पेंशन, चिकित्सा भत्ते में बढ़ोत्तरी की मांग

पेंशनरों ने किये जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन

पेंशन, चिकित्सा भत्ते में बढ़ोत्तरी की मांग

चंडीगढ़- बेसिक पेंशन और मेडिकल भत्ते में बढ़ोतरी समेत मांगों को लेकर आज पेंशनर ने हरियाणा के जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किए। ज्वाइंट एक्शन कमेटी, रिटायर्ड कर्मचारी, हरियाणा के बैनर तले आयोजित इन प्रदर्शनों में सभी विभागों, बोर्डों, निगमों, नगर निगमों, विश्वविद्यालयों के पेंशनर ने बड़ी संख्या में भाग लिया। प्रदर्शनों के बाद मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन उपायुक्त को सौंपे गए।


मुख्यमंत्री को भेजे गए ज्ञापन में पेंशनर की 65, 70 और 75 वर्ष की आयु पर मूल पेंशन में क्रमशः 5 -10 15 प्रतिशत वृद्धि करने, बढ़ती उम्र को देखते हुए मेडिकल भत्ता एक हजार से बढ़ाकर तीन हजार करने और सभी बीमारियों के पूर्ण इलाज का खर्च सरकार द्वारा बिना किसी भुगतान के करने, कटौती 15 वर्ष के बजाय 12 वर्ष में पूर्ण करने, एनपीएस खत्म कर पुरानी पेंशन बहाल करने, फैमिली पेंशनरों को भी एलटीसी का लाभ देने, बुढ़ापा सम्मान पेंशन में आय की शर्त हटाने, विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े लाखों पदों पर पूर्ण वेतनमान पर भर्ती करने और हरियाणा कौशल रोजगार निगम को भंग करने आदि मांगों को प्रमुखता से उठाया गया है।
इस अवसर पर एक मांग पत्र माननीय राज्यपाल को भेजकर मांग की गई कि महिला कोच से यौन उत्पीड़न करने के आरोप में मंत्री संदीप सिंह को बर्खास्त करके कार्रवाई करने की मांग की गई।


कमेटी के राज्य संयोजक जरनैल सिंह सांगवान ने बताया कि हरियाणा सरकार कैशलेस इलाज के नाम पर एक बीमा योजना लाना चाहती है, जो कि एक ऐसी योजना है जिसके अनुसार मेडिकल मासिक भत्ता 1000 रुपये बंद करके बीमा कंपनी को 25000 रुपये वार्षिक देने का प्रावधान है, जिसको सभी संगठनों ने 16 फरवरी की चंडीगढ़ में बैठक में नामंजूर कर दिया। सभी ने एकमत से कहा कि सभी के पूर्ण इलाज की सुविधा केवल सरकारी अस्पतालों की संख्या बढ़ाकर और सभी नागरिकों को मुहैया करवाई जानी चाहिए, जिसकी पूर्ण जिम्मेवारी बीमा कंपनियों की बजाय सरकार की सुनिश्चित होनी चाहिए।