21वीं सदी का भारत बनाने में आईआईटी खड़गपुर की अहम भूमिका: मुर्मु

मुर्मु ने कहा कि उन्हें प्रौद्योगिकी विकसित करने और उसे लागू करने के लिए क्रांतिकारी प्रयास करने होंगे

21वीं सदी का भारत बनाने में आईआईटी खड़गपुर की अहम भूमिका: मुर्मु

खड़गपुर : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर जैसे संस्थानों की नवाचार और प्रौद्योगिकी के माध्यम से 21वीं सदी का भारत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।

श्रीमती मुर्मु ने कहा कि उन्हें प्रौद्योगिकी विकसित करने और उसे लागू करने के लिए क्रांतिकारी प्रयास करने होंगे। राष्ट्रपति ने कहा कि तकनीकी पर हर किसी का अधिकार होना चाहिए. इसका उपयोग सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया जाना चाहिए न कि समाज में दूरियां बढ़ाने के लिए। उन्होंने कहा कि डिजिटल भुगतान प्रणाली आम लोगों के जीवन को सरल बनाने वाली प्रौद्योगिकी का सबसे अच्छा उदाहरण है। श्रीमती मुर्मु ने आज आईआईटी खड़गपुर के 69वें दीक्षांत समारोह की शोभा बढ़ाई और संबोधित करते हुए कहा कि आईआईटी प्रणाली की पूरी दुनिया में प्रतिष्ठा है। आईआईटी को प्रतिभा और प्रौद्योगिकी का ऊष्मायन केंद्र माना जाता है।

उन्होंने कहा कि आईआईटी खड़गपुर को देश का पहला आईआईटी होने का गौरव प्राप्त है। इस संस्था ने लगभग 73 वर्षों की अपनी यात्रा में महान प्रतिभाओं को निखारा है और देश के विकास में इसका योगदान अतुलनीय है। राष्ट्रपति ने इस बात पर खुशी जतायी कि केंद्र सरकार की आईआईटी के अंतर्राष्ट्रीयकरण और वैश्वीकरण की नीति के अनुरूप, आईआईटी खड़गपुर अन्य वैश्विक संस्थानों के साथ गठबंधन और सहयोग पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह कदम न केवल आईआईटी खड़गपुर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने में मदद करेगा बल्कि भारतीय शिक्षा प्रणाली को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम होगा।

राष्ट्रपति ने इस बात पर प्रकाश डाला कि दुनिया की सबसे पुरानी ज्ञान परंपरा वाले इतने विशाल देश का एक भी शैक्षणिक संस्थान दुनिया के शीर्ष 50 शैक्षणिक संस्थानों में शामिल नहीं है। उन्होंने कहा कि रैंकिंग की दौड़ अच्छी शिक्षा से ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है. लेकिन अच्छी रैंकिंग न केवल दुनिया भर के छात्रों और अच्छे संकाय को आकर्षित करती है बल्कि देश की प्रतिष्ठा भी बढ़ाती है।देश की सबसे पुरानी आईआईटी होने के नाते आईआईटी खड़गपुर को इस दिशा में प्रयास करना चाहिए। श्रीमती मुर्मु ने कहा कि आज भारत नई ऊंचाइयों को छू रहा है, नए मानक स्थापित कर रहा है और एक प्रमुख विश्व शक्ति के रूप में उभर रहा है।