गौहत्या कानून हटाने के खिलाफ भाजपा ने दी प्रदेशव्यापी आंदोलन की धमकी

अब सरकार गाय विरोधी कानून को वापस लेने पर विचार कर रही है, हम इसका विरोध करते हैं

गौहत्या कानून हटाने के खिलाफ भाजपा ने दी प्रदेशव्यापी आंदोलन की धमकी

बेंगलुरु : कर्नाटक भारतीय जनता पार्टी ने राज्य में गोहत्या कानून पर से प्रतिबंध हटाने की स्थिति में राज्य भर में आंदोलन करने की धमकी दी है। भाजपा के विधान परिषद सदस्य एन रावकुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘गाय और बैल हमारे किसानों के मित्र हैं, अगर भारत में खेती को बनाए रखना है, गाय, बैल और भैंसों को जीवित रहना है। अब सरकार गाय विरोधी कानून को वापस लेने पर विचार कर रही है, हम इसका विरोध करते हैं और अगर इसे हटा लिया जाता है, तो हम राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे।’ भाजपा नेता कर्नाटक के पशुपालन मंत्री के वेंकटेश के गोवध पर प्रतिबंध को हटाने के इरादे पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, उन्होंने विवादित बयान दिया कि अगर भैंस और बैल काटे जा सकते हैं, तो गायों का क्यों नहीं। उन्होंने तीन जून को गोहत्या विरोधी कानून पर एक नजऱ डालने की मांग की।

कर्नाटक पशुवध रोकथाम और पशु संरक्षण अधिनियम जिसे भाजपा सरकार ने 2021 में लागू किया था। तब कांग्रेस ने इस कानून का विरोध किया था। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने रविवार को कहा था कि वह महात्मा गांधी थे जिन्होंने सबसे पहले गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने की वकालत की थी और अगर कर्नाटक में इसकी अनुमति दी जाती है तो इससे राज्य में बड़े पैमाने पर गायों की तस्करी तथा सामूहिक वध कारखानों को बढ़ावा मिलेगा। इस बीच, विजयपुरा में भाजपा कार्यकर्ताओं ने सिद्धेश्वर मंदिर के सामने गोवध कानून को निरस्त करने की कांग्रेस सरकार की मंशा के खिलाफ धरना दिया। भाजपा कार्यकर्ताओं ने बिजली की कीमतों में वृद्धि और सरकार द्वारा दिए गए फर्जी 5जी (पांच गारंटी) के खिलाफ भी विरोध किया। उन्होंने बिजली मूल्य वृद्धि को तत्काल हटाने की मांग की।