बंगाल में पंचायत चुनाव परिणाम के दिन भी हिंसा और रक्तपात की काली सच्चाई देखी गई: मजुमदार

श्री मजूमदार कल रात किये श्रृखंलाबद्ध ट्वीट में कहा, “बंगाल में हालिया पंचायत चुनावों ने हिंसा और रक्तपात का एक परेशान करने वाला दृश्य उजागर किया है, जिससे पूरा देश सदमे में है। परिणाम की घोषणा के दौरान भी भाजपा कार्यकर्ताओं पर बेरहमी से हमला कर उनकी हत्या कर दी गई।”

बंगाल में पंचायत चुनाव परिणाम के दिन भी हिंसा और रक्तपात की काली सच्चाई देखी गई: मजुमदार

कोलकाता - पश्चिम बंगाल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस का आतंक पंचायत चुनाव परिणाम की घोषणा के दिन भी जारी रहा और चुनाव हिंसा तथा रक्तपात की काली सच्चाई देखी गई है।

श्री मजूमदार कल रात किये श्रृखंलाबद्ध ट्वीट में कहा, “बंगाल में हालिया पंचायत चुनावों ने हिंसा और रक्तपात का एक परेशान करने वाला दृश्य उजागर किया है, जिससे पूरा देश सदमे में है। परिणाम की घोषणा के दौरान भी भाजपा कार्यकर्ताओं पर बेरहमी से हमला कर उनकी हत्या कर दी गई।”

उन्होंने कहा कि यह गंभीर वास्तविकता मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शासन के तहत हिंसा के काले चेहरे को दर्शाती है, उन्होंने शांति बहाल करने और लोगों की रक्षा के लिए तत्काल कार्रवाई का आह्वान किया है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हर ऐसी हिंसक घटना के लिए ज़िम्मेदार हैं। बालुरघाट से भाजपा के सांसद ने कहा कि डायमंड हार्बर चुनावी हिंसा और धांधली का एक डरावना मॉडल है। डायमंड हार्बर के मतदान केंद्रों पर कई लोगों की मौत हुई है, वहां रक्तपात का एकमात्र उद्देश्य तृणमूल की जीत सुनिश्चित करना था।

उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा प्रतीत होता है कि चुनाव आयोग पिशी-भाइपो आयोग में तब्दील हो गया है, जिसकी काली छाया हमारे लोकतंत्र पर पड़ रही है।

उन्होंने कहा, “महिला मुख्यमंत्री के राज में पंचायत चुनाव के दौरान महिलाओं के साथ जो क्रूर व्यवहार हुआ वह पूरी तरह से अमानवीय है। मतगणना केंद्र में भाजपा एजेंट के रूप में उनकी भूमिका के लिए उन्हें निशाना बनाया गया, जिसके परिणामस्वरूप उन पर हमला हुआ, उनके कपड़े फाड़ दिए गए और उन्हें बाहर फेंका गया। यहां तक कि उनके पति पर भी हमला हुआ।”

उन्होंने सवाल किया, “जो लोग लोकतंत्र के बारे में जोर-शोर से बोलते हैं, वे अब कहां हैं।” उन्होंने कहा, “हमें ऐसी हिंसा की निंदा करनी चाहिए और महिलाओं के अधिकारों और सुरक्षा के लिए खड़ा होना चाहिए।”