ब्रह्मलीन महंत रामदयाल के जन्मदिन पर लगाया आँखों का निरिक्षण व रक्तदान शिविर

इस कार्यक्रम में अजीजपुर निवासी तिलकराज बैंक मैनेजर ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत कर दोनों कैम्पों का उदघाटन किया।

ब्रह्मलीन महंत रामदयाल के जन्मदिन पर लगाया आँखों का निरिक्षण व रक्तदान शिविर

यमुनानगर, बिलासपुर । डेरा कपालमोचन के पूर्व महंत ब्रह्मलीन संत रामदयाल जी महाराज के 89 वें जन्मदिवस पर डेरे के गद्दीनसीन संत निर्मल दास जी महाराज के नेतृत्व में अंबाला संजीवनी हस्पताल के द्वारा आखों का 52 वां निरिक्षण कैंप व सिविल हस्पताल यमुनानगर के द्वारा 17 वां रक्तदान शिविर आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में अजीजपुर निवासी तिलकराज बैंक मैनेजर ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत कर दोनों कैम्पों का उदघाटन किया। डेरे के सचिव मास्टर रमेश चंद ने बताया कि इस कार्यक्रम में जिला परिषद् यमुनानगर की जिला पार्षद सुमन गोलनी, एसडीओ शाम लाल व एसडीओ दीपक विशिष्ट तौर पर मौजूद हुए। उन्होंने बताया कि इस मौके पर लगाए आँखों के कैम्प में 240 मरीजों की आँखों का निरिक्षण किया गया जिसमे से 180 मरीजों को उनकी आँखों में लैंस डालने के लिए चुना गया। वहीँ रक्तदान शिविर में 106 युनिट रक्त एकत्रित हुआ।

उन्होंने बताया कि आखों के शिविर में डॉ. ओपी आर्य ने मरीजों की आँखों का निरिक्षण किया। इस मौके पर डेरे के सहसचिव अमरनाथ ग्यासड़ा, इंद्रराज, इन्द्रसेन, महिंद्रपाल नागरा, सेवादार रामलाल फौजी, सेवादार ऋषिपाल ककड़ौनी, ज्ञानेश्वर दास बिलासपुर, डॉ. दर्शनलाल, सुप्रिडेंट गुरमेल सिंह, मास्टर हंस राज,  तारा चंद व धर्मपाल समेत भारी संख्या में श्रद्धालुगण मौजूद रहे। 

रक्तदान सबसे बड़ा महादान: संत निर्मल

इस अवसर पर श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए डेरा बाबा लालदास कपालमोचन के गद्दीनसीन संत निर्मल दास जी महाराज ने कहा कि इंसान के शरीर में रक्त उसके शरीर को गति देने के लिए अहम किरदार निभाता है जिसके बल पर मनुष्य का शरीर हरकत में रहता है। उन्होंने कहा कि अगर मनुष्य के शरीर से रक्त निकल जाए तो मनुष्य पलभर भी जीवित नहीं रह सकता। उन्होंने कहा कि किसी भी अवस्था में मनुष्य को रक्त की आवश्यकता पड़ती है तो रक्तदानियों द्वारा दिया गया रक्त ही उस मरीज के काम आता है जिससे उसके स्वास्थ्य को सुधारा जा सकता है। उन्होंने उपस्थित श्रद्धालुओं से आह्वान करते हुए कहा कि समयनुसार रक्तदान करे जिससे किसी के जीवन को बचाया जा सके।