किसानों को 15 दिनों में मुआवजे का भुगतान करे सरकार - दीपेंद्र हुड्डा

फसल खराबे की गिरदावरी का काम युद्ध स्तर पर कराए सरकार और किसानों की 25 हजार से 50 हजार प्रति एकड़ मुआवजे की मांग माने - दीपेंद्र हुड्डा, नमी और रंग का बहाना बनाकर किसान से गेहूं की खरीद में अड़ंगा न लगाए सरकार - दीपेंद्र हुड्डा, खरीद के व्यापक प्रबंध किये जाएं, पर्याप्त बारदाना और मंडियों से उठान व भुगतान के लिये बेहतर व्यवस्था की जाए - दीपेंद्र हुड्डा

किसानों को 15 दिनों में मुआवजे का भुगतान करे सरकार - दीपेंद्र हुड्डा

पानीपत । सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने आज इसराना हलके के गांव डिडवाडी में जय भारत सत्याग्रह के तहत आयोजित हाथ से हाथ जोड़ो कार्यक्रम को संबोधित किया। दीपेन्द्र हुड्डा ने बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसलों का 15 दिनों में मुआवजा देने की मांग करते हुए कहा कि सरकार किसानों को हुए नुकसान की युद्धस्तर पर स्पेशल गिरदावरी कराकर कम से कम ₹25,000/ से ₹50,000/ एकड़ मुआवजा देने की किसानों की मांग तुरंत माने। उन्होंने कहा कि पटवारियों के काफी पद खाली पड़े हैं इसलिये गिरदावरी का काम सुचारु रूप से नहीं हो पा रहा है। सरकार गिरदावरी कराने के लिये रिटायर्ड पटवारियों की सेवा ले। साथ ही उन्होंने मांग करी कि सरकार नमी और रंग का बहाना बनाकर किसान से गेहूं की खरीद में अड़ंगा न लगाए और मंडियों में खरीद के व्यापक प्रबंध किये जाएं। इसके लिए पर्याप्त बारदाना और मंडियों से उठान व भुगतान की बेहतर व्यवस्था पहले ही की जाए। क्योंकि, बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से बर्बाद फसल अचानक धूप लगते ही भड़क जाएगी। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि सरकारी अनदेखी और मौसम की मार से किसान पहले ही बर्बाद हो गया है। किसान अपने खेत में बर्बाद फसल को देखकर खून के आंसू रो रहा है, सरकार उसे और न रुलाए। इस दौरान दीपेन्द्र हुड्डा ने आगामी 14 अप्रैल को सोनीपत में प्रस्तावित जय भारत सत्याग्रह रैली का न्योता भी दिया। 

हाथ से हाथ जोड़ो कार्यक्रम में उमड़ी भीड़ से उन्होंने कहा कि पिछले दिनों हुई बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि के चलते किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है। इसके चलते गेहूं, सरसों, फल, सब्जियों समेत खेत में खड़ी तमाम फसलों और कई जगह खलिहान में काटकर रखी गई फसल बर्बाद हो गई। किसान अपनी तरफ से तमाम लागत लगा चुका था। उसे उम्मीद थी कि इस बार अच्छी फसल होगी और थोड़ा मुनाफा होगा। लेकिन कुदरत की मार ने उसकी सारी मेहनत पर पानी फेर दिया। किसानों को इस समय मदद की सख्त जरुरत है। किसान को आर्थिक संकट से उबारने के लिए सरकार को फौरन आगे आना चाहिए तथा हरियाणा के प्रत्येक ज़िले के गाँवों में किसानों के हक में और किसान की सहमति के हिसाब से एक-एक इंच कृषि भूमि की समयबद्ध स्पेशल गिरदावरी करवाकर नुकसान के आकलन का परिणाम सार्वजनिक रूप से गांव की चौपाल में प्रत्येक किसान को बताना चाहिए। ताकि हर किसान को पता चले कि उसे कितना नुकसान हुआ है और साथ ही साथ मुआवजे का भुगतान भी सुनिश्चित कराना चाहिए। दीपेन्द्र हुड्डा ने यह भी कहा कि किसान प्रकृति की मार और सरकारी अनदेखी झेलते आ रहे हैं। हरियाणा में पिछले कई सीजन से सरकार ने फसल खराबा का कोई मुआवजा नहीं दिया। हरियाणा में सरकार ने किसानों को न खरीफ सीजन में हुए नुकसान का मुआवजा दिया और ना ही रबी सीजन में हुए खराबे की पूरी गिरदावरी करवाई। किसान आज तक मुआवजे की राह देख रहे हैं।

उन्होंने हाथ से हाथ जोड़ो के संकल्प दोहराते हुए कहा हाथ से हाथ जोड़ो यानी हरियाणा के हर भाई को प्रेम की डोर से जोड़ो, किसान को एमएसपी गारंटी से जोड़ो, नौजवानों को रोजगार से जोड़ो। कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम से और बुजुर्गों को देश में सबसे ज्यादा 6000 रुपये बुढ़ापा पेंशन से जोड़ो। गरीब परिवारों को 100-100 गज के मुफ्त प्लॉट व 2 कमरे के मकान से जोड़ो। हर परिवार को 300 यूनिट फ्री बिजली से जोड़ो। खिलाड़ियों को पदक लाओं पद पाओ नीति से जोड़ो, हर गृहणी को 500 रुपये में घरेलू गैस सिलेंडर से जोड़ो, ओबीसी वर्ग की आय सीमा 6 लाख से बढ़ाकर 10 लाख से जोड़ो, हाथ से हाथ जोड़ो यानी प्रदेश के हर गाँव शहर को पूर्ववर्ती हुड्डा सरकार के समय वाले विकास से जोड़ो।

इस अवसर पर प्रमुख रूप से विधायक बलबीर बाल्मिकी, प्रो. वीरेंद्र सिंह, पूर्व मंत्री बिजेंदर कादयान, बुल्ले शाह, सचिन कुंडू, खुशीराम जागलान, संजय अग्रवाल, जगदेव मलिक, करण सिंह कादयान, पूर्व मेयर सुरेश वर्मा, महाबीर डिडवाड़ी, महेंदर सिंह कादयान, धर्मेन्दर अहलावत, सतीश डिडवाड़ी, प्रताप सिंह सूबेदार, अनिल मलिक, जितेन्द्र अहलावत, सुरेंदर दहिया, रणसिंह नम्बरदार, बार एसोसिएशन अध्यक्ष अमित कादयान, बिट्टू मलिक, दलबीर जागलान, अनूप मलिक, राम सिंह लोहारी, बिजेंदर कुटानी, सरोज सांगवान, प्रियांश मलिक, जगदीश नम्बरदार, जसमीर कुंडू,नीरजा बहरी, तेजबीर जागलान, डॉ. प्रीतम सिंह, पंडित घनश्याम, सतपाल, दयानन्द कुहर, राजीव कुहर समेत बड़ी संख्या में स्थानीय नेता, कार्यकर्ता व लोग मौजूद रहे।