जी20 इंडिया भारत मेजबान, रूस, चीन और जी7 मंत्री के होंगे मेहमान

आज होगा वेलकम, कल से शुरू होगी चर्चा, जापान का प्रतिनिधित्व संभवत: एक कनिष्ठ मंत्री द्वारा किया जाएगा

जी20 इंडिया भारत मेजबान, रूस, चीन और जी7 मंत्री के होंगे मेहमान

नई दिल्ली- जी20 के विदेश मंत्रियों की बैठक नई दिल्ली में 1 मार्च से शुरू हो रही है। चीन के विदेश मंत्री किन गांग इसमें शामिल होने के लिए 2 मार्च को आएंगे। चीनी विदेश मंत्री किन गैंग ने मंगलवार को 2 मार्च को जी20 बैठक में भाग लेने की पुष्टि की, लेकिन भारत-प्रशांत क्षेत्र में भारत के प्रमुख भागीदारों में से एक जापान का प्रतिनिधित्व संभवत: एक कनिष्ठ मंत्री द्वारा किया जाएगा। इस बीच, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव सबसे पहले पहुंचने वाले लोगों में से एक रहे, जो मंगलवार रात यहां पहुंचे, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन बुधवार को पहुंचेंगे।

लावरोव और ब्लिंकन के साथ जयशंकर करेंगे द्विपक्षीय संवाद

विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन अमेरिका से नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए है। बता दे, वह कजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान होते हुए भारत पहुंचेंगे। भारत आने से पहले ब्लिंकन इन दोनों देशों के साथ भी द्विपक्षीय बैठकों में शामिल होंगे। जी20 समूह की बैठक में हिस्सा लेने के लिए सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों और राजनयिकों के आगमन के मद्देनजर शहर के कुछ हिस्सों में बुधवार को यातायात प्रभावित रह सकता है।  रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव जी20 देशों के विदेश मंत्रियों की दो दिवसीय बैठक में हिस्सा लेने के लिए मंगलवार रात राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे। लावरोव और ब्लिंकन दोनों के बुधवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ संबंधित द्विपक्षीय बैठकें होने की उम्मीद है।

लगेगा दिग्गजों का जमावड़ा

अमेरिका, रूस, फ्रांस, चीन, जर्मनी, ब्रिटेन, इटली, ऑस्ट्रेलिया, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, अर्जेंटीना के विदेश मंत्री इस बैठक में शामिल होने वाले हैं। यूरोपीय संघ के विदेश मामलों के प्रतिनिधि, श्रीलंका और बांग्लादेश सहित गैर-त्र20 देशों के विदेश मंत्री भी इस बैठक में मेहमान के रूप में हिस्सा ले रहे हैं।

आज वेलकम, कल चर्चा

आज मेहमानों का स्वागत होगा, कल विभिन्न चुनौतियों पर महत्वपूर्ण विचार-विमर्श रायसीना हिल्स स्थित राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र (आरबीसीसी) में होगा। यूक्रेन पर हमले, रूस और पश्चिमी देशों के बीच बढ़ते टकराव के बीच गुरुवार को वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा होगी। रूसी मंत्री को चुभते सवालों का सामना करना पड़ सकता है।

एनर्जी और फूड सिक्योरिटी मुद्दा

बहुपक्षवाद, फूड और एनर्जी सिक्योरिटी, आतंकवाद, नए उभरते खतरे, आपदा राहत और मानवीय सहायता पर विचार की उम्मीद है। गिरती विकास दर, चढ़ती महंगाई, डिमांड और सप्लाई, तेल-गैस और खाद की बढ़ती कीमतों से निपटने के तरीकों पर भी चर्चा की आशा । बेंगलुरु की तरह इस बैठक में भी किसी साझा बयान की उम्मीद कम है।