प्लॉट के नाम पर 12 साल में 313 करोड़ की हुई ठगी

पंजाब के कई अधिकारी व कर्मचारी भी धोखाधड़ी में शामिल लोगों ने बिल्डर के खिलाफ जताया विरोध

प्लॉट के नाम पर 12 साल में 313 करोड़ की हुई ठगी

मुल्लांपुर (मोहाली)-मामला न्यू चंडीगढ़ का है। 2009 में पुलिस कर्मचारियों को सस्ते दाम पर राशन उपलब्ध कराने के लिए बनाई गई पंजाब पुलिस प्राइमरी कंज्यूमर को ऑपरेटिव सोसायटी के कुछ पदाधिकारियों ने बिल्डर के साथ मिल प्लॉट देने के नाम पर धोखाधड़ी की। जमीन के नाम पर लोगों को धोखाधड़ी का शिकार बनाया गया। पंजाब पुलिस के कई अधिकारी और कर्मचारी भी इस धोखाधड़ी के शिकार हुए। सोसाइटी के वर्तमान पदाधिकारी व सदस्य रविवार को न्यू चंडीगढ़ में एकत्र हुए। उन्होंने कहा कि उन्होंने 500-500 रुपये देकर इस सोसाइटी की सदस्यता हासिल की थी।

2010 में सोसाइटी के कुछ पदाधिकारियों ने तय किया कि राशन के साथ-साथ पुलिस मुलाजिमों को सस्ते दाम पर प्लाट दिलाने के लिए प्रोजेक्ट शुरू किया जाए। इसके लिए सोसायटी के कुछ सदस्यों ने एक निजी बिल्डर के साथ अनुबंध (एमओयू) किया था। इसमें तय हुआ कि प्रत्येक सदस्य को 6200 रुपये प्रति गज के हिसाब से प्लॉट दिए जाएंगे। बिल्डर सोसायटी के नाम पर 60 एकड़ जमीन खरीद कर देगा। इसके लिए सोसाइटी उसे 73.16 करोड़ रुपये अदा करेगी।

बिल्डर इस जमीन के व्यावसायिक भाग (एक लाख 18 हजार स्क्वेयर गज) को विकसित कर बेचेगा। बदले में सोसायटी के सदस्यों को गमाडा के नियमानुसार बचे हुए भाग में प्लॉट उपलब्ध कराएगा। व्यावसायिक भाग को बेचने से बिल्डर को जो मुनाफा होगा, उसमें से 1400 रुपये प्रति गज के हिसाब से सदस्यों को वापस किया जाएगा।

इसके लिए 2010 में बिल्डर द्वारा 58 एकड़ जमीन न्यू चंडीगढ़ के गांव तोगा और गांव तीड़ा में खरीद ली गई थी। बाद में सोसाइटी के पदाधिकारी जो कि उस समय पंजाब पुलिस के उच्चाधिकारी थे, उन्होंने बिल्डर के साथ मिल धोखाधड़ी की। इस तरह अब तक उन्हें प्लाट नहीं मिल पाए हैं।

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