गेहूं की फसल के अवशेषों को जलाने पर प्रतिबंध-उपायुक्त

आदेशों की अवहेलना में यदि कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 सपठित वायु एवं प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत कानूनी कार्यवाही की जाएगी।

गेहूं की फसल के अवशेषों को जलाने पर प्रतिबंध-उपायुक्त
यमुनानगर-जिलाधीश ने दण्ड प्रक्रिया नियमावली 1973 की धारा 144 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिला यमुनानगर में गेहूं की फसल के अवशेषों को जलाने पर प्रतिबंध लगाया है। आदेशों की अवहेलना में यदि कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 सपठित वायु एवं प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत कानूनी कार्यवाही की जाएगी। यह आदेश जिला में तुरन्त प्रभाव से लागू हो गए हैं और यह आदेश रबी सीजन-2023 समाप्त होने तक प्रभावी रहेगें।
जिलाधीश ने कहा कि जिला की सीमा के भीतर कुछ किसान गेहूं की फसल की कटाई के बाद गेहूं के अवशेषों एवं फानों को जला देते है। इन अवशेषों एवं फानों को जलाने से होने वाले प्रदूषण से मनुष्य के स्वास्थ्य, सम्पत्ति की हानि, तनाव, कोध्र या मानव जीवन को भारी खतरे की संभावना बनी रहती है और आग लगने से आसपास के क्षेत्रों में जान माल की हानि भी हो सकती है जबकि उन अवशेषों से पशुओं के लिए तुड़ा बनाया जा सकता है। फसल अवशेषों के जलाने से चारे की कमी हो सकती है। उन्होंने सभी कम्बाईन हारवैस्टर मशीन मालिको को आदेश देते हुए कहा कि गेहूं की फसल की कटाई के दौरान अपनी कम्बाईन हारवैस्टर मशीनों में सुपर स्ट्रा मैनेजमैंट सिस्टम एवं एसएसएमएस लगवाना सुनिश्चित करें।  उन्होंने बिना सुपर स्ट्रा मैनेजमैंट सिस्टम कम्बाईन हारवैस्टर मशीनों द्वारा गेहूं की फसल काटने पर पूर्णत: रोक लगाने के आदेश दिए है।