बजट का 34.5 प्रतिशत हिस्सा इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च- मुख्यमंत्री

इस वर्ष होंगी ग्रुप सी व डी की 50 हजार भर्तियां, मुख्यमंत्री ने 1882 करोड़ रूपए की 167 परियोजनाओं का किया उद्धघाटन व शिलान्यास, विकास कार्यों के लिए फंड की कमी न हो इसके लिए मीडियम टर्म एक्सपेंडिचर रिज़र्व फण्ड बनाया

बजट का 34.5 प्रतिशत हिस्सा इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च- मुख्यमंत्री

चंडीगढ़ - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने पिछले 8 वर्षों में क्षेत्रवाद, जातिवाद, भाई-भतीजावाद को छोड़कर हरियाणा की राजनैतिक परिभाषा बदलने की पहल करते हुए सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में एक समान काम करने की कवायद आरंभ कर एक नई परिपाटी की शुरुआत की है। इसी कड़ी में आज मुख्यमंत्री गुरुग्राम से 1882 करोड़ रूपए की 167  परियोजनाओं की आधारशिला एवं उद्धघाटन कर 'हरियाणा एक, हरियाणवी एक' के अपने विज़न को साकार करके हरियाणा के विकास की नई गाथा लिखी है।  

गुरुग्राम के धनवापुर में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम से प्रदेश के सभी जिलों को वर्चुअली संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तमंत्री के रूप में हमने अपने बजट का नियोजन सही किया है और आज हमारे बजट का 34.5 प्रतिशत हिस्सा कैपिटल एक्सपेंडिचर के रूप में इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च हो रहा है। उन्होंने कहा कि हर विभाग का एक निश्चित बजट होता है, हालांकि कभी-कभी वित्त वर्ष के अंत में कुछ विभागों का बजट बच भी जाता है और विकास कार्यों के लिए किसी भी प्रकार के बजट की कमी ना आये इसके लिए हमने एक नई पहल करते हुए मीडियम टर्म एक्सपेंडिचर रिज़र्व फण्ड बनाया है। इसी प्रकार एक और नई पहल करते हुए गांवों और शहरों में भी विकास कार्यों में तेजी लाने हेतु ग्राम दर्शन एवं नगर दर्शन पोर्टल शुरू किया है जिन पर नागरिक अपने इलाके की आवश्यकताओं के अनुसार विकास कार्यों की मांग पोर्टल पर कर सकते हैं।  चुने हुए नए जन प्रतिनिधि भी अपने क्षेत्रों में नागरिकों द्वारा दर्ज की गई विकास कार्यों की मांग को प्राथमिकता अनुसार सरकार तक पहुँचा सकते हैं। अभी हाल ही में पंचायतों के चुनाव सम्पन्न हुए और नए जन प्रतिनिधि छोटी सरकार के रूप में चुनकर आये हैं। अब सरपंच 2 लाख रूपए तक के कार्य कोटेशन के आधार पर कर सकेंगे। कामों में पारदर्शिता रहे इसके लिए सरकार ने इंजीनियरिंग वर्क्स पोर्टल भी बनाया है जिसके माध्यम से ऐसे सभी कार्यों की प्रशासनिक, वित्तीय व तकनीकी मंजूरी ऑनलाइन मिलती है। अब जनता भी इन कामों पर निगरानी रख सकती है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सरकारी विभागों में रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया पर काम कर रही है और इस वर्ष ग्रुप सी की 35 हजार और ग्रुप डी की 15 हजार पदों की भर्ती प्रक्रिया आरंभ की जाएगी।  इसके अलावा केंद्र सरकार भी बड़े स्तर पर भर्तियां करने जा रही है जिसका लाभ हरियाणा के युवाओं को भी मिलेगा।

भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के निरंतर प्रयास काफी हद तक सफल


मुख्यमंत्री ने कांग्रेस के स्वर्गीय पूर्व प्रधानमंत्री का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्ष 1990 में वे कहा करते थे कि केंद्र सरकार से एक रुपया  भेजा जाता है तो उसमें से केवल 15 पैसे ही नीचे पहुँचते हैं, उसी को रोकने के लिए हमने ऑनलाइन सिस्टम से इस पर अंकुश लगाया है और काफी हद तक हम सफल भी हुए हैं। पिछली सरकारों  में अलग-अलग इलाकों को महत्व दिया जाता था लेकिन हमने किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया है और सभी 90 विधानसभाओं का एक समान विकास सुनिश्चित किया है।

सरकार का लक्ष्य अंत्योदय
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार का लक्ष्य है कि गरीब का हक पहले हो इसलिए अंत्योदय की भावना से काम करते हुए हम आगे बढ़े हैं।  हमने आईटी का उपयोग करते हुए व्यवस्थाएं बदली हैं जिससे लोगों को घर बैठे ही सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। राज्य सरकार ने परिवार पहचान पत्र के माध्यम से पात्र व्यक्तियों को लाभ पहुँचाने का काम किया  है और इसके कारण जिन लोगों के व्यक्तिगत हित थे उनको चोट लगी है, उनका धंधा बंद हुआ है। उन्होंने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वे हमारी सरकार को पोर्टल की सरकार कहते हैं परंतु हमने पोर्टल के माध्यम से लोगों की पहुँच सरकार तक सुलभ करवाई है। गरीब व्यक्तियों को स्वास्थ्य लाभ देने के लिए चिरायु हरियाणा योजना के माध्यम से 5 लाख रुपये तक के इलाज की सुविधा दी जा रही है जिस पर राज्य सरकार 500 करोड़ रूपए का अतिरिक्त खर्च वहन करेगी।

परिवार पहचान पत्र बना एक महत्वपूर्ण दस्तावेज
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवार पहचान पत्र के माध्यम से 12 लाख नए बीपीएल राशन कार्ड बने हैं और कुछ लोगों के नाम कटे भी हैं। 2011 के जनसंख्या आंकड़ों के बाद इन 11 सालों में लोगों को सरकारी या प्राइवेट नौकरियां लगी हैं और उनके जीवन में आर्थिक तौर पर सुधार आया है। एक लाख से अधिक ऐसे व्यक्तियों का पता लगा है जो बीपीएल राशन कार्ड धारक थे और वे इनकम टैक्स रिटर्न भी भरते हैं, उनके  राशन कार्ड कटे हैं। ऐसे लोगों को इस बात का गर्व होना चाहिए कि वे उनसे नीचे वाले परिवारों के लिए पीला राशन कार्ड छोड़ रहे हैं।

हरियाणा जल सरंक्षण की दिशा में बढ़ा रहा है कदम

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा पानी की कमी वाला प्रदेश बनता जा रहा है। कई ब्लॉक डार्क जोन में भी आ गए हैं। देश में 1100 बीसीएम पानी उपलब्ध है जबकि खपत 800 बीसीएम की है। हरियाणा की बात करे तो हरियाणा में 32 एमएफ पानी की मांग है जबकि 16 एमएफ पानी उपलब्ध है। इसके कारण कृषि भूमि का बहुत बड़ा हिस्सा पानी की कमी के कारण सिंचाई से वंचित रह जाता है।  उन्होंने बताया कि 40 प्रतिशत कृषि भूमि नहरी सिंचाई प्रणाली, 30 प्रतिशत पर ट्यूबवेल के माध्यम से सिंचाई होती है, शेष 30 प्रतिशत भूमि वर्षा के पानी पर निर्भर है। इसके लिए सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। इसके साथ ही वेस्ट वाटर मैनेजमेंट के माध्यम से भी पानी का पुनः उपयोग सुनिश्चित करना होगा। प्रदेश में 207 वॉटर ट्रीटमेंट प्रोजेक्ट्स हैं जिनके बनने के बाद 4 लाख एकड़ भूमि की सिंचाई हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने उन किसानों का धन्यवाद किया जिन्होंने 'मेरा पानी-मेरी विरासत' योजना के तहत धान के स्थान पर अन्य फसलों को चुना है और 1 लाख से अधिक एकड़ भूमि में धान की बुआई कम हुई। हरियाणा का जल प्रबंधन अच्छा है।  

इस अवसर पर बादशाहपुर के विधायक राकेश दौलताबाद, पटौदी से विधायक सत्यप्रकाश जरावता, जीएमडीए के सीईओ सुधीर राजपाल समेत तमाम प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।

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