देश की संसद ने भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को शहीद दिवस पर दी श्रद्धांजलि

उनकी शहादत को नमन करने लिए 23 मार्च को ‘शहीद दिवस’ के रूप में मनाया जाता

देश की संसद ने भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को शहीद दिवस पर दी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली- भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को लाहौर षड्यंत्र मामले में मौत की सजा सुनाए जाने के बाद आज ही के दिन अंग्रेजी हुकूमत द्वारा फांसी पर लटका दिया गया था, इसलिए उनकी शहादत को नमन करने लिए 23 मार्च को ‘शहीद दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। संसद के दोनो सदनों में इस मौके पर राज्यसभा ने बृहस्पतिवार को शहीद दिवस के मौके पर स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को श्रद्धांजलि अर्पित की। उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही सभापति जगदीप धनखड़ ने शहीद दिवस का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘हमारी स्वतंत्रता के इन नायकों ने आज ही के दिन 1931 में भारत की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। छोटी से उम्र में दिए गए उनके सर्वोच्च बलिदान ने देश की आजादी के आंदोलन को निर्णायक दिशा दी।’’ सभापति ने कहा कि भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने शहादत दी ताकि सभी लोग आजादी और सम्मान से जीवन जी सकें। उन्होंने कहा कि भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की शहादत आने वाली पीढिय़ों को प्रेरित करती रहेंगी।

वहीं, लोकसभा ने बृहस्पतिवार को ‘शहीद दिवस’ पर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को श्रद्धांजलि दी। सदन की बैठक शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शहीद दिवस का उल्लेख करते हुए कहा कि 1931 में आज के ही दिन भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। बिरला ने कहा कि तीनों महापुरुषों ने सर्वोच्च बलिदान देकर स्वाधीन और सशक्त राष्ट्र की नींव रखी। उन्होंने पूरे सदन और राष्ट्र की ओर से तीनों स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी।