मौरिस लेवी पब्लिसिस ग्रुप के प्रमुख ने की भारत की तारीफ

कहा, विश्व की महाशक्तियों में से एक बनने की क्षमता

मौरिस लेवी पब्लिसिस ग्रुप के प्रमुख ने की भारत की तारीफ

पेरिस : इस इवेंट में शामिल विवाटेक के संस्थापक और पब्लिसिस ग्रुप के अध्यक्ष मौरिस लेवी ने कहा कि भारत में कई कारणों से विश्व की महाशक्तियों में से एक बनने की क्षमता है। इसमें से पहला कारण जनसंख्या है। जनसंख्या भारत की सबसे बड़ी ताकत है। यह उद्यमियों और नवप्रवर्तकों की आबादी है। वे सृजन, आविष्कार और व्यवधान कर सकते हैं और सबसे बड़ी बात है कि उनका (भारतीय लोगों) दिल बड़ा है। एक समय हम इसे अतुल्य भारत कह रहे थे, लेकिन मैं आपको कहूंगा कि यह एक विश्वसनीय भारत है।

मौरिस लेवी ने आगे कहा कि भारत साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। जब आप भारत में हुए बदलाव में पिछले कुछ सालों के अंतर को देखते हैं, तो यह बिल्कुल शानदार दिखता है। क्योंकि जब साइबर सुरक्षा की बात आती है तो पिछले कुछ सालों तक भारत साइबर सुरक्षा के मामले मे कहीं नहीं था, लेकिन अब यह दुनिया के प्रमुख खिलाडिय़ों में से एक है।

फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो के निमंत्रण पर 14 जुलाई को फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ्रांस की आगामी यात्रा के बारे में बोलते हुए लेवी ने कहा, भारत और फ्रांस के बीच संबंध गठबंधन, साझेदारी और आपसी सम्मान का रिश्ता है। उन्होंने आगे कहा, बैस्टिल डे के लिए प्रधानमंत्री मोदी के आने से हम बेहद सम्मानित महसूस कर रहे हैं। हम बेहद खुश हैं क्योंकि यह फ्रांस और भारत के बीच, राष्ट्रपति मैक्रो और पीएम मोदी के बीच गठबंधन और साझेदारी को मजबूत करने कर रहा है और हमारी अर्थव्यवस्थाओं के विकास को बढ़ावा दे रहा है।

बता दें कि इससे पहले 2022 में वीवाटेक इवेंट में भारत को ‘कंट्री ऑफ द ईयर’ चुना गया था। इस साल, लगभग 70 भारतीय स्टार्टअप इस कार्यक्रम में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और विभाग और उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के नेतृत्व में भाग ले रहे हैं। इंडिया पवेलियन का उद्घाटन करते वक्त राजदूत अशरफ ने इस बात पर प्रकाश डाला कि वीवाटेक के लिए भारत क्यों महत्वपूर्ण है।

अशरफ ने कहा कि हम निश्चित रूप से डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे में एक क्रांति कर रहे हैं जो वास्तव में सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए दुनिया के बाकी देशों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है। हमारे पास दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा पारिस्थितिकी तंत्र है और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंजीनियरों और विशेषज्ञों का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत है। आज हमारे पास भारत में दुनिया के सभी आरएंडडी और इंजीनियरिंग हब का 40 प्रतिशत है।