पूर्वांचल,बुंदेलखंड और गंगा एक्सप्रेस-वे पर विकसित करें एमएसएमई क्लस्टर : योगी

श्री योगी ने कहा कि प्रदेश में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री इंटर्नशिप प्रोग्राम चल रहे हैं

पूर्वांचल,बुंदेलखंड और गंगा एक्सप्रेस-वे पर विकसित करें एमएसएमई क्लस्टर : योगी

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि एमएसएमई विभाग पूर्वांचल, बुंदेलखंड और गंगा एक्सप्रेस-वे पर जमीन चिन्हित कर एमएसएमई क्लस्टर विकसित करें। साथ ही लखनऊ, वाराणसी और आगरा में यूनिटी मॉल बनाने की कार्रवाई को आगे बढ़ाएं। अंतर्राष्ट्रीय एमएसएमई दिवस-2023 के अवसर पर लोकभवन में आयोजित एमएसएमई क्षेत्र के समग्र विकास के लिये बैंकों द्वारा 20 हजार करोड़ रुपए के ऋण वितरण कार्यक्रम में प्रतिभाग करत हुये श्री योगी ने कहा कि प्रदेश में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री इंटर्नशिप प्रोग्राम चल रहे हैं। पीएम और सीएम इंटर्नशिप प्रोग्राम के माध्यम से हम साढ़े सात लाख युवाओं को नौकरी देंगे। इसके लिए हमारे उद्यमियों को आगे आना होगा। एमएसएमई सेक्टर के उद्यमियों को उनकी आवश्यकता के अनुसार सुविधा उपलब्ध कराई जाए।

उन्होंने कहा कि तीन महीने के अंदर पहले चरण के तहत राजधानी के अवध शिल्पग्राम में यूनिटी मॉल प्रारंभ हो जाए तो बेहतर रहेगा। योगी ने कहा कि ऋण वितरण कार्यक्रम कार्यक्रम के तहत आज प्रदेश के तीन लाख 41 हजार एमएसएमई उद्यमियों को एक साथ ऋण वितरित किया जा रहा है। यह सेक्टर कृषि के बाद सर्वाधिक रोजगार उपलब्ध कराने वाला है। एमएसएमई सेक्टर के उद्यमियों ने इस सेक्टर में नई जान फूंककर उत्तर प्रदेश को नई पहचान दी है। श्री योगी ने कहा कि एक समय ऐसा था कि यूपी का एमएसएमई सेक्टर दम तोड़ रहा था। सरकार की तरफ से सहयोग न मिलने से इस सेक्टर के उद्यमी हताश और निराश हो चुके थे। वहीं विगत छह वर्ष में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से हमारी सरकार ने लगभग 96 लाख एमएसएमई इकाइयां चल रही हैं। ये इकाइयां करोड़ों लोगों के जीवन का आधार हैं। प्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने एमएसएमई सेक्टर को जीवित रखने के लिए एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) की योजना चलाई, जो देश के अंदर एक ब्रांड बन चुकी है। आज देश में जब भी एमएसएमई और ओडीओपी की बात होती है तो लोगों की जुबान पर सबसे पहले उत्तर प्रदेश का नाम आता है।

उन्होने बताया कि 52 उत्पादों के लिए जीआई टैग प्राप्त करने वाला उत्तर प्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में है। अकेले वाराणसी के 23 उत्पादों को जीआई टैग मिल चुका है। हमारे पास 75 जनपद हैं, आने वाले समय उत्तर प्रदेश के कई अन्य उत्पादों को जीआई टैग मिलेगा। वो दिन दूर नहीं है जब उत्तर प्रदेश के परंपरागत उत्पादों का डंका देश और दुनिया में बजेगा। कार्यक्रम में सीएम योगी ने प्रयागराज के ग्राम मंदर देह माफी (मंदरी) भगवत में गोबर बायोगैस प्लांट और ग्राम गांजा में ऊनी धागा उत्पादन केन्द्र का लोकार्पण किया। साथ ही उन्होंने एमएसएमई के 14 उद्यमियों को राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत अनुदान राशि वितरित की। इसके अलावा कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश शासन और भारतीय पैकेजिंग संस्थान (आईआईपी) के बीच एमओयू का आदान प्रदान किया गया।

सीएम योगी ने जीआई टैग से संबद्ध हुए 11 ओडीओपी उद्यमियों को प्रमाण पत्र वितरित किये। इनमें अमरोहा की ढोलक, अलीगढ़ का ताला, बागपत के होम फार्निशिंग, बांदा के शजर पत्थर, बाराबंकी के हैंडलूम, बिजनौर के नगीना गुड क्राफ्ट, जालौन के काल्पी हैंडमेड पेपर, महोबा के गोरा पत्थर, मैनपुरी की तारकशी, संभल के हॉर्न क्राफ्ट और संतकबीर नगर के बखिरा मेटल प्रोडक्ट के उद्यमी शामिल रहे। कार्यक्रम में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग के मंत्री राकेश सचान भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव अमिताभ कुमार, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, जीआई विशेषज्ञ पद्मश्री रजनीकांत सहित अन्य अधिकारी एवं एमएसएमई विभाग के कर्मचारी मौजूद रहे।