गन्ना किसानों के अनिश्चितकालीन धरने से जालंधर-लुधियाना हाईवे पर भारी जाम

धरने के कारण जालंधर लुधियाना राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर भारी जाम की स्थित है जिसमें हजारों मुसाफिर फंसे हुए हैं

गन्ना किसानों के अनिश्चितकालीन धरने से जालंधर-लुधियाना हाईवे पर भारी जाम

जालंधर : पंजाब में जालंधर-लुधियाना राष्ट्रीय राजमार्ग के जालंधर-फगवाड़ा खंड पर धानोवाली गांव के पास गन्ने का समर्थन मूल्य 380 रुपये से बढ़ाकर 450 रुपये प्रति क्विंटल करने और चीनी मिलों को चालू करने की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों द्वारा मंगलवार से शुरू अनिश्चितकालीन धरना बुधवार को भी जारी है। धरने के कारण जालंधर लुधियाना राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर भारी जाम की स्थित है जिसमें हजारों मुसाफिर फंसे हुए हैं। मंगलवार की देर रात किसानों की आपसी बैठक में यह फैसला लिया गया कि आज शाम सरकार के साथ किसानों की बैठक होने पर ही धरना समाप्त किया जाएगा। अगर आज सरकार के साथ बैठक नहीं हुई तो किसान जालंधर के धनोवाली के पास ट्रेनें भी रोकेंगे। . इतना ही नहीं किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक धरना खत्म नहीं होगा।

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसान संगठन गन्ने का रेट बढ़ाने समेत अन्य मांगों को लेकर जालंधर-लुधियाना मुख्य मार्ग पर बैठे हैं। सोमवार देर शाम जालंधर प्रशासन के अधिकारियों ने भी किसानों से मुलाकात की। जहां उन्होंने किसानों को उनके विचार सरकार तक पहुंचाने और उनकी मांगों को जल्द से जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया। आश्वासन के बाद भी धरना समाप्त नहीं हुआ।

किसानों ने मंगलवार को जालंधर-लुधियाना मुख्य मार्ग पर तंबू गाड़ दिए थे। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेकेएम) के बैनर तले किसानों ने मंगलवार को जालंधर शहर के बाहरी इलाके धानोवाली में जालंधर-नई दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया है। दोआबा किसाना मोर्चा के नेता हरसुलिंदर सिंह ने बताया कि किसानों के गैर राजनीतिक संगठनो की मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ आज दोपहर 12 बजे बैठक है जिसके लिए वह चंडीगढ़ पहुंच चुके हैं। उन्होने बताया कि धरना सियासी संगठनों द्वारा आयोजित किया गया है। भारतीय किसान यूनियन के नेता मनदीप सिंह समरा ने बताया कि आज शाम चीनी मिल मालिकों के साथ मुख्यमंत्री की बैठक होगी। उसके पश्चात ही आगे की रणनीति तय की जाएगी।

एसकेएम कार्यकर्ता जंगवीर सिंह चौहान ने कहा कि किसान, गन्ने की कीमत में बढ़ोतरी, चीनी मिलों में एकल खिड़की और काउंटर भुगतान प्रणाली, बाढ़ और अन्य कारकों के कारण क्षतिग्रस्त गन्ने की फसल के लिए मुआवजा और चीनी मिलों में पेराई शुरू करने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह पिछले कई दिनों से सरकार के सामने ये मांगें उठा रहे हैं लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। सरकार द्वारा मूल्य वृद्धि के संबंध में अधिसूचना जारी करने के बाद ही वे अपना विरोध प्रदर्शन उठाएंगे और वाहनों की आवाजाही के लिए राजमार्ग को साफ करेंगे। एक अन्य किसान नेता मंजीत सिंह राय ने कहा कि उन्होंने आठ नवंबर को विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई थी, लेकिन उनकी मांगों को पूरा करने के संबंध में राज्य सरकार के आश्वासन के बाद इसे स्थगित कर दिया था।