बिपरजॉय तूफान के असर से राजस्थान के एक दर्जन जिलों में अच्छी वर्षा

मौसम विभाग के अनुसार सोमवार को प्रदेश के करौली, सवाईमाधोपुर एवं बारां जिले में अति भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई वहीं अजमेर, बासंवाड़ा एवं भरतपुर जिले में भारी बरसात होने की संभावना जताई गई हैं।

बिपरजॉय तूफान के असर से राजस्थान के एक दर्जन जिलों में अच्छी वर्षा

जयपुर - बिपरजॉय तूफान के असर से राजस्थान के एक दर्जन जिलों में अच्छी बरसात हो चुकी है एवं अब तक बाड़मेर, जालोर, सिरोही, जोधपुर सहित आठ जिलों में असामान्य वर्षा रिकॉर्ड की गई और प्रदेश में अभी बरसात का दौर जारी है।

मौसम विभाग के अनुसार सोमवार को प्रदेश के करौली, सवाईमाधोपुर एवं बारां जिले में अति भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई वहीं अजमेर, बासंवाड़ा एवं भरतपुर जिले में भारी बरसात होने की संभावना जताई गई हैं।

राज्य में पिछले दो-तीन दिन से वर्षा का दौर जारी है और बाड़मेर, सिरोही , जालोर, पाली, जोधपुर, गंगानगर सहित कई जिलों में भारी बरसात के बाद पिछले चौबीस घंटों में जोधपुर में 91 मिलीमीटर, बाडमेर में 47, बीकानेर में 30, उदयपुर में 20 एवं अजमेर में 11 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। इसी तरह अनय जिलों में भी बरसात हुई।

जल संसाधन विभाग के अनुसार भारी बरसात के कारण अब तक आठ जिलों बाड़मेर, जोधपुर, जालोर, नागौर, पाली, सिरोही एवं चुरु में असामान्य वर्षा हो चुकी है। इनमें बाड़मेर में सामान्य से 388़ 3 प्रतिशत, जालोर में 384़ 3, सिरोही में 212़6, गंगानगर में 172़ 1 ,जोधपुर में 169़ 1 एवं नागौर में 107़7 प्रतिशत अधिक बरसात हुई। इसी तरह बीकानेर, चित्तौड़गढ़, सीकर एवं उदयपुर में सामान्य से अधिक वर्षा हो चुकी है जबकि हनुमानगढ़ एवं राजसमंद में अब तक सामान्य वर्षा हुई है।

राज्य में अभी शेष 19 जिलों में बारिश की कमी है। हालांकि अभी मानसून आना बाकी हैं। राज्य में 17 जून तक औसत सामान्य वर्षा 22़05 मिलीमीटर की तुलना में 23़ 30 मिलीमीटर बरसात हो चुकी है जो सामान्य से 5़7 प्रतिशत अधिक है। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष इस दौरान 11़ 54 मिलीमीटर बारिश हुई।

इस बरसात के कारण राज्य के बांधों में पानी की आवक बढ़ गई और पिछले चौबीस घंटों में 3़ 82 एमक्यूएम पानी आया। राज्य के बांधों में 17 जून तक 5565़39 एमक्यूएम पानी पहुंच गया। इसके पिछले दो दिनों के मुकाबले में इसमें 2़ 56 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इस कारण इस वर्ष अब तक तीन बांध लबालब हो चुके हैं।