ईं टेंडरिंग व रिकॉल के विरोध में ब्लॉक सरपंच एसोसिएशन ने बीडीपीओ कार्यालय विरोध प्रदर्शन किया

इस अवसर पर प्रधान पम्मी खेडकी ने बताया कि उनका अपनी मांगों को लेकर प्रदेशभर में सरकार विरोधी धरना प्रदर्शन चल रहा है। ऐसे में उनके साथ एसडीएम द्वारा अभद्र व्यवहार करना ठीक नहीं है।

ईं टेंडरिंग व रिकॉल के विरोध में ब्लॉक सरपंच एसोसिएशन ने बीडीपीओ कार्यालय  विरोध प्रदर्शन किया

रादौर- ईं टेंडरिंग व रिकॉल के विरोध में ब्लॉक सरपंच एसोसिएशन की ओर से मंगलवार को बीडीपीओ कार्यालय रादौर में विरोध प्रदर्शन किया गया। ब्लॉक सरपंच एसोसिएशन के प्रधान पम्मी खेडकी के नेतृत्व में सरपंचों ने सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए बीडीपीओ कार्यालय पर ताला जड़ दिया। आरोप है कि सरपंचों के विरोध प्रदर्शन को लेकर एसडीएम रादौर अमित कुमार ने सरपंचों के प्रति कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया तो इस पर सरपंच भड़क उठे। गुस्साए सरपंचों ने विरोध स्वरूप एसडीएम कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की ओर अधिकारियों के प्रति रोष प्रकट किया। जिसके बाद डीएसपी रादौर रजत गुलिया भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और सरपंचों से बात की। बाद में अधिकारियों ने बीच बचाव कर मामले को सुलझाया। जिसके बाद सरपंचों ने एसडीएम कार्यालय के सामने दिया जा रहा धरना प्रदर्शन समाप्त किया।

इस अवसर पर प्रधान पम्मी खेडकी ने बताया कि उनका अपनी मांगों को लेकर प्रदेशभर में सरकार विरोधी धरना प्रदर्शन चल रहा है। ऐसे में उनके साथ एसडीएम द्वारा अभद्र व्यवहार करना ठीक नहीं है। उनकी लड़ाई सरकार से है। जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होंगी, तब तक सरपंच इसी तरह विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि ईं टेंडरिंग के माध्यम से सरकार पंचायती राज को खत्म करना चाहती है। 2 लाख रुपये में गांव में कोई भी विकास कार्य नहीं हो सकते। वहीं रिकॉल का विरोध करते हुए कहा कि रिकॉल को पहले विधायकों व सांसदों पर लागू करना चाहिए। फिर उसके बाद सरपंचों में लागू करे। ग्रामीणों ने जिस उम्मीद के तहत सरपंच पद पर उन्हें नियुक्त किया है, वह 2 लाख रुपये में कैसे पूरी होगी। जिससे गांव पूरी तरह से पिछड़ जायेंगे। ई-टेंडरिंग के माध्यम से सरकार जो काम करना चाह रही है। इससे सरपंचों को भारी दिक्कत का सामना करना पडेगा। सरपंच के हाथों में कुछ नहीं रहेगा।

र्ईं टेंडरिंग के माध्यम से ठेकेदार सरकार भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना चाहती है। लेकिन सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार उसी दौरान होगा। ठेकेदार सरपंचों की सुनेंगे नहीं। इसके बावजूद विकास की पूरी जिम्मेवारी सरपंचों की होगी। इस अवसर पर सतीश कुमार घिलौर, परमजीत सिंह बापा, छत्तरपाल सिंह झगुडी, बलवान सिंह बैंडी, जोनी कुमार हिरनछप्पर, मांगेराम कंडरौली, सुभाष सैनी खुर्दबन, रोहित बापौली, उधम सिंह रादौरी, रणजीत भगवानगढ़, बलराम सैनी टोपराकला, बलबीर सिंह पलाका, राजेश कुमार अमलोहा, राजिंद्र कुमार इस्माइलपुर, नैब सिंह सांगीपुर, संजीव कुमार खजूरी, पवन कुमार छारी, मोहित कुमार उन्हेडी, बलविंदर बरसान, नरेंद्र कांबोज सिली खुर्द, राजिंद्र कुमार, सिकंदरा, कुलदीप रपड़ी, रजनीश दोहली, नरेश बसंतपुर, संजीव कुमार बसंतपुरा, सचिन धानुपुरा, विजय कुमार नागल, नरसिंह खेडी लक्खा सिंह, रवि सैनी फतेहगढ़, दीप कुमार मसाना रांगडान, मुकेश कुमार जुब्बल, गौरव पोटली आदि मौजूद रहे।