हिमाचल के किसान आसानी से कर सकेंगे ड्रेगन फ्रूट की खेती

प्रदेश के जिला ऊना का मौसम ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए अनुकूल है। इसे बेसहारा और जंगली जानवर नहीं खाते हैं और पानी की जरूरत कम होती है

हिमाचल के किसान आसानी से कर सकेंगे ड्रेगन फ्रूट की खेती

शिमला - हिमाचल प्रदेश के निचले इलाकों के प्रगतिशील बागवान किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती को अपना रहें हैं। ड्रैगन फ्रूट एक इग्जॉटिक फल है जिसके बाजार में अच्छे दाम मिलते हैं।

प्रदेश के जिला ऊना का मौसम ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए अनुकूल है। इसे बेसहारा और जंगली जानवर नहीं खाते हैं और पानी की जरूरत कम होती है। पिछले दो वर्षों में जिला प्रशासन ऊना ने ड्रैगन फ्रूट की खेती को मनरेगा में प्रोत्साहित किया है जिसमें बागवान को एक लाख रुपए तक की सहायता दी जाती है।

ड्रैगन फ्रूट की खेती के शुरू में ट्रेलिस सिस्टम बनाने के कारण खर्चा अन्य फसलों की तुलना में ज्यादा आता है। इसके लिए बैंक ऋण अभी तक उपलब्ध नहीं हो पाता था। ड्रैगन फ्रूट की खेती को बैंक ऋण के दायरे में लाने के लिए जिला प्रशासन ने 07 मार्च को स्केल ऑफ फाइनैन्स अधिसूचित करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा था जिसमें एक एकड़ में ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए छह लाख 32 हजार 80 रुपये के ऋण की प्रस्तावना की गई थी। जिला प्रशासन के इस प्रस्ताव को राज्य स्तरीय तकनीकी कमेटी ने अनुमोदित कर दिया है ।

ऊना जिला के उपायुक्त राघव शर्मा ने बताया कि अब के किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए छह लाख 32 हजार 80 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से बैंक से ऋण ले सकते हैं।

उन्होंने बताया कि किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से तीन लाख रुपये तक का ऋण चार प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर उपलब्ध है। इससे अधिक का ऋण सामान्य ब्याज दर पर उपलब्ध होगा।

उपायुक्त ने बताया कि जिला ऊना में बेहड़ बिट्ठल में विश्व बैंक पोषित ड्रैगन फ्रूट प्रॉसेसिंग प्लांट का कार्य चला हुआ है जिसके लिए ड्रैगन फ्रूट की जरूरत होगी। बैंक ऋण की सुविधा मिलने से जिले में ड्रैगन फ्रूट की खेती को प्रोत्साहन मिलेगा और बागवान इसकी खेती करके लाभान्वित होंगे।