शिक्षा समाज की उन्नति के लिए सुरक्षित निवेश-मुख्यमंत्री

नई शिक्षा का हर नागरिक को मिले लाभ, सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलपति व कुलसचिवों के की बैठक

शिक्षा समाज की उन्नति के लिए सुरक्षित निवेश-मुख्यमंत्री
शिक्षा समाज की उन्नति के लिए सुरक्षित निवेश-मुख्यमंत्री

चण्डीगढ - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि शिक्षा समाज की उन्नति के लिए भविष्य को सुरक्षित करने वाला निवेश है जिससे राष्ट्र के हर व्यक्ति के जीवन में उजियाला आता है और वह सदैव कांतिमय बनकर चमकता है।

मुख्यमंत्री आज यहां राजभवन में राज्यापाल श्री बंडारू दतात्रेय की अध्यक्षता में आयोजित राज्य के सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलपति व कुलसचिवों के साथ आयोजित बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। बैठक में हरियाणा के उच्चतर शिक्षा मंत्री श्री मूलचंद शर्मा, उच्चतर शिक्षा सलाहाकार श्री बृजकिशोर तथा उच्चतर शिक्षा परिषद के चेयरमैन श्री बी के कुठियाला भी मौजद रहे।

नई शिक्षा नीति राज्य के लिए मील का पत्थर

मुख्यमंत्री ने उच्च शिक्षा विभाग के कार्यो के विषलेशण के लिए आयोजित एक दिवसीय समीक्षा बैठक बुलाने पर राज्यपाल का आभार जताया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय यह संकल्प लें कि नई शिक्षा नीति का समाज के हर नागरिकों को लाभ मिले और इस नीति को लागू करने के लिए बनाए गए प्रत्येक पैरामिटर पर खरा उतरें। इसके साथ ही वे प्रत्येक चरण में नई शिक्षा नीति की समीक्षा करें और इसके लक्ष्यों को पाने के लिए हर सम्भव प्रयास करें ताकि यह राज्य के लिए मील का पत्थर साबित हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा के लिए चैक लिस्ट, रेडी रैकनर तैयार किया गया है। इस नीति में मल्टीपल स्कीलिंग के लिए विश्वविद्यालयों में युवाओं को शिक्षित किया जाएगा। कई विश्वविद्यालयों में केजी से पीजी, इंटीग्रेटिड एजुकेशन के साथ साथ शौध कार्यो पर भी विशेष ध्यान दिया जाए ताकि 2025 तक नई शिक्षा को हरियाणा में पूरी तरह से लागू किया जा सके।

विश्वविद्यालय सैल्फ फाईनेंस सैंटर बनकर उभरें

मुख्यमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति में विश्वविद्यालयों को सैल्फ फाईनेंस सैंटर के रूप में कार्य करना होगा। सरकार की ओर से 1.80 लाख रुपए से कम आय वाले परिवारों की फीस प्रदान की जाएगी। इसके अलावा बीपीएल परिवारों के लिए आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य लाभ भी दिया जा रहा है।

एलुमनी मीट के सीएम पहले प्रतिभागी होंगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएसआर फण्ड खर्च करने के लिए शिक्षा एक बेहतर क्षेत्र है। इसके लिए एलुमनी मीट को एक राॅलमाॅडल बनाया जाए। यदि एलुमनी मीट राॅलमाॅडल बनता है तो डोनेशन के लिए वे स्वंय इसके पहले प्रतिभागी होगें। इसलिए विश्वविद्यालयों को आत्मनिर्भरन बनना है।

कालेजों की रैंकिंग पर भी ध्यान दिया जाए

उन्होंने कहा कि शिक्षाविद्ध अपने ज्ञान को अपडेट करते रहें और उसका सदुपयोग भी करें। विश्वविद्यालयों से सम्बंद्ध कालेजों की रैंकिंग पर भी पूरा ध्यान रखा जाए। कालेज के विद्यार्थियों की मैनपावर का कई प्रकार के होने वाले सर्वे में उपयोग करें। युनिवर्सिटी में अलग से सोसल एक्पोजर होना चाहिए। विद्यार्थियों को पर्यावरण के क्षेत्र मे पौधे लगाने एवं अन्य सामाजिक कार्यो के लिए एकेडमिक मार्कस अलग से मिलें ऐसे आवश्यक प्रबंध करने चाहिए ताकि समाज में हेपीनेस इंडेक्स में भी वृद्धि हो सके।

40 प्रतिशत आबादी के डाटा के साथ इंटीग्रेशन करें

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने 2.87 करोड़ लोगों को आयु अनुसार 6 भागों में बंाटकर उनकी देखरेख करने के लिए नया आयाम तैयार किया है। इसमें 6 वर्ष तक की आयु के बच्चों की महिला एवं बाल विकास विभाग, 6 से 18 वर्ष तक आयु के बच्चों का जीरो ड्राॅपआउट करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग तथा 18 से 25 वर्ष तक आयु के युवाओं के लिए कालेजों को दायित्व दिया गया है। इसमंे 40 प्रतिशत आबादी का डाटा के साथ इंटीग्रेशन करना है ताकि युवा हर क्षेत्र में निपुण होकर आगे बढ सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को आॅनलाईन शिक्षा में सक्षम होने के साथ साथ सांस्कृतिक मूल्यों की शिक्षा को भी बढावा दिया जाए ताकि बच्चों को नई दिशा मिल सके। उन्होंने कहा कि रोजगार के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा तभी भारत आगे बढेगा। हर विश्वविद्यालय एक कमाण्ड एरिया का भाव विकसित करें और 18-25 साल के युवाओं को उसमें शामिल करें।  

उच्चतर शिक्षा से युवा पीढी को नई दिशा व दशा-मूलचंद शर्मा

बैठक को सम्बोधित करते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री श्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि सरकार ने उच्चतर शिक्षा के लिए युवा पीढी को नई दिशा व दशा देने के लिए बेहतरीन कार्य किया है। नई शिक्षा नीति में युवा स्वावलम्बी बनने के साथ साथ रोजगार देने में भी सक्षम बनेंगें। इसके अलावा इस शिक्षा नीति सें संस्कारवान व चरित्रवान भी बनेंगे और देश सभ्य राष्ट्र के रूप में विकसित किया जा सकेगा।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री डी एस ढेसी, मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल, एसीएस श्री राजाशेखर वुंडरू, श्रीमती जी. अनुपमा, प्रधान सचिव विजेन्द्र कुमार, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डा. अमित अग्रवाल, राज्यपाल के सचिव श्री अतुल द्विवेदी, उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक श्री राजीव रत्न सहित सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलपति व कुलसचिव भी उपस्थित रहे।