हरियाणा के 9 जिलों में कानूनी सहायता रक्षा परामर्श प्रणाली का शुभारम्भ

यमुनानगर में हरियाणा के 15वें नवनिर्मित वैकल्पिक विवाद समाधान (ऐ.डी.आर.) केन्द्र भवन का उद्घाटन

हरियाणा के 9 जिलों में कानूनी सहायता रक्षा परामर्श प्रणाली का शुभारम्भ
हरियाणा के 9 जिलों में कानूनी सहायता रक्षा परामर्श प्रणाली का शुभारम्भ
हरियाणा के 9 जिलों में कानूनी सहायता रक्षा परामर्श प्रणाली का शुभारम्भ
हरियाणा के 9 जिलों में कानूनी सहायता रक्षा परामर्श प्रणाली का शुभारम्भ
यमुनानगर -माननीय न्यायमूर्ति रवि शंकर झा मुख्य न्यायाधीश पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय तथा मुख्य संरक्षक हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने यमुनानगर में हरियाणा के 15वें वैकल्पिक विवाद समाधान (ए.डी.आर.) भवन का उद्घाटन माननीय न्यायमूर्ति ऑगस्टाइन जॉर्ज मसीह न्यायाधीश पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय तथा कार्यकारी अध्यक्ष हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, माननीय न्यायमूर्ति महाबीर सिंह सिंधु प्रशासनिक न्यायाधीश सत्र-डिवीजन यमुना नगर की सौम्य उपस्थिति में किया।
ऐ.डी.आर. केंद्र यमुना नगर का निर्माण 14वें वित्त आयोग के तहत 393.65 लाख रुपये के बजट से किया गया  और इसका कुल क्षेत्रफल 19776 वर्ग फुट है जो तीन मंजिलों में फैला हुआ है।
हरियाणा राज्य में पहले से ही अंबाला, भिवानी, फतेहाबाद, हिसार, जींद, झज्जर, करनाल, कैथल, कुरुक्षेत्र, नारनौल, रोहतक, रेवाड़ी, सिरसा और सोनीपत में 14 अलग-अलग ऐ.डी.आर. भवन हैं जो एक ही छत के नीचे ऐ.डी.आर. तंत्र की विभिन्न सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं। इसमें फ्रंट ऑफिस, स्थायी लोक अदालत (लोक उपयोगी सेवाएं), जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का कार्यालय, मध्यस्थता हॉल, मध्यस्थों के लिए कक्ष, बहुउद्देश्यीय/सम्मेलन हॉल, किड्स जोन, पुस्तकालय, बैठक कक्ष और अन्य सहायक संरचना शामिल हैं। अब ऐ.डी.आर. केंद्र जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा की जा रही सभी कानूनी सेवाओं के लिए वन स्टॉप सेंटर के रूप में कार्य कर रहे हैं। यह अधिवक्ताओं पी.एल.वी. और वादियों के लिए प्रशिक्षण, सेमिनार, बैठकें, परामर्श और कार्यशाला आदि की सुविधा भी प्रदान करता है। यह कानूनी सेवाओं के लिए एक स्वप्निल बुनियादी ढांचा है।
अपने संबोधन के दौरान माननीय न्यायमूर्तिरविशंकर झा मुख्य न्यायाधीश पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय तथा मुख्य संरक्षक हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने अदालतों के बोझ को कम करने में ऐ.डी.आर. तंत्र के महत्व को साझा किया है। माननीय न्यायमूर्तिने आगे कहा कि कानूनी सेवा प्राधिकरण जनता के बीच वैकल्पिक विकल्प समाधान तंत्र के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं ताकि उनके मुद्दों का त्वरित और समय पर निवारण हो सके। ऐ.डी.आर. केंद्र की एक ही छत के नीचे प्रभावी मध्यस्थता और लोक अदालत की कार्यवाही हो रही है। कोरोना महामारी की स्थिति के दौरान भी विधिक सेवा प्राधिकरणों ने न्याय सब के लिए के आदर्श वाक्य को प्राप्त करने के लिए जरूरतमंद व्यक्तियों को प्रभावी और गुणवत्तापूर्ण कानूनी सहायता प्रदान की है।
इन ऐ.डी.आर. केन्द्रों की स्थापना हमारे प्रथागत कानूनी ढांचे के लिए उपयोगी और उचित विकल्प है। ये ऐ.डी.आर. केंद्र सभी घटकों जैसे मध्यस्थता, सुलह, लोक अदालत आदि को एक छत के नीचे लाते हैं जिसके परिणामस्वरूप रचनात्मक समाधान, स्थायी परिणाम, अधिक संतुष्टि और बेहतर संबंध मिलते हैं।
ऐ.डी.आर. केंद्र, नागरिक, वाणिज्यिक, औद्योगिक और पारिवारिक आदि सहित सभी प्रकार के मामलों को हल करने की पेशकश करता है।  इसका फायदा यह है कि प्रक्रिया के दौरान मुकदमेंबाजी का सामना करने वाला प्रत्येक व्यक्ति कम से कम एक बार विवाद को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने के लिए दूसरे पक्ष के साथ बातचीत करने के बारेे में सोचता है। इसका लचीलापन, लागत, प्रभावशीलता, पार्टियों की जीत की स्थिति, त्वरित निपटान, बेहतर और स्वस्थ संबंध बनाए रखना कुछ ऐसे अन्य फायदे हैं।
माननीय न्यायमूर्ति ऐ.जी. मसीह ने भी संबोधित किया कि हालसा न केवल मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने तक ही सीमित है बल्कि एल.ऐ.डी.सी.एस. परियोजना के तहत कानूनी सहायता रक्षा परामर्श प्रणाली की विशेष भागीदारी के साथ हम कानूनी सेवाओं की गुणवत्ता और योग्यता भी सुनिश्चित कर रहे है। अब हलसा का मुख्य उद्देश्य अदालत आधारित कानूनी सेवाओं की गुणवत्ता का विस्तार और इस प्रणाली में लोगों का विश्वास हासिल करना और उन्हें कानूनी सेवा संस्थानों के कामकाज में  विश्वास करना है। कानूनी सेवाओं की गुणवत्ता और क्षमता में वृद्धि इस धारणा को दूर करने के लिए जरूरी है। कानूनी सेवाओं की गुणवत्ता और क्षमता में वृद्धि इस धारणा को दूर करने के लिए जरूरी है कि हम केवल मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करते हैं। हमें भविष्य में कानूनी सेवाओं को अधिक प्रभावी बनाने के लिए गुणवत्ता उन्मुख प्रथाओं को बढ़ावा देने और अपनाने की आवश्यकता है।
माननीय न्यायमूर्ति ने आगे कहा कि हालसा उन व्यक्तियों को सक्षम और गुणवत्तापूर्ण कानूनी सेवाएं प्रदान करने के लिए अधिक प्रतिबद्ध है जो किसी भी भौगोलिक बाधा के बावजूद कानूनी सेवा संस्थानों से संपर्क कर रहे हैं। घंटों समय की जरूरत को समझते हुए हम विभिन्न स्तरों पर कानूनी सेवाओं की दक्षता और ताकत बढ़ाने के लिए डिजिटलीकरण की ओर बढ़ रहे हैं। इस दिशा में हाल ही में हालसा ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के सहयोग से 12 दिसंबर 2022 को एस.बी. कलेक्ट और क्विक रिस्पांस (क्यूआर) कोड के माध्यम से कोस्ट डिपॉजिट की ऑनलाइन सुविधा शुरू की। हम हरियाणा पीडि़त मुआवजा योजना के तहत मुआवजे के लिए ऑनलाइन अपील/आवेदन दाखिल करने के लिए पीडि़त मुआवजा पोर्टल विकसित करने की प्रक्रिया में हैं।
माननीय न्यायमूर्ति  महाबीर सिंह सिंधु ने भी पक्षों के बीच सौहार्दपूर्ण समाधान के साथ मुकदमेबाजी को समाप्त करने के लिए ऐ.डी.आर. तंत्र के प्रभावी उपयोग के बारे में प्रतिभागियों के साथ अपने बहुमूल्य विचार साझा किए हैं।
इस दौरान माननीय न्यायमूर्ति रविशंकर झा ने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में कानूनी सेवाओं को और अधिक पेशेवर बनाने के उद्देश्य से हरियाणा के 9 जिलों हिसार, कैथल, कुरुक्षेत्र, मेवात, भिवानी, जींद, झज्जर, सोनीपत और यमुनानगर में कानूनी सहायता रक्षा परामर्श प्रणाली भी शुरू किया गया है। कानूनी सहायता रक्षा परामर्श प्रणाली में वकीलों की पूर्णकालिक नियुक्ति शामिल है जो विशेष रूप से आपराधिक कानूनी सहायता मामलों से निपटेंगे। यह अपराधिक न्याय के प्रारंभिक चरणों से लेकर अपीलीय स्तर तक कानूनी सेवाएं प्रदान करेगा और इसमें गैर-प्रतिनिधित्व वाले कैदियों की कानूनी जरूरतों को पूरा करने के लिए जेलों का दौरा शामिल होगा। यमुनानगर में कानूनी सहायता रक्षा परामर्श प्रणाली को उनके द्वारा भौतिक रूप से लॉन्च किया गया तथा शेष 8 जिलों में कार्यक्रम स्थल से ही ऑनलाइन लॉन्च किया गया।
उद्घाटन समारोह में शालिनी सिंह नागपाल जिला एवं सत्र न्यायाधीश यमुनानगर,  सुभाष महला जिला एवं न्यायाधीश एवं सदस्य, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण,  आर.सी.  डिमरी, जनरल पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय, चंडीगढ़, डॉ. कविता काम्बोज, संयुक्त सदस्य सचिव, हालसा तथा  दुष्यंत चौधरी सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण यमुनानगर उपस्थित रहे।
पवन कुमार पूनिया अध्यक्ष बार एसोसिएशन यमुना नगर और श्री विदुर अत्री बार अध्यक्ष उप-मंडल बिलासपुर सहित बार के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।
राहुल डूड्डा उपायुक्त यमुना नगर, आयुष सिन्हा अतिरिक्त उपायुक्त यमुना नगर और मोहित हांडा पुलिस अधीक्षक यमुनानगर, नवीन खत्री एक्स.ई.एन. पीडब्लूडी सहित जिला प्रशासन के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। पूरे आयोजन के दौरान 3 जिलों के न्यायिक अधिकारीगण और लीगल एड डिफेंस काऊंसलस भी जुड़े हुए थे। इसके अलावा न्यायिक अधिकारीगण, मध्यस्थगण, अधिवक्तागण, कोर्ट स्टाफ और अन्य सहित लगभग 250 लोगों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के यू-टयूब चैनल पर भी किया गया।