भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने की पंच-सरपंचों पर लाठीचार्च की कड़े शब्दों में निंदा

कहा- प्रजातंत्र में लाठी और गोली के जोर नहीं चल सकती सरकार, ई-टेंडरिंग को खारिज कर चुनी हुई पंचायतों को अधिकार दे बीजेपी-जेजेपी, अन्य राज्य के लोगों को हरियाणा की नौकरियां देने के लिए नियमों में फेरबदल कर रही है सरकार, कौशल निगम की ठेकेदारी प्रथा के जरिए हरियाणवी युवाओं के भविष्य से हो रहा है खिलवाड़- हुड्डा

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने की पंच-सरपंचों पर लाठीचार्च की कड़े शब्दों में निंदा

पानीपत- पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पंचकूला में पंचायत प्रतिनिधियों पर हुए लाठीचार्ज की कड़े शब्दों में निंदा की है। उनका कहना है कि यह सरकार लगातार लोकतांत्रिक आवाजों को दबाने की कोशिश कर रही है। जबकि प्रजातंत्र में लाठी और गोली के जोर पर सरकार नहीं चल सकती। इसके लिए जनता से संवाद और उसका सहयोग जरूरी है। इस सरकार ने पहले किसान, फिर जवान, उसके बाद कर्मचारी और अब पंच-सरपंच पर लाठियां बरसाई। आने वाले चुनाव में जनता इस अत्याचार का बदला वोट की चोट से लेगी।

हुड्डा आज पानीपत में सामाजिक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे। इसके बाद  बयान में उन्होंने कहा कि आज किसान, मजदूर, कर्मचारी से लेकर पंच-सरपंच, प्रदेश का हर वर्ग बीजेपी-जेजेपी के खिलाफ आंदोलनरत है। हर महीने किसी ना किसी वर्ग पर लाठीचार्ज की खबरें आती रहती हैं। इससे स्पष्ट है कि इस सरकार से जनता का मोहभंग हो चुका है और यह सरकार उनकी समस्याओं का समाधान करने में पूरी तरह नाकाम है।

उन्होंने कहा कि जनता का विश्वास जीतने के लिए अपने वादों को निभाना पड़ता है। कांग्रेस कार्यकाल के दौरान सरकार ने मेनिफेस्टो में लिखे अपने 1-1 वादे को पूरा किया था। लेकिन बीजेपी-जेजेपी ने चुनावी घोषणा पत्र के किसी भी वादे को पूरा नहीं किया। गठबंधन सहयोगी बीजेपी ने 5100 रुपए बुढ़ापा पेंशन देने, ओपीएस लागू करने, एमएसपी गारंटी का कानून बनाने जैसे वादे करके लोगों के वोट हासिल किए थे। लेकिन सत्ता में आने के बाद इन वादों को भुला दिया गया।

कांग्रेस कार्यकाल के दौरान गरीब परिवारों को 100-100 गज के प्लॉट, पानी की टंकी और मुफ्त बिजली-पानी कनेक्शन दिए गए थे। लेकिन अब बीजेपी-जेजेपी सरकार द्वारा इन परिवारों को हजारों रुपए के बिल थमाए जा रहे हैं। इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए नेता प्रतिपक्ष ने भरोसा दिलाया कि कांग्रेस सरकार बनने पर इन तमाम बिलों को माफ किया जाएगा, जिस तरह कांग्रेस ने किसानों के ₹1600 करोड़ के  बिजली बिल माफ किए थे। इसी तरह एकबार फिर गरीब परिवारों को राहत दी जाएगी।

साथ ही किसानों को भी कर्ज माफी से कर्ज मुक्ति तक की स्थिति में पहुंचाया जाएगा। इसके बारे में कांग्रेस के रायपुर में हुए महा अधिवेशन में विस्तार से चर्चा हुई। इसमें पेश किए गए कृषि संबंधी मसौदे में किसानों को स्वामीनाथन आयोग के सी2 फार्मूले के तहत एमएसपी देने, एमएसपी गारंटी का कानून बनाने, कृषि मजदूरों के कल्याण, फसल बीमा योजना को प्राइवेट की बजाय सहकारी कंपनियों के हवाले करने जैसे कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए।

इस मौके पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मौजूदा सरकार ना किसानों को एमएसपी दे पा रही है और ना ही वक्त पर मुआवजा। सरसों किसानों की स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि 5450 रुपये एमएसपी वाली सरसों आज ₹4000 प्रति क्विंटल के रेट पर पिट रही है। यही स्थिति बाजरा की हुई थी। सरकार ने भावांतर योजना के तहत बाजरा किसानों की भरपाई का ऐलान किया था। लेकिन उन्हें ना किसी तरह का भाव मिला और ना ही भावांतर। इसलिए कांग्रेस किसानों का एमएसपी की गारंटी देना चाहती है।

हुड्डा ने आगे बताया कि कांग्रेस ने हरियाणा में सरकार बनने पर बुजुर्गों को ₹6000 पेंशन और जनता को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने का भी फैसला लिया है। कांग्रेस कार्यकाल के दौरान शुरू की गई राइट टू फूड जैसी बहुत सारी कल्याणकारी योजनाओं को फिर शुरू किया जाएगा। ऐसी योजनाओं के चलते उस वक्त हरियाणा प्रति व्यक्ति आय, प्रति व्यक्ति निवेश और विकास के तमाम पैमानों पर नंबर वन था। लेकिन आज हरियाणा बेरोजगारी और अपराध में नंबर वन है। विकास की कोई बड़ी परियोजना स्थापित किए बिना मौजूदा सरकार ने कर्ज समेत तमाम देनदारियों को मिलाकर प्रदेश को लगभग 4 लाख करोड़ रुपए के कर्ज में डुबो दिया है।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मौजूदा सरकार हरियाणा के युवाओं के साथ के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। अन्य राज्यों के लोगों को प्रदेश की नौकरियां देने के लिए लगातार नियमों में फेरबदल किए जा रहे हैं। पहले इस सरकार ने ग्रुप ए और बी की नौकिरयों में बाहरी उम्मीदवारों को तरजीह दी। अब सोशियो-इकॉनोमिक के अंक दूसरे राज्य के लोगों को देने का फैसला करके ग्रुप सी और डी की नौकरियों से भी हरियाणवी युवाओं को वंचित करने का काम किया है। हरियाणा के युवाओं को कौशल निगम जैसी शोषण करने वाली ठेकेदारी व्यवस्था के हवाले किया जा रहा है। यही वजह है कि आज हरियाणा बेरोजगारी में पूरे देश में टॉप पर है।