ढुङ्गेश्वरी से बोधगया तक निकाली गई भव्य ज्ञान यात्रा

ज्ञान यात्रा को गया के जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम के द्वारा झंडी दिखाकर रवाना

ढुङ्गेश्वरी से बोधगया तक निकाली गई भव्य ज्ञान यात्रा

गया : बिहार में गया जिले के ढुङ्गेश्वरी पहाड़ की तलहटी से भव्य ज्ञान यात्रा बोधगया तक निकाली गई, जिसमें विश्व के कई देशों के हजारों बौद्ध भिक्षु एवं श्रद्धालु शामिल हुये।

ज्ञान यात्रा को गया के जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम के द्वारा झंडी दिखाकर रवाना किया गया। ज्ञान यात्रा में शामिल लोग बुद्धम शरणम गच्छामि का जयघोष करते हुए चल रहे थे। बोधगया पहुंचने पर सभी लोगों ने विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर के प्रांगण में विशेष-पूजा अर्चना की।

इस कार्यक्रम में शामिल बांग्लादेश मॉनेस्ट्री के प्रभारी भंते कल्याण प्रिय ने बताया कि ढ़ाई हजार वर्ष पहले राजकुमार सिद्धार्थ ने ढुङ्गेश्वरी पहाड़ की गुफा में छह वर्षों तक तपस्या की थी,

लेकिन जब उन्हें यहां ज्ञान की प्राप्ति नहीं हुई तो वे इसी रास्ते से बोधगया पहुंचे, जहां निरंजना नदी के तट पर पवित्र बोधिवृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुयी। इसके बाद उन्होंने पूरी दुनिया को सत्य, अहिंसा, प्रेम, करुणा, मैत्री एवं भाईचारा का संदेश दिया था। बोधगया के ही सुजातागढ़ में उन्हें खीर खिलाया गया था।

ज्ञान यात्रा में शामिल लोगों को सुजातागढ़ में प्रसाद स्वरूप खीर खिलाया गया है। कई वर्षों से बोधगया महाबोधि मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के द्वारा ज्ञान यात्रा का आयोजन किया जाता है।

ढुङ्गेश्वरी पहाड़ की तलहटी से बोधगया तक 09 किलोमीटर लोग पैदल यात्रा करते हैं, जिस पथ पर कभी भगवान बुद्ध चले थे, उसी पथ पर आज बौद्ध श्रद्धालु चल रहे हैं और पूरी दुनिया को ज्ञान का संदेश दे रहे हैं। इस यात्रा का उद्देश्य भगवान बुद्ध के संदेशों को आत्मसात करना एवं मानवता का कल्याण है।