सीमा से सटे क्षेत्रों में सड़कों और सुरंगों के निर्माण में लाई जाएगी तेजी, बैठक में लिया फैसला

मुख्यमंत्री ने जनजातीय क्षेत्रों में सड़कें बनाने के लिए सुरंगों के निर्माण पर बल देने को कहा। उन्होंने जनजातीय क्षेत्र में रहने वाले लोगों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए विभागों में गहन अध्ययन करने को भी कहा।

सीमा से सटे क्षेत्रों में सड़कों और सुरंगों के निर्माण में लाई जाएगी तेजी, बैठक में लिया फैसला

शिमला : चीन अधिकृत तिब्बत सीमा से सटे जनजातीय जिलों लाहौल-स्पीति, किन्नौर और चंबा के भरमौर, पांगी में हिमाचल प्रदेश सरकार सड़कों और सुरंगों के निर्माण में तेजी लाएगी। इसके लिए अधिकारियों को कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। राज्य सचिवालय शिमला में हिमाचल प्रदेश जनजातीय सलाहकार परिषद की 48वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने जनजातीय क्षेत्रों में सड़कें बनाने के लिए सुरंगों के निर्माण पर बल देने को कहा। सीएम ने इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए विभागों को गहन अध्ययन करने को भी कहा। उन्होंने कहा कि सरकार यहां की महिलाओं को अधिक अधिकार देने पर भी विचार कर रही है। मुख्यमंत्री ने सभी विभागों के अधिकारियों को यहां के लोगों की सुविधा को ध्यान में रखकर परियोजनाएं बनाकर उन्हें समयबद्ध धरातल पर उतारने के निर्देश दिए और कहा कि उनके अधिकारों की रक्षा के लिए सरकार उनके साथ मजबूती से खड़ी है।

सुक्खू ने कहा कि यहां शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए धन की कमी आड़े नहीं आएगी। सरकार चौबीस घंटे विद्युत आपूर्ति के लिए सौर ऊर्जा के दोहन को बढ़ावा दे रही है। किन्नौर की हंगरंग घाटी में दो सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जा रही हैं। 250 किलोवाट से 2 मेगावाट तक की सौर परियोजनाओं को स्थापित करने के लिए युवाओं को 40 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया है। जनजातीय युवाओं को लाभ उठाने के लिए आगे आना चाहिए। सरकार इन सौर ऊर्जा परियोजनाओं से उत्पन्न बिजली की आगामी 25 वर्षों तक खरीद करेगी। इससे पहले मुख्यमंत्री ने जनजातीय सलाहकार परिषद के सभी मनोनीत सदस्यों को पद और गोपनीयता की शपथ भी दिलाई। सदस्यों ने अपने-अपने क्षेत्रों की समस्याओं से अवगत करवाया, जिन पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में लाहौल-स्पीति के विधायक रवि ठाकुर, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव राजस्व ओंकार शर्मा, विभिन्न विभागों के प्रशासनिक सचिव, विभागाध्यक्ष और परिषद के सदस्य भी उपस्थित रहे।

लाहौल-स्पीति में पवन ऊर्जा के दोहन के लिए 84 मेगावाट क्षमता चिह्नित की

सुक्खू ने कहा कि लाहौल-स्पीति में पवन ऊर्जा के दोहन के लिए 84 मेगावाट क्षमता को चिह्नित किया गया है। इसके दोहन के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ विंड एनर्जी के साथ मामला उठाया है। शीघ्र ही संस्थान की एक टीम काजा का दौरा करेगी।

कड़छम में निर्मित कृत्रिम झील में जल क्रीड़ाएं शुरू करेंगे

सीएम ने कहा कि किन्नौर के कड़छम में निर्मित कृत्रिम झील में जल क्रीड़ा गतिविधियां शुरू करने के लिए ट्रायल करवाया गया है। जल्द ही ये खेलें शुरू की जाएंगी, ताकि स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सके। इसके साथ ही जिला किन्नौर में धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण तेमसो झील में भी पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा। राष्ट्रीय राजमार्ग-5 से झील को संपर्क मार्ग से जोड़ने पर विचार किया जाएगा। जनजातीय क्षेत्रों में हेलीपोर्ट का निर्माण भी किया जा रहा है।

लाहौल-स्पीति जिले में अगले शैक्षणिक सत्र से सर्दियों में बंद होंगे स्कूल

जनजातीय सलाहकार परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू  कहा कि राज्य सरकार अगले शैक्षणिक सत्र से लाहौल-स्पीति जिले के स्कूलों की विंटर क्लोजिंग पर विचार करेगी। इसके तहत लाहौल-स्पीति जिले में अगले शैक्षणिक सत्र से सर्दियों में स्कूल बंद होंगे। अभी  यहां समर क्लोजिंग स्कूलों की व्यवस्था चल रही है।