सोनिया गांधी जन्मदिन: जिंदगी के 77वें बसंत में पहुंची सोनिया गांधी जानिए कैसे जुड़ा गांधी परिवार से रिश्ता

सोनिया गांधी विदेश में जन्मी एक एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं।

सोनिया गांधी जन्मदिन: जिंदगी के 77वें बसंत में पहुंची सोनिया गांधी जानिए कैसे जुड़ा गांधी परिवार से रिश्ता

दिल्ली : सोनिया गांधी विदेश में जन्मी एक एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वह भारत के पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की बहु और राजीव गांधी की पत्नी है। आज यानी की 9 दिसंबर को सोनिया गांधी अपना 77वां जन्मदिन मना रही हैं। वे उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले की सांसद हैं और इसके साथ ही वह 14वीं लोकसभा में 'यूपीए' की भी प्रमुख हैं। पति राजीव गांधी की हत्या के बाद उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया। आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर सोनिया गांधी के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में

इटली के 'लुसियाना' में 'मैनो' परिवार में 9 दिसंबर 1946 को सोनिया गांधी का जन्म हुआ था। सोनिया का पूरा नाम 'एडविजे एनटोनिया अलबिना मैनो' था। इंदिरा रोमन कैथलिक परिवार से ताल्लुक रखती हैं। इनके पिता स्तेफेनो मैनो, जोकि ओर्बस्सानो में ही एक छोटे से व्यापार के मालिक थे। साल 1964 में सोनिया बेल एजुकेशन ट्रस्ट के भाषा स्कूल में अंग्रेजी की पढ़ाई करने चली गई थीं। वहीं साल 1965 में एक रेस्तरां में उनकी मुलाकात राजीव गांधी से हुई। उस दौरान राजीव गांधी कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के ट्रिनिटी कॉलेज पढ़ाई कर रहे थे। वहीं सोनिया पढ़ाई के साथ ही यूनिवर्सिटी के रेस्तरां में वेट्रेस के रूप में काम करती थीं। 

राजीव गांधी से दोस्ती के बाद साल 1968 में सोनिया और राजीव ने हिंदू धर्म के अनुसार शादी कर ली। जिसके बाद सोनिया भारत आकर अपने ससुराल में आकर रहने लगीं। सास इंदिरा गांधी की हत्या के बाद और राजीव गांधी के पीएम बनने के बाद सोनिया की भारतीय सार्वजनिक जीवन की भागीदारी शुरू हुई। राजीव गांधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद सोनिया सरकारी परिचारिका के रूप में काम करने लगीं। 

राजीव गांधी के पीएम पद पर रहते हुए सोनिया गांधी पति के साथ कई राज्यों के दौरे पर पहुंचने लगीं। साथ ही साल 1984 में उन्होंने भाभी मेनका गांधी के खिलाफ अभियान चलाया। जोकि अमेठी में चलाया जा रहा था। वहीं राजीव गांधी अपने 5 साल के कार्यकाल के आखिरी में बोफोर्स कांड के चलते बाहर हो गए। वहीं सोनिया गांधी पर इटली के एक व्यापारी जिन पर बोफोर्स कांड में बिचौलिया होने का आरोप लगाया गया। बता दें कि सोनिया और इटली के व्यापारी के साथ कथित दोस्ती के कारण विवादों में आ गई थीं।

 

साल 1991 में जब राजीव गांधी की हत्या कर दी गई, तो सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री बनने से इंकार कर दिया। जिसके बाद कांग्रेस पार्टी की तरफ से पी वी नरसिम्हा राव को पीएम पद के लिए चुना गया। पति की हत्या के बाद सोनिया गांधी ने 'राजीव गाँधी फाउंडेशन' और इसकी सहयोगी संस्था 'राजीव गाँधी इन्स्टीट्यूट फ़ॉर कन्टेम्प्रेरी स्टडीज़' की स्थापना की।

 

राजनीतिक सफर के शुरूआत में पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत माधवराव सिंधिया ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की सबसे ज्यादा मदद की। साल 1999 में बेल्लारी, कर्नाटक से और राजीव गांधी के निर्वाचन क्षेत्र अमेठी से सोनिया गांधी ने चुनाव लड़ा। लोकसभा चुनाव में उन्होंने करीब 3 लाख वोटों से बढ़त बनाई। जिसके बाद वह 13वीं लोकसभा में विपक्ष की नेता चुनी गईं। साल 2003 तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेई की NDA सरकार के खिलाफ अकेले सोनिया गांधी अविश्वास प्रस्ताव लेकर आईं। हांलाकि यह सफल नहीं हो पाया। लेकिन इससे एन डी ए सरकार की विरोधी के रूप में सोनिया की एक अच्छी छवि स्थापित हुई।  

 

सबसे पुराने राजनीतिक दल कांग्रेस की सोनिया गांधी सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रहीं। सोनिया गांधी भारत की एक अविचलित साहसी हैं। वह भारत की संस्कृति, सभ्यता, कला, विश्वास, रीति-रिवाज में बसी हुई हैं। सोनिया दरअसल पंडित नेहरु, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के कार्यों को आगे बढ़ाने का काम कर रही हैं।