डेढ़ करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद छतबीड़ चिड़ियाघर को हरित बिजली उत्पादन का इंतजार

बिजली विभाग की लेटलतीफी के कारण प्रोजेक्ट में हो रही देरी

डेढ़ करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद छतबीड़ चिड़ियाघर को हरित बिजली उत्पादन का इंतजार

जीरकपुर : पंजाब सरकार के प्रयासों की बदौलत छतबीड़ चिड़ियाघर में डेढ़ करोड़ की लागत से स्थापित सोलर सिस्टम प्लांट से 270 किलोवाट हरित बिजली पैदा करने के लिए छतबीड़ चिड़ियाघर इंतजार कर रहा है। छतबीड़ चिड़ियाघर में पंजाब ऊर्जा विकास प्राधिकरण (पेडा) द्वारा पंजाब सरकार के सहयोग से लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से 270 किलोवाट क्षमता के दो बड़े सोलर सिस्टम स्थापित किए गए हैं। इन सोलर सिस्टम के उत्पादन के लिए पावरकॉम द्वारा बिजली मीटर लगाया जाना है, जिसके लिए चिड़ियाघर प्रबंधन पावरकॉम से संपर्क कर रहा है, लेकिन अभी तक चिड़ियाघर में सोलर सिस्टम के लिए बिजली मीटर नहीं लगाया गया है। उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, जीरकपुर के पास छतबीड़ चिड़ियाघर का  हर साल बिजली बिल करीब 50 लाख रुपये आता है। इसे देखते हुए राज्य में भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी सरकार के सहयोग से चिड़ियाघर प्रशासन ने बिजली की जिम्मेदारी ली है। चिड़ियाघर का खर्च चिड़ियाघर को अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए करीब डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से 270 किलोवाट क्षमता के दो सोलर सिस्टम लगाए गए हैं। इसके साथ ही पंजाब सरकार ने छतबीड़ चिड़ियाघर का साल 2032 तक का मास्टर प्लान तैयार किया है और भविष्य में बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए सरकार ने सोलर सिस्टम भी लगाया है। इसके चालू होने के बाद, इन सौर भूखंडों द्वारा उत्पादित बिजली पावरकॉम को वापस कर दी जाएगी। इस संदर्भ में जुटाई गई अलग-अलग जानकारी के मुताबिक, पावरकॉम की शर्त के मुताबिक, छतबीड़ चिड़ियाघर में पहले आवंटित बिजली की जरूरत का केवल 70 फीसदी हिस्सा ही ग्रीन बिजली पैदा करके सरकार को लौटाया जा सकता था। छतबीड़ चिड़ियाघर को वर्ष 1977 में दो बिजली मीटर जारी किए गए थे जिसके तहत छतबीड़ चिड़ियाघर है।
आवश्यकता 167 किलोवाट से बढ़ाकर 398 किलोवाट कर दी गई है ताकि छतबीड़ चिड़ियाघर सरकार की मदद के लिए अधिक बिजली पैदा कर सके। सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित करने के बाद चिड़ियाघर में बिजली का बिल शून्य हो जाएगा और छतबीड़ में बिजली की खपत पूरी होने के बाद जो भी बिजली बचेगी वह सरकार को वापस कर दी जाएगी। बिजली की खपत से हर साल लाखों रुपये की बचत होने से चिड़ियाघर प्रशासन यहां आने वाले पर्यटकों को अधिक सुविधाएं देने पर खर्च कर सकेगा। यह भी बताया गया है कि पावरकॉम की इन्फोर्समैट टीम ने चिड़ियाघर का दौरा किया है और सभी प्रणालियों की जांच की है और अब उम्मीद है कि जल्द ही बिजली के मीटर लगाए जाएंगे, जिसके बाद छतबीड़ चिड़ियाघर सौर मंडल से बिजली पैदा करके पावरकॉम को बिजली लौटा सकेगा। मामले को लेकर संपर्क करने पर पावरकॉम के सीनियर एग्जीक्यूटिव इंजीनियर आरएस बैंस ने कहा कि उपभोक्ता स्तर पर कुछ कमियों के कारण चिड़ियाघर को मीटर जारी करने में देरी हो रही है। उन्होंने कहा कि सभी व्यवस्थाएं पूरी होते ही बिजली मीटर जारी कर दिया जायेगा।