मध्यप्रदेश में 11 बजे तक औसतन 20 से 25 प्रतिशत तक मतदान

11 बजे तक चार घंटों में औसतन 20 से 25 प्रतिशत वोट पड़ने की खबर है।

मध्यप्रदेश में 11 बजे तक औसतन 20 से 25 प्रतिशत तक मतदान

भोपाल:  मध्यप्रदेश में सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों में आज सुबह सात बजे मतदान प्रारंभ हुआ और सुबह 11 बजे तक चार घंटों में औसतन 20 से 25 प्रतिशत वोट पड़ने की खबर है। मतदान शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा है।शुरूआती दो घंटों यानी सुबह सात बजे से नौ बजे तक औसतन 11़ 95 प्रतिशत वोट डाले गए। पुरुषों का वोट प्रतिशत 12़ 1 और महिलाओं का प्रतिशत 11़ 9 प्रतिशत के आसपास रहा। सबसे अधिक मतदान 16 प्रतिशत के आसपास राजगढ़ जिले में और इंदौर जिले में अपेक्षाकृत कम 7 प्रतिशत के आसपास दर्ज हुआ।राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने भोपाल में पत्रकारों को बताया कि मतदान पूरे राज्य में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा है। मुरैना जिले के मिर्घान गांव में दो मतदान केंद्र हैं। वहां पर एक मतदान केंद्र के बाहर गोली चलने की खबर कतिपय मीडिया में आयी हैं, लेकिन मुरैना कलेक्टर ने इसका खंडन किया है। कलेक्टर का कहना है कि गोली नहीं चली। हल्की झड़प हुयी थी और पुलिस ने तुरंत मोर्चा संभाल लिया।श्री राजन ने बताया कि छतरपुर जिले में एक कांग्रेस प्रत्याशी के वाहनचालक की हत्या की घटना कल की है और इसका मतदान से कोई संबंध नहीं है। इस मामले में पुलिस अपना कार्य कर रही है।इस बीच यूनीवार्ता संवाददाता के अनुसार चंबल अंचल के मुरैना जिले के दिमनी विधानसभा क्षेत्र में दो पक्षों के बीच संघर्ष में तीन लोगों के घायल होने की सूचना है। मिर्घान मतदान केंद्र के पास हुयी झड़प में कुछ लोगों ने मतदान करने आए लोगों को पथराव कर रोकने की कोशिश की। पुलिस प्रशासन भी तत्काल हरकत में आ गया। दिमनी से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भाजपा प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं। उनका मुकाबला कांग्रेस के रविंद्र सिंह तोमर और बसपा के बलवीर सिंह दंडोतिया से है।
चंबल अंचल के ही भिंड जिले में मतदान शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा है, लेकिन ऐहतियातन जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों में प्रमुख प्रत्याशियों को नजरबंद कर दिया गया है। मुरैना जिले में भी कुछ प्रत्याशियों को नजरबंद किया गया है।राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अनुसार लगभग पांच करोड़ साठ लाख मतदाताओं में से सुबह 11 बजे तक 20 से 25 प्रतिशत लोगों द्वारा मताधिकार का उपयोग करने की सूचनाएं हैं। मतदान सभी 64 हजार 626 मतदान केंद्रों पर शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा है। इक्का दुक्का स्थानों पर इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में खराबी की सूचना रही, लेकिन मतदान कर्मचारियों ने तुरंत उन्हें दुरुस्त कराकर मतदान जारी रखवाया।शहरी, नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में सामान्यत: मतदाताओं में मतदान के प्रति उत्साह देखा गया। खासतौर से महिलाओं ने सुबह से मतदान केंद्र पहुंचकर मतदान किया। युवा और पहली बार वोट डालने वाले युवक और युवतियों में भी मतदान के प्रति उत्साह देखा जा रहा है।
इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीहोर जिले के गृह गांव जैत में परिवार समेत वोट डाला। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दतिया जिले में मतदान किया। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने छिंदवाड़ा जिले में और वरिष्ठ भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर में वोट किया। इंदौर के राउ क्षेत्र में कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने अपना वोट डाला। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के अनेक नेताओं ने भी अपने अपने गृहनगर स्थित मतदान केंद्र पहुंचकर मताधिकार का उपयोग किया। ग्वालियर में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सपरिवार मतदान किया।नक्सली प्रभावित बालाघाट जिले के बैहर, लांजी और परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के सभी मतदान केंद्राें में मतदान दिन में तीन बजे समाप्त हो जाएगा। इसी तरह नक्सली प्रभाव के कारण मंडला जिले के बिछिया विधानसभा क्षेत्र के 47 और मंडला विधानसभा क्षेत्र के आठ मतदान केंद्रों तथा डिंडोरी जिले के डिंडोरी विधानसभा क्षेत्र के अधीन आने वाले 40 मतदान केंद्रों पर भी वोट डालने का कार्य दिन में तीन बजे तक चलेगा। शेष सभी मतदान केंद्रों में शाम छह बजे तक वोट डाले जाएंगे।“क्रिटिकल” मतदान केंद्रों की संख्या 17 हजार 32 है। कुल एक हजार 316 “वल्नरेबल” क्षेत्र चिंहित किए गए हैं। ऐसे क्षेत्रों पर विशेष निगरानी रखने के लिए सेक्टर अधिकारियों की नियुक्ति की गयी है। लगभग 4028 ऐसे व्यक्तियों की पहचान की गयी है, तो मतदान में बाधा पहुंचा सकते हैं। इसलिए ऐसे लोगों के खिलाफ पहले से ही प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गयी है।निष्पक्ष और शांतिपूर्ण ढंग से मतदान संपन्न कराने के लिए राज्य पुलिस बल के अधिकारियों और जवानों के अलावा रिजर्व पुलिस बल को तैनात किया गया है। “नॉन फोर्स मेजर” के तहत कुल 42 हजार से अधिक मतदान केंद्रों पर वेबकॉस्टिंग और सीसीटीवी के माध्यम से निगरानी की जा रही है। मतदान केंद्रों पर और सख्त निगरानी के लिए प्रत्येक जिला मुख्यालय पर तथा मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय भोपाल में कंट्रोल रूम से वेबकॉस्टिंग को “लाइव” देखा जा रहा है।निर्वाचन आयोग ने सभी मतदाताओं से वोट डालने का अनुरोध किया है और मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए जागरुकता संबंधी काफी प्रयास किए गए हैं। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में 75़ 63 प्रतिशत और वर्ष 2013 के चुनाव में 72़ 69 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था।राज्य में सोलहवीं विधानसभा के गठन के लिए हो रहे चुनाव में कुल 2533 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें 2280 पुरुष, 252 महिलाएं और एक अन्य (थर्ड जेंडर) प्रत्याशी शामिल हैं। मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान बुधनी से, पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ छिंदवाड़ा से और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर दिमनी से, प्रहलाद पटेल नरसिंहपुर से और फग्गन सिंह कुलस्ते मंडला जिले के निवास से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इसके अलावा भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय इंदौर एक क्षेत्र से तथा चार सांसद, राज्य सरकार के दो दर्जन से अधिक मंत्री और अन्य प्रमुख नेताओं की किस्मत भी मतदान के बाद ईवीएम में कैद हो जाएगी।कुल 2533 प्रत्याशियों में भाजपा और कांग्रेस के 230-230 के अलावा बसपा के 181, सपा के 71 और 1166 निर्दलीय प्रत्याशी भी शामिल हैं। मतदाताओं की कुल संख्या पांच करोड़ 60 लाख 58 हजार से अधिक है, जिनमें दो करोड़ 87 लाख 82 हजार से ज्यादा पुरुष और दो करोड़ 71 लाख, 99 हजार से ज्यादा महिलाएं शामिल हैं। अन्य मतदाता यानी थर्ड जेंडर की संख्या 1292 है।पंद्रहवीं विधानसभा के गठन के लिए 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में किसी भी दल काे स्पष्ट बहुमत (116 सीट) नहीं मिला था। उस समय कांग्रेस 114 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी और उसने अन्य दलों के साथ मिलकर दिसंबर 2018 में सरकार बनायी थी। भाजपा को 109 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था। इसके अलावा चार निर्दलीयों के साथ ही बसपा के दो और सपा के एक प्रत्याशी ने विजय हासिल की थी।मार्च 2020 में तत्कालीन कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के अपने समर्थक विधायकों के साथ दलबदल करने के कारण कांग्रेस सरकार का पतन हो गया था और भाजपा फिर से सत्ता में आ गयी। इसके बाद हुए उपचुनावों के चलते विधानसभा में वर्तमान में भाजपा के सदस्यों की संख्या बढ़कर 127 और कांग्रेस सदस्यों की संख्या घटकर 96 हो गयी है। नयी सरकार के गठन को लेकर तस्वीर तीन दिसंबर को मतगणना के साथ साफ हो जाएगी।