कार्तिक पूर्णिमा और देव दीपावली पर स्नान से लेकर दान पुण्य का है विशेष महत्व

इस दिन को देव दीपावली भी कहा जाता है, जो कार्तिक मास का अंतिम दिन होता है। इस दिन की खासियत है

कार्तिक पूर्णिमा और देव दीपावली पर स्नान से लेकर दान पुण्य का है विशेष महत्व

भारत : कार्तिक मास को पड़ने वाली पूर्णिमा को अत्यंत पवित्र माना गया है। विशेष रूप से उत्तर भारत में इस दिन गंगास्नान का महत्व बेहद अधिक होता है। हिंदू धर्म में वैसे तो लोग हर पूर्णिमा और एकादशी पर गंगा जैसी पवित्र नदी या अन्य नदी में स्नान करते है। मगर कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर गंगा स्नान का खास महत्व होता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही सिख धर्म में गुरुपूरब मनाई जाती है क्योंकि इसी दिन गुरुनानक देव का जन्म भी हुआ था।

इस दिन को देव दीपावली भी कहा जाता है, जो कार्तिक मास का अंतिम दिन होता है। इस दिन की खासियत है कि इस दिन सिर्फ आम लोग ही नहीं बल्कि देवता भी दीप जलाकर दिवाली मनाते है, इसलिए इस दिन को देव दीपावली कहा जाता है। इस वर्ष देव दीपावली 27 नवंबर को मनाई जा रही है। देव दीपावली को लेकर हिंदू धर्म में कई मान्यताएं है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन स्वर्गलोक से देवी-देवता धरतीलोक पर आते हैं। इसलिए इस दिन को उत्सव की तरह मनाया जाता है।

हिंदूधर्म में देव दीपावली या कार्तिक पूर्णिमा को बेहद शुभ दिन माना जाता है। इस दिन भक्त पवित्र नदियों में स्नान कर दान-पुण्य करते है। इस दिन दिपदान करने का विशेष महत्व बताया गया है। काशी और गंगाघाट पर दीपदान करने का विशेष महत्व बताया गया है।

देव दीपावली के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए। इस दिन कोशिश करें की नदी में स्नान किया जाए। अगर ऐसा ना कर सकें तो नहाने के पानी मे गंगा जल डालकर स्नान करें। इसके बाद साफ कपड़ें पहनें और सूर्य देवता को अर्घ दे। इस दिन भगवान गणेश, शिवजी, विष्णु जी की पूजा करनी चाहिए। इस पूजा में हल्दी, कुमकुम, चंदन, अक्षत, सुपारी, मौली, जनेऊ, दूर्वा, पुष्प, फल और नैवेद्य भगवान को अर्पित करना चाहिए। इसके बाद धूप जलाकर आरती करनी चाहिए।

देव दीपावली के दिन मां लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए भी विशेष उपाय किए जा सकते है। इस दिन जो भक्त मां लक्ष्मी की पूजा करता है उस पर मां का आशीर्वाद हमेशा बना रहता है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर में सुख समृद्धि बनी रहती है। कार्तिक पूर्णिमा की रात में चंद्रोदय के बाद कार्तिक स्वामी की छह माताओं की पूजा करनी चाहिए, जिन्हें तपस्विनी कृतिका कहा जाता है। इनका पूजन करने से घर में अन्न, धन, वैभव, ऐश्वर्य आता है।

कार्तिक पूर्णिमा के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से पुण्य मिलता है।

इस दिन घर के मुख्य द्वार पर तोरण लगाना चाहिए। इसके साथ ही रंगोली भी बनानी चाहिए। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है घर में विराजती है। घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाना भी शुभ होता है।

इस दिन जातकों को दीप दान करना चाहिए। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है। दीपदान करने के साथ ही घर के आंगन में और तुलसी पर भी दीप जलाना चाहिए। वहीं कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान करने के बाद दान पुण्य का भी विशेष महत्व होता है।