किसानों पर जबरदस्ती सोलर नलकूप कनेक्शन थोप रही सरकार - हुड्डा

कहा कि 10 बीएचपी के बिजली ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए आवेदन करने वाले 20 हजार किसानों को सरकार जबरदस्ती सोलर पम्प कनेक्शन दे रही है

किसानों पर जबरदस्ती सोलर नलकूप कनेक्शन थोप रही सरकार - हुड्डा

चंडीगढ़ - हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राज्य की भाजपा-जजपा सरकार पर किसानों को जबरदस्ती सौर ऊर्जा संचालित नलकूप कनेक्शन देने का आरोप लगाया है।

श्री हुड्डा ने गुरुवार को यहां जारी एक बयान में कहा कि 10 बीएचपी के बिजली ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए आवेदन करने वाले 20 हजार किसानों को सरकार जबरदस्ती सोलर पम्प कनेक्शन दे रही है जिससे किसानों में भारी रोष है, क्योंकि बहुत सारे इलाकों में सोलर पम्प कारगर नहीं है। खासकर सर्दियों में दिसंबर-जनवरी की धुंध के समय किसान सिंचाई से वंचित रह जाएंगे। इतना ही नहीं, सरकार ने 30 मीटर से नीचे भूजल वाले इलाकों में माइक्रो इरीगेशन सिस्टम अपनाने की शर्त भी किसानों पर थोपी है, जो पूरी तरह अनुचित है। उन्होंने कहा कि किसानों पर नये-नये नियम थोपने के बजाय नियम वैकल्पिक होने चाहिए।

श्री हुड्डा ने कहा कि लगभग 40 हजार किसान सरकार के पास कनेक्शन के लिए पूरी राशि जमा करा चुके हैं। इतने ही और किसानों ने कनेक्शन के लिए आवेदन किया है। लेकिन, सरकार पहले दिन से ही मोटर की क्षमता, फिर खास कमपनी की मोटर का कथित तौर पर बहाना बनाकर किसानों को टरका रही है। श्री हुड्डा ने कहा कि किसान अपनी जरूरतों और उपयोगिता को बखूबी समझता है और वह उस हिसाब से तमाम उपकरणों की व्यवस्था कर रहा है। लेकिन सरकार जानबूझकर उन्हें परेशान करने के लिए रोज नये बहाने, नये नियम ढूंढ़ रही है।

कांग्रेस नेता ने राज्य सरकार को याद दिलाया कि उनके कार्यकाल के दौरान किसानों को बिना इंतजार कराए 1.74 लाख नलकूप कनेक्शन दिए गए थे। इसके लिए किसानों से नाममात्र खर्च लिया जाता था। लेकिन मौजूदा सरकार में कई साल इंतजार करने तथा कांग्रेस कार्यकाल के मुकाबले कई गुना अधिक रकम भरने के बावजूद किसानों को कनेक्शन नहीं मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को भूजल संरक्षण की बात करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है क्योंकि उसने प्रदेश की सबसे बड़ी भूजल रिचार्ज परियोजना दादूपूर नलवी को बंद किया था। इतना ही नहीं, कांग्रेस कार्यकाल के दौरान भूजल संरक्षण के लिए किसानों को ड्रिप इरिगेशन के लिए प्रोत्साहित किया जाता था। प्रोत्साहन के लिए उन्हें ड्रिप इरिगेशन पर 100 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाती थी। लेकिन अब किसानों को उस योजना का भी लाभ नहीं मिल रहा है।