पायलट के गढ़ से शुरू होगा ओवैसी का मिशन

मुस्लिम 40 सीटों पर फोकस, जिनमें 33 अभी कांग्रेस के हाथ में

पायलट के गढ़ से शुरू होगा ओवैसी का मिशन

जयपुर-गहलोत सरकार का इस कार्यकाल का आखिरी बजट पेश होते ही राजस्थान में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज जाएगा। इसकी शुरुआत करेंगे ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी। ओवैसी ने इस बार सचिन पायलट के ग? टोंक में खड़े होकर राजनीतिक ताल ठोकेंगे। टोंक, मुस्लिम बाहुल्य सीट है। वहां ओवैसी जामा मस्जिद में नमाज भी अदा करेंगे। ओवैसी इसी सीट से राजस्थान की 40 सीटों को टारगेट करेंगे। ओवैसी 18 और 19 फरवरी को राजस्थान दौरे पर आ रहे हैं। ओवैसी टोंक विधानसभा सीट के साथ ही भरतपुर जिले की मुस्लिम बाहुल्य सीट कामां में भी सभा को सम्बोधित करेंगे। इसके बाद जयपुर में भी अपनी पार्टी से लोगों को अधिक से अधिक जोडऩे के लिए जनसम्पर्क करेंगे। यहां वे अपने कार्यकर्ताओं को अगले चुनावों में बेहतर प्रदर्शन का सूत्र भी बताएंगे।

मुस्लिम वोट बैंक को साधना मकसद

कांग्रेस यूपी-बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में हार गई थी। कांग्रेस ने हार का ठीकरा ओवैसी की पार्टी पर फोड़ा था। ओवैसी और उनकी पार्टी ने कांग्रेस के मुस्लिम वोट बैंक पर चोट पहुंचाई। कांग्रेस ने आरोप भी लगाए कि ओवैसी को भाजपा ने एजेंट बनाकर मैदान में उतारा। जाहिर है कि ओवैसी के राजस्थान आने का सबसे ब?ा कारण है, यहां का मुस्लिम वोट बैंक। 2011 की जनगणना में यहां मुस्लिम जनसंख्या 9 प्रतिशत से अधिक थी, लेकिन माना जा रहा है कि अगले विधानसभा चुनाव तक इसमें 2 से 3 फीसदी का और इजाफा हो जाएगा। ये कांग्रेस का ही परम्परागत वोट बैंक माना जाता है। ओवैसी का उद्देश्य है राजस्थान में कांग्रेस-भाजपा के बाद तीसरी ब?ी ताकत बनना। इसके लिए वे मुस्लिम वोट बैंक को अपनी ओर करने की कोशिश कर रहे हैं।

सर्वे में लोगों ने दिया समर्थन का दावा

एआईएमआईएम ने दावा किया है कि उनकी ओर से पिछले दिनों कराए गए सर्वे में लोगों ने उनकी पार्टी को समर्थन दिया है। सर्वे में मुस्लिम समुदाय ने कहा है कि एआईएमआईएम राजस्थान में आए और मुस्लिम व दलित की आवाज बने। सर्वे में कहा गया कि मुस्लिम समुदाय के साथ भेदभाव होता रहा है और उनके क्षेत्रों में विकास नहीं हो रहा। इसके अलावा एआईएमआईएम आदिवासियों से जुड़ी भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी), हनुमान बेनीवाल की बनाई राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) सहित अन्य से गठबंधन के लिए संपर्क का दावा कर रही है।

18 जिलों में 40 सीटें, जिसमें मुस्लिम वोटर प्रमुख

राजस्थान के 18 जिलों में करीब 40 ऐसी सीटें हैं जहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या चुनाव हार-जीत में अहम रोल निभाती है। जयपुर, अजमेर, जैसलमेर, बाड़मेर, कोटा, सीकर, झुंझुनूं, चूरू, अलवर, भरतपुर, नागौर जिलों में स्थित सीटों पर हर चुनाव में 16 के आस-पास मुस्लिम प्रत्याशी जीतते रहे हैं। वहीं, इन जिलों में शामिल करीब 24 सीटों पर मुस्लिम वोटरों का समर्थन और नाराजगी चुनाव परिणाम प्रभावित कर देते हैं।