सुखपाल खैरा ने जानबूझकर बदनाम करने की कोशिश की - माणुंके

विधायक माणुंके ने कहा, “छह साल से ज्यादा समय से विधायक रहने के बावजूद मेरे और मेरे पति के पास कोई प्रॉपर्टी नहीं है

सुखपाल खैरा ने जानबूझकर बदनाम करने की कोशिश की - माणुंके

चंडीगढ़ - आम आदमी पार्टी (आप) की वरिष्ठ नेता और जगरांव से विधायक सरबजीत कौर माणुंके ने विवादित कोठी से संबंधित अपने ऊपर लगे सभी आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि 2017 में विधायक बनने के बाद से उन्होंने आज तक किसी के साथ कभी भी कोई अन्याय नहीं किया और न ही ऐसा करना चाहते हैं।

चंडीगढ़ पार्टी मुख्यालय में गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए विधायक माणुंके ने कहा, “छह साल से ज्यादा समय से विधायक रहने के बावजूद मेरे और मेरे पति के पास कोई प्रॉपर्टी नहीं है। हम पिछले कई सालों से किराए के मकान में ही रहते हैं। वह कोठी भी मैंने किराए पर ही ली थी। जिसका हमारे पास रेंट एग्रीमेंट भी है और हमने उसका हर महीने किराए भी दिए।”

विधायक ने कहा, “जब मुझे वह एनआरआई मकान मालिक की तरफ से कोठी खाली करने को कहा गया तो उस कोठी को खाली कर दिया और नया मकान किराए पर ले लिया है, जहां हम शिफ्ट भी हो चुके हैं। मैंने उस कोठी की चाभी भी वापस कर दी है। अब मेरा किसी भी विवादित कोठी से कोई नाता नहीं है। ”

उन्होंने विपक्षी नेताओं खासकर सुखपाल खैरा पर इस मामले की राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि खैरा ने उन्हें जानबूझकर बदनाम करने की कोशिश की। माणुंके ने कहा कि 'भू राजस्व कानून-1972' के अनुसार पंजाब में सिंचाई वाले क्षेत्र में कोई व्यक्ति 17 एकड़ से ज्यादा जमीन नहीं रख सकता, लेकिन खैरा के पास 51 एकड़ जमीन कहां से आई। उन्होंने खैरा पर दोस्त के माध्यम से चंडीगढ़ की कोठी हड़पने का भी आरोप लगाया और कहा कि उनके खास दोस्त, जो उनके बिजनेस पार्टनर भी है, उन्होंने चंडीगढ़ सेक्टर-5 में किराए पर मकान लिया फिर कुछ समय बाद खैरा उस कोठी के मालिक बन गए। उन्होंने उस कोठी की कीमत मात्र 16 लाख रुपए बताई है जबकि वह करोड़ों की प्रॉपर्टी है।