11 मई से जन संघर्ष यात्रा निकालेंगे पायलट

गहलोत पर वार करते हुआ कहा- उनकी नेता सोनिया गांधी नहीं, वसुंधरा राजे हैं

11 मई से जन संघर्ष यात्रा निकालेंगे पायलट

जयपुर : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल में ही वसुंधरा राजे को लेकर एक बड़ा बयान दिया था। इस बयान के बाद से राजस्थान की राजनीति तेज हो गई है। इन सब के बीच आज सचिन पायलट ने अशोक गहलोत पर जबरदस्त तरीके से प्रहार किया है। सचिन पायलट ने साफ तौर पर कहा कि मैंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का धौलपुर का भाषण सुना, उसे सुनकर ऐसा लगता है कि उनकी नेता सोनिया गांधी नहीं वसुंधरा राजे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एक तरफ यह कहा जा रहा है कि हमारी सरकार को गिराने का काम भाजपा कर रही थी, दूसरी तरफ कहा जाता है कि हमें बचाने का काम वसुंधरा राजे कर रही थी। आप कहना क्या चाहते हैं, आपको स्पष्ट करना चाहिए। 

इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को कहा था कि उनकी सरकार 2020 के राजनीतिक संकट से बच गई क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और विधायक कैलाश मेघवाल ने उनकी सरकार को गिराने के ‘षडयंत्र’ का समर्थन नहीं किया। इसके साथ ही सचिन पायलट ने गद्दारी वाले बयान पर भी पलटवार किया है। सचिन पायलट ने साफ तौर पर कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष की बात नहीं मानना भी गद्दारी है। उन्होंने कहा कि मुझे बहुत कुछ कहा गया कोरोना, गद्दार आदि। मैं ढाई साल से यह सब सुन रहा था लेकिन हम चुप थे क्योंकि हम अपनी पार्टी को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते थे लेकिन अपने ही विधायकों और नेताओं को बदनाम करना और भाजपा का गुणगान करना मेरे समझ से परे है। 

इसके साथ ही उन्होंने ऐलान किया कि मैं 11 मई को अजमेर से एक जन संघर्ष यात्रा निकालूंगा और हम जयपुर की तरफ आएंगे। यह 125 किमी की यात्रा होगी। सही निर्णय तब लिए जाएंगे जब जनता का पूरा साथ होगा। उन्होंने कहा कि जनता के बीच जाऊंगा और मुद्दे को उठाऊंगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पेपर लीक जैसे मुद्दे को लेकर ही जन जन संघर्ष यात्रा होगी। यह यात्रा अजमेर से जयपुर तक निकलेगी। कांग्रेस के युवा नेता ने साफ तौर पर कहा कि मुख्यमंत्री का भाषण सुनने के बाद मैं पूरी तरीके से हैरान हूं। कुछ लोग चाहते हैं कि कांग्रेस कमजोर हो जाए। कुछ लोग बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अब समझ में आ रहा है कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई?