राहुल गांधी को विशेषाधिकार हनन का नोटिस मिला, 15 फरवरी तक देंगे जवाब

लोकसभा में पीएम मोदी की गैर-मौजूदगी में आरोप लगाने पर दिया गया है नोटिस नियमों के तहत लोकसभा अध्यक्ष तय करेंगे कि राहुल गांधी के खिलाफ ऐक्शन

राहुल गांधी को विशेषाधिकार हनन का नोटिस मिला, 15 फरवरी तक देंगे जवाब

नई दिल्ली- कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा सांसद राहुल गांधी को विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया गया है। लोकसभा सचिवालय की तरफ से जारी नोटिस में राहुल गांधी को जवाब देने के लिए 15 फरवरी की मियाद दी गई है। केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के लिए पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलेत हुए आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री के अरबपति गौतम अडानी के साथ संबंध हैं। इसी के खिलाफ संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी और बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने राहुल को विशेषाधिकार हनन नोटिस भेजा था।

क्या कर सकते हैं लोकसभा अध्यक्ष

नियम के मुताबिक, अब राहुल गांधी नोटिस का जवाब देंगे। उस पर लोकसभा अध्यक्ष विचार करेंगे। अगर उन्हें लगेगा कि राहुल गांधी के जवाब पर विशेषाधिकार समिति को विचार करना चाहिए तो वह समिति के पास नोटिस का जवाब भेज सकते हैं। अगर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को राहुल गांधी के जवाब को समिति के पास भेजने की जरूरत नहीं महसूस होगी तब वह इस पर लोकसभा में ही चर्चा करवाएंगे। लोकसभा की वेबसाइट पर दिए गए गए रूल बुक के मुताबिक, लोकसभा अध्यक्ष पर निर्भर है कि वह मामले को सदन में ही उठाने का निर्णय करें या फिर उसे विशेषाधिकार समिति के पास भेजें।

नियम कहता है, ‘विशेषाधिकार का प्रश्न उठाए जाने के लिए सभा द्वारा अनुमति दिए जाने के बाद उस मामले पर सभा द्वारा स्वयं विचार और निर्णय किया जा सकता है या उसे सभा द्वारा, किसी सदस्य के प्रस्ताव पर परीक्षण, अन्वेषण और प्रतिवेदन के लिए विशेषाधिकार समिति को सौंपा जा सकता है। हालांकि, सामान्य प्रथा यह है कि शिकायत वाला मामला विशेषाधिकार समिति को सौंप दिया जाता है और सभा अपना निर्णय समिति का प्रतिवेदन सभा में पेश किए जाने तक स्थगित रखती है। हालांकि, जहां सभा देखती है कि मामला बहुत ही मामूली है या अपराधी ने पर्याप्त क्षमा याचना कर ली है, उस मामले में आगे की कोई कार्यवाही न करने का निर्णय करके सभा स्वयं उस मामले को निपटा देती है।

लोकसभा में होगी चर्चा?

अगर लोकसभा अध्यक्ष मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजने का मन बनाएंगे तो 15 सदस्यों की समिति का गठन किया जाएगा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को अलग-अलग दलों के सदस्यों से समिति का गठन करेंगे। यही समिति विचार करेगी कि विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव सही है या नहीं। अगर समिति ने राहुल गांधी को विशेषाधिकार हनन का दोषी पाया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी। रूल बुक में कहा गया है, ‘अध्यक्ष विशेषाधिकार या अवमानना का कोई मामला खुद ही विशेषाधिकार समिति को परीक्षण, अन्वेषण और प्रतिवेदन के लिए सौंप सकता है। ऐसा करते हुए अध्यक्ष को यह विचार और निर्णय करने के लिए कि क्या वह मामला समिति को इस प्रकार सौंपा जाए, उस मामले को सभा में लाने की आवश्यकता नहीं होती है। ऐसे उल्लिखित मामलों पर समिति के प्रतिवेदन अध्यक्ष को प्रस्तुत किए जाते हैं जो प्रतिवेदन को सभा पटल पर रखने के लिए निर्देश दे सकता है।

राहुल पर नियमों को तोडऩे का आरोप

ध्यान रहे कि संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने राहुल गांधी पर लोकसभा के कामकाज के नियम 353 और 369 के उल्लंघन का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि नियम 353 के तहत जो सदन में मौजूद नहीं हो, उसके खिलाफ आरोप नहीं लगाए जा सकते क्योंकि वह अपना बचाव नहीं कर सकता है। नियम 353 ही कहता है कि किसी सदस्य को किसी अन्य सदस्य के खिलाफ आरोप मढऩे से पहले लोकसभा सचिवालय को बताना होता है और लोकसभा अध्यक्ष से अनुमति लेनी होती है। वहीं, नियम 369 के तहत कोई सदस्य सदन में कोई कागज दिखाए तो उसे उसकी सत्यता का प्रमाण पेश करना होता है। संसदीय कार्य मंत्री का कहना है कि राहुल गांधी ने इन दोनों ही नियमों की अवहेलना की है।

राहुल ने पीएम मोदी पर लगाया था आरोप

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेने के दौरान राहुल गांधी ने लोकसभा में अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री पर यह आरोप लगाया था। कांग्रेस सांसद ने 2014 में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के सत्ता में आने के बाद व्यवसायी की संपत्ति में अचानक वृद्धि की ओर इशारा करते हुए अडानी के साथ प्रधानमंत्री मोदी के संबंधों पर सवाल उठाया था। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर क्रोनी कैपिटलिज्म का आरोप लगाया था। लोकसभा सचिवालय के सूत्रों के अनुसार, नोटिस में 7 फरवरी को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान भ्रामक, अपमानजनक, असंसदीय और आपत्तिजनक बयान देने के कारण कांग्रेस नेता राहुल गांधी से जवाब मांगा गया है। 10 फरवरी को लिखे एक पत्र में सचिवालय ने राहुल गांधी से 15 फरवरी तक नोटिस पर अपना जवाब देने को कहा है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 8 फरवरी को स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखकर राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया था। नोटिस में कांग्रेस नेता पर प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ बिना किसी दस्तावेजी सबूत के आरोप लगाने और सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया गया है।