महिलाओं को फ्री यात्रा कराने वाली शक्ति योजना क्या है

कर्नाटक सरकार गाइडलाइन क्यों बना रही?

महिलाओं को फ्री यात्रा कराने वाली शक्ति योजना क्या है

बेंगलुरु : कर्नाटक की कांग्रेस सरकार विधानसभा चुनाव से पहले किए गए चुनावी वादों को पूरा करने में लगी है। इसी कड़ी में सिद्धारमैया सरकार ने बीते रविवार को राज्य की महिलाएं को सरकारी बसों से निशुल्क यात्रा के लिए ‘शक्ति’ योजना शुरू की। योजना लागू होने के बाद से सरकारी बसों में भीड़ बहुत बढ़ गई है। इसके चलते कई स्थानों पर अव्यवस्था की खबरें भी आई हैं। इस बीच राज्य के परिवहन विभाग ने यात्रियों के लिए गाइडलाइन तय करने का निर्णय लिया है। 

शक्ति योजना को 11 जून 2023 को लॉन्च किया गया। सरकार की मानें तो योजना शुरू करने के पीछे मुख्य उद्देश्य महिलाओं को मुफ्त बस सेवा प्रदान करके उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। शक्ति योजना के तहत, राज्य की सभी महिला लाभार्थियों को पूरे कर्नाटक में मुफ्त बस की सवारी प्रदान की जाएगी। शक्ति योजनान्तर्गत नि:शुल्क बस सेवा केवल कर्नाटक राज्य सडक़ परिवहन निगम की बसों में प्रदान की जाएगी। इससे 42 लाख से अधिक महिलाओं के लाभान्वित होने की उम्मीद है। शक्ति योजना की सालाना लागत 3,600 करोड़ रुपये आने का अनुमान है। शक्ति योजना के तहत राज्य सडक़ परिवहन निगम की चार बसों में रोजाना औसतन 54 लाख महिलाएं सफर करती हैं। उनके मुफ्त टिकटों की कीमत प्रति दिन लगभग 11-12 करोड़ रुपये है। प्रति माह लगभग 300 करोड़ रुपये और एक वर्ष में लगभग 3,600 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह पैसा सरकार द्वारा सब्सिडी या अनुदान के रूप में निगमों को दिया जाना है। शक्ति योजना से पहले, प्रति दिन आय 23 करोड़ रुपये थी।

शक्ति योजना ने महिलाओं को चार निगमों की बसों में मुफ्त यात्रा करने की अनुमति दी गई है। कहा गया कि योजना शुरू होने के बाद यात्रियों की कुल संख्या में 32 फीसदी की वृद्धि हुई है। पहले इन बसों में रोजाना औसतन 82 लाख यात्री सफर करते थे। शक्ति योजना लागू होने के बाद प्रतिदिन करीब एक करोड़ 10 लाख यात्री बसों में सवारी कर रहे हैं। लगभग 28 लाख महिलाओं के एक से अधिक बार यात्रा करने की संभावना है। शक्ति योजना ने कामकाजी महिलाओं को सुविधा प्रदान की है। शक्ति योजना, गृहिणियों, सेल्सगर्ल्स और छात्राओं के लिए बहुत मददगार है। पहले बीएमटीसी (बेंगलुरु महानगर परिवहन निगम) महिलाओं के मासिक पास के लिए 1,200 रुपये और केएसआरटीसी 1,500 रुपये प्रति माह चार्ज कर रही थी और अब वे मुफ्त यात्रा कर सकती हैं।  मुफ्त यात्रा के शुरू होने के बाद से बसें महिलाओं से अत्यधिक भरी हुई जा रही हैं। इससे छात्रों को बस में जगह नहीं मिलती है और वे समय पर स्कूल और कॉलेज नहीं पहुंच पा रहे हैं। छात्रों ने मांग की है कि उनके लिए 25 फीसदी सीटें आरक्षित की जाएं।