तुर्किये-सीरिया में हजारों अभी भी मलबे में दबे, 4300 से ज्यादा मरे

तुर्किये में एक महिला को 22 घंटे बाद जिंदा निकाला

तुर्किये-सीरिया में हजारों अभी भी मलबे में दबे, 4300 से ज्यादा मरे

अंकारा- तुर्किये और सीरिया में एक दिन पहले भूंकप के आए 3 बड़े झटकों के कई शहर तबाह हो गए हैं। लाशें मिलने का सिलसिला अभी भी जारी है। अभी भी बड़ी-बड़ी बिल्डिंग्स के कई टन मलबे के नीचे जिंदगियां तलाशी जा रही हैं। बच्चे, बूड़े, महिलाएं, जो मिल रहे हैं, उनकी हालात देख रेस्क्यू टीम के हाथ कांप रहे हैं। किसी के जिंदा होने की खबर मिलते ही उसे बचाने को कोशिशें और बैचेनी बड़ जाती है।

तुर्किये के सानलिउर्फा प्रांत में ऐसा ही वाक्य देखने को मिला, जब एक महिला को 22 घंटे बाद जिंदा बाहर निकाला गया। रेस्क्यू टीम को ये महिला बेहोश हालात में मिली। उधर सीरिया के अलेप्पो में भी लोगों को बिल्डिंग्स की छतें काटकर निकाला जा रहा है। ऐसा मंजर दोनों देशों के कई शहरों में है। पहला भूकंप तुर्किये के वक्त के मुताबिक, सोमवार सुबह करीब चार बजे (7.8), दूसरा करीब 10 बजे (7.6) और तीसरा दोपहर 3 बजे (6.0) आया। इसके अलावा 243 आफ्टर शॉक्स दर्ज किए गए। इनकी तीव्रता 4 से 5 रही। दोनों देशों में 4,300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। तुर्किये में 2,921 लोगों की जान जा चुकी है और 15 हजार से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। वहीं, सीरिया में 1,444 लोग मारे गए और 2 हजार से ज्यादा जख्मी हैं।

तुर्किये व सीरिया कई प्रांतों व शहर हुए तबाह

तुर्किये के 10 से ज्यादा प्रांतों में भारी तबाही हुई है। यहां 6,217 से ज्यादा इमारतें धराशायी हो गई हैं। सीरिया में भी भूकंप की वजह से ऐसे ही हालात हैं। यहां भूकंप प्रभावित कई इलाके बशर अल असाद की सरकार और विद्रोहियों के कब्जे में हैं, जिसकी वजह तबाही का सटीक आंकड़ा मिलना मुश्किल हो रहा है। सीरियाई सरकार की एजेंसी सना ने बताया है कि अलेप्पो शहर में कई ऐतिहासिक इमारतों को नुकसान पहुंचा है। हृ के प्रवक्ता के स्टीफन दुजारिक के मुताबिक नॉर्थ वेस्ट सीरिया में 224 इमारतें गिरी हैं और 325 को काफी नुकसान पहुंचा है।

ठंड से बचाव कार्य हुआ प्रभावित

यून ने कहा है कि बर्फबारी और बारिश के कारण भूकंप से प्रभावित दोनों ही देशों में बचाव कार्य प्रभावित हो रहा है। इमरजेंसी सर्विसेज की टीमों को रेस्क्यू में काफी दिक्कत हो रही है। तुर्किये के हताय प्रांत में एक आदमी ने रोते हुए रॉयटर्स को बताया कि इमारतों के ढेर में दबे लोग जान बचाने के लिए चीख रहे हैं। भूख, चोट और क?ाके की ठंड से परेशान हैं। वहीं, सीरिया में बचाव कार्यों में लगी व्हाइट हेलमेट्स की टीम के सदस्य रायद अल सालेह ने बताया कि जगह-जगह दबे लोगों को बचाने का काम वक्त के खिलाफ रेस की तरह लग रहा है।