आबकारी राजस्व में हुई 26 फ़ीसदी की बढ़ोतरी : दुष्यंत चौटाला

प्रदेश के इतिहास में पहली बार रिकॉर्ड वृद्धि बताई

आबकारी राजस्व में हुई 26 फ़ीसदी की बढ़ोतरी :  दुष्यंत चौटाला

चंडीगढ : हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि चालू आबकारी वर्ष में अभी तक आबकारी विभाग ने 100 ठेके कम करने के बाद भी पिछले साल की तुलना में 26 प्रतिशत अधिक राजस्व एकत्रित कर लिया है जो कि एक रिकॉर्ड है।उन्होंने पत्रकार वार्ता में बताया कि पिछले वर्ष 1250 जोन में 2500 शराब के ठेकों की नीलामी हुई थी और उनसे 5047 करोड़ रूपये की लाइसेंस फीस का राजस्व मिला था। इस वर्ष 100 ठेकों को कम किया गया है और कुछ शराब के ठेकों की बिक्री बकाया हैफिर भी आज तक 6362 करोड़ रुपया लाइसेंस फीस के तौर पर राजस्व के रूप में एकत्रित हो चुका है जो कि पिछले साल की तुलना में 26 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने इस राजस्व को हरियाणा के इतिहास में पहली बार एक रिकॉर्ड बताया।

डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बताया कि चालू आबकारी वर्ष के लिए शराब के लगभग सभी ठेकों की नीलामी हो चुकी हैकेवल पांच जोन के बकाया थेउनकी भी आज आखरी तारीख हैउम्मीद है कि उनकी नीलामी भी आज हो जाएगी और फिर 20 से 30 करोड़ मिल जाने के बाद यह वृद्धि पिछले साल की तुलना में 27 प्रतिशत होने की संभावना है। उपमुख्यमंत्री ने आबकारी एवं कराधान विभाग विभाग द्वारा पहली तिमाही में एकत्रित किये गए राजस्व की जानकारी देते हुए बताया कि अधिकारियों के अथक प्रयासों की बदौलत राजस्व में लगातार बढ़ोतरी हो रही हैइस वर्ष की प्रथम तिमाही में पिछले साल की तुलना में लगभग 21 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटालाजिनके पास आबकारी एवं कराधान विभाग का प्रभार भी हैने बताया कि आबकारी एवं कराधान विभाग के इस वित्तीय वर्ष के पहले 4 महीनों (अप्रैल-जुलाई 2023) में राज्य का कुल कर-संग्रह 23,108 करोड़ रुपये तक जा पहुंचा है जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 19,133 करोड़ रुपए था। यह पिछले साल की तुलना में जो 20.8% की वृद्धि है। उन्होंने बताया कि आबकारी एवं कराधान विभाग द्वारा कई पहल की गई हैं जिनके तहत राजस्व को अधिकतम करनेलीकेज को कम करने की दिशा में ठोस कदम उठाए गए।

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने आगे बताया कि इस वर्ष की प्रथम तिमाही में वैट का संग्रहण 3,819 करोड़ रुपए था जबकि एसजीएसटी संग्रहण (आईजीएसटी सेटलमेंट तथा एसजीएसटी कम्पेन्जेशन समेत ) 15,229 करोड़ था। पहले की तुलना में यह 31.7 प्रतिशत की वृद्धि है।