बंगलादेश में सरकारी पक्ष और विपक्षी का पलटवार, पुलिस ने शुरू की गिरफ्तारियां

उनके बयान से संकेत मिला कि प्रवेश बिंदुओं पर धरना कार्यक्रमों को लेकर कार्रवाई की जा सकती है

बंगलादेश में सरकारी पक्ष और विपक्षी का पलटवार, पुलिस ने शुरू की गिरफ्तारियां

ढाका : बंगलादेश की राजधानी ढाका में तनाव और गर्मी के बावजूद मुख्य विपक्षी पार्टी बंगलादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और सत्तारुढ़ अवामी लीग की रैलियां शांतिपूर्ण ढंग से समाप्त हो गईं है। सत्ता पक्ष और विपक्ष की रैलियां शुक्रवार को आयोजित की गयी थीं। इस बीच ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने कल रात एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि किसी को भी ढाका प्रवेश बिंदुओं पर धरना देने की अनुमति नहीं दी गई है। उनके बयान से संकेत मिला कि प्रवेश बिंदुओं पर धरना कार्यक्रमों को लेकर कार्रवाई की जा सकती है।

इस पृष्ठभूमि में एक बार फिर यह आशंका पैदा हो गई है कि हालात क्या मोड़ ले सकते हैं। अब तक दोनों पार्टियां एक ही दिन लेकिन अलग-अलग जगहों पर कार्यक्रम और जवाबी कार्यक्रम करती रही हैं। इस बार हालांकि, बीएनपी को शहर के प्रवेश बिंदुओं पर धरना देना है। प्रवेश बिंदुओं पर भी अवामी लीग और उसके सहयोगी संगठनों का कहना है कि वे निगरानी रखेंगे।

दिसंबर में बीएनपी के एक साथ आंदोलन की शुरुआत से अवामी लीग बीएनपी के कार्यक्रमों के साथ ही उसी दिन जवाबी कार्यक्रम आयोजित करती रही है। पिछले कुछ समय से दोनों पार्टियों के कार्यक्रम शांतिपूर्ण रहे हैं, लेकिन अब लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या दोनों पक्ष अशांति और संघर्ष की ओर बढ़ रहे हैं। कई विश्लेषकों का मानना है कि चुनाव के समय सरकार पर उभर रहे संकट को लेकर पार्टियों का रुख हिंसा की आशंकाओं को भडक़ा रहा है।

दोनों पार्टियों के नेता इस स्थिति के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। बीएनपी की स्थायी समिति के सदस्य अमीर खसरू महमूद चौधरी ने कहा कि उन्होंने अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को यह सुनिश्चित करने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं कि धरना कार्यक्रम शांतिपूर्ण ढंग से आयोजित हों। अगर कोई गड़बड़ी हुई तो सरकार को जिम्मेदारी लेनी होगी।

वहीं अवामी लीग को लगता है कि बीएनपी ऐसे कार्यक्रम अपना रही है जिससे हिंसा भडक़ सकती है। पार्टी के संयुक्त महासचिव महबूब उल आलम हनीफ ने बताया, ‘हम सडक़ों पर सतर्क हैं ताकि बीएनपी कोई अव्यवस्था पैदा न कर सके। इसीलिए इतने समय तक कोई झड़प या हिंसा नहीं हुई।’