इस सुशासन दिवस पर हरियाणा एक बार फिर बढ़ा डिजिटलीकरण की ओर

मुख्यमंत्री ने किया नागरिक केंद्रित सेवाओं और योजनाओं का शुभारंभ, अब मिलेगी जमाबंदी की ऑनलाइन फर्द, मुफ्त पासपोर्ट योजना के लिए पोर्टल लॉन्च

इस सुशासन दिवस पर हरियाणा एक बार फिर बढ़ा डिजिटलीकरण की ओर

चण्डीगढ़ - मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार के अपने सिद्धांत पर चलते हुए एक बार फिर नागरिक केंद्रित सेवाओं को ऑनलाइन किया है। आज सुशासन दिवस के अवसर पर पंचकूला में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री ने नागरिक केंद्रित सेवाएं और कल्याणकारी योजनाओं का शुभारंभ किया। इनमें स्वचालित राशन कार्ड योजना के लिए पोर्टल, जमाबंदी की ऑनलाइन फर्द (कॉपी), मुफ्त पासपोर्ट योजना, एचपीएससी मांग पोर्टल, एचएसवीपी के तहत सभी सेक्टरों में नागरिक सुविधा केंद्र और कार्य शिकायत निवारण प्रणाली शामिल हैं।

स्वचालित राशन कार्ड योजना


मुख्यमंत्री ने आज बीपीएल परिवारों को ऑनलाइन राशन कार्ड देने की सुविधा का शुभारंभ किया। एक बार फिर दूसरे राज्यों के लिए रोल मॉडल बनते हुए हरियाणा अब राशन कार्ड बनाने की पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। इस लॉन्च के साथ सरकार ने राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया को सरल और आसान बना दिया है। अब आवेदकों को अपने बीपीएल/एएवाई राशन कार्ड  बनवाने के लिए विभिन्न विभागों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि परिवार पहचान पत्र के माध्यम से बिना आवेदन किये ही ऑटोमेटिक ढंग से पात्र परिवारों को बीपीएल का पीला राशन कार्ड ऑनलाइन मिल जाएगा। अंत्योदय / बी.पी.एल. परिवारों का चयन स्वतः उनकी वार्षिक आय के अनुसार होगा और उनके राशन कार्ड ऑनलाइन अपने आप बनेंगे।

लाभार्थियों को राशन कार्ड डाउनलोड करने की सुविधा भी प्रदान की गई  है। वे अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर/अटल सेवा केंद्र/ई -दिशा आदि से या स्वयं भी अपना राशन कार्ड डाउनलोड कर सकें। हरियाणा  सरकार ने बीपीएल आय सीमा को बढ़ाकर 1.80 लाख रुपये किया, जिससे इस योजना में 12,46,507 बी.पी.एल. परिवार शामिल हुए और अब कुल संख्या 30.38 लाख हो गई है।

विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए मुफ्त पासपोर्ट योजना

हरियाणा सरकार सरकारी कॉलेजों के अंतिम वर्ष में पढ़ने वाले छात्रों को पासपोर्ट जारी करने के लिए सक्षम प्राधिकारी द्वारा लिए गए शुल्क की प्रतिपूर्ति करती है। पासपोर्ट का खर्चा हरियाणा सरकार वहन करेगी। छात्र पासपोर्ट शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए उच्च शिक्षा पोर्टल (https://passport.highereduhry.ac.in) पर आवेदन कर सकते हैं।

नि:शुल्क पासपोर्ट योजना की शुरुआत के बाद अब उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा केंद्रीकृत तरीके से पासपोर्ट शुल्क की प्रतिपूर्ति की जाएगी। पहले प्रतिपूर्ति के लिए प्रक्रिया लंबी होती थी।  यह योजना इच्छुक छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने और विदेशों में अन्य अवसरों की संभावनाएं तलाशने के लिए प्रोत्साहित करेगी।

अब मिलेगी जमाबंदी की ऑनलाइन फर्द

राजस्व विभाग ने प्रदेशभर की सभी 143 तहसीलों/उप-तहसीलों में वैब-हैलरिस प्रणाली का उपयोग करते हुए भूमि अभिलेख प्रबंधन कार्यों का कम्प्यूटरीकरण किया है। इसके बावजूद किसान को जमाबंदी के प्रिंट को पटवारी से सत्यापित करवाना पड़ता है जिससे उसे असुविधा का सामना करना पड़ता है। परंतु अब किसान जमाबंदी की डिजिटल
हस्ताक्षरयुक्त फर्द jamabandi.nic.in पोर्टल से प्राप्त कर सकेंगे। जमाबंदी की यह प्रति कानूनी रूप से मान्य होगी।

एचपीएससी मांग पोर्टल


यह पोर्टल सार्वजनिक विज्ञापन के लिए नई मांग करने की प्रक्रिया में तेजी लाने में मदद करेगा। विभागीय नोडल अधिकारी नई मांग ऑनलाइन भरेंगे और संबंधित अतिरिक्त मुख्य सचिव लॉगिन के माध्यम से हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) को भेजेंगे। इस पोर्टल के लॉन्च के साथ ही एचपीएससी मांग के विरुद्ध विभाग को प्रश्न पूछ सकता है, विभाग जवाब देने और पोर्टल पर ही प्रश्नों का समाधान कर सकेंगे। एचपीएससी द्वारा उठाए गए प्रश्नों के लिए विभाग को ऑटोमेटिक रिमाइंडर भेजे जाएंगे। एचपीएससी और विभाग पोर्टल पर मांग की स्थिति को ट्रैक कर सकेंगे।

नागरिक सुविधा केंद्र- नागरिकों के सशक्तिकरण की दिशा में एक पहल

यह नागरिक सुविधा केंद्र (सीएफसी) राज्य के निवासियों की जरूरतों को पूरा करने वाले सभी नागरिकों से संबंधित मुद्दों के लिए वन-स्टॉप सॉल्यूशन होगा। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) के सभी सेक्टर में नागरिकों के लिए सुविधा केंद्र बनाए जाएंगे।

यह केंद्र सामान्य सेवाओं के साथ-साथ शहरी विकास और शहरी मुद्दों से संबंधित नागरिक-केंद्रित सेवाएं प्रदान करेंगे।  एचएसवीपी द्वारा विकसित प्रत्येक सेक्टर में कम से कम एक सीएफसी होगा। अगले एक साल के भीतर एचएसवीपी के सभी 250 सेक्टरों को सामान्य सुविधा केंद्रों से लैस कर दिया जाएगा।

प्रत्येक केंद्र में कम से कम 2 वर्कस्टेशन शामिल होंगे जिनमें प्रभावी संचार और सेवा वितरण सुनिश्चित करने के लिए ग्राहक सेवा विशेषज्ञ नियुक्त किए जाएंगे। केंद्र में निवासियों को सेवाएं प्रदान करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा भी उपलब्ध कराया जाएगा, जैसे आधार अपडेट करने के लिए बायोमेट्रिक मशीन आदि। नागरिकों को टोकन या ऑनलाइन अपॉइंटमेंट के आधार पर सेवाएं प्रदान की जाएंगी।

वर्क्स शिकायत निवारण प्रणाली

 
वर्क्स शिकायत निवारण प्रणाली नागरिकों और ठेकेदारों द्वारा शिकायतों को उठाने के लिए वन-स्टॉप प्लेटफॉर्म है।  इस प्रणाली का उद्देश्य नागरिकों को विभिन्न इंजीनियरिंग कार्यों की गुणवत्ता पर नजर रखने, कार्य की गुणवत्ता में सुधार और समय-सीमा के पालन और भ्रष्टाचार पर जांच करने का अवसर देना है।

इस प्रणाली से नागरिक कार्य की गुणवत्ता में कमी और भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायतें कर सकते हैं। इसके अलावा, ठेकेदार भी बिलिंग, भुगतान और भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायतें कर सकते हैं।

बिलिंग और भुगतान से संबंधित शिकायतों को टेंडर आमंत्रित करने वाले अधिकारी से ऊपर के अधिकारी के पास भेजा जाएगा। यदि अधिकारी द्वारा 15 दिनों के भीतर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, तो सिस्टम द्वारा शिकायत को अगले उच्च अधिकारी तक पहुँचाया जाएगा। भ्रष्टाचार संबंधी शिकायत सतर्कता विभाग के नोडल अधिकारी को भेजी जाएगी। क्लोजर रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं होने की स्थिति में नागरिक/ठेकेदार शिकायत को फिर से ओपन कर सकते हैं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वर्ष 2023 का कैलेंडर और मैनुअल प्रक्रिया नियमावली का भी विमोचन किया।