है, क्योंकि सिखों ने देश की आजादी और रक्षा के लिए सबसे ज्यादा कुर्बानी दी है। बादल ने कहा कि आज सिख समुदाय की संस्थाओं को कमजोर करने की साजिशें हो रही हैं, इसलिए आज जरूरत है कि संप्रदाय विरोधी ताकतों को चिन्हित किया जाए। उन्होंने कहा कि सिख राष्ट्र के महान जनरलों की शताब्दी एक ऐसा अवसर होते हैं जब युवाओं में उनके इतिहास और विरासत को जानने की इच्छा होती है।

कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ अकाली नेता शिरोमणि अकाली दल की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष बलविंदर सिंह भुंदड़, दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के पूर्व अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना, मनजीत सिंह जीके, दिल्ली कमेटी की सदस्य बीबी रंजीत कौर ने भी संबोधित किया।