हिंदू कोड बिल को 7 दशक से ज्यादा समय हो गया : राज्यपाल

मध्य प्रदेश के भोपाल में इसका जिक्र किए जाने के बाद से राजनीति दलों की ओर से इसके समर्थन और विरोध में अपनी-अपनी दलीलें दी जा रही हैं

हिंदू कोड बिल को 7 दशक से ज्यादा समय हो गया : राज्यपाल

भोपाल : देश में समान नागरिक संहिता को लेकर बहस एक बार फिर से तेज हो गई है। पीएम मोदी के मध्य प्रदेश के भोपाल में इसका जिक्र किए जाने के बाद से राजनीति दलों की ओर से इसके समर्थन और विरोध में अपनी-अपनी दलीलें दी जा रही हैं। इन सब के बीच संसद की एक स्थायी समिति ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के मुद्दे पर विभिन्न हितधारकों के विचार लेने के लिए विधि आयोग द्वारा हाल में जारी नोटिस पर तीन जुलाई को (विधि) आयोग और कानून मंत्रालय के प्रतिनिधियों को बुलाया है।  वहीं समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि हिंदू कोड बिल को अब 7 दशक से ज्यादा समय हो गया है। 

केरल के राज्यपाल ने कहा कि यह हिंदू, सिख, बौद्ध और जैनियों पर समान रूप से लागू होता है। क्या वह उन सभी के बीच एकरूपता पैदा करने में सक्षम है? हिंदुओं में भी नहीं। केरल में जिस तरह से विवाह संपन्न किया जाता है, वह उत्तर प्रदेश में जिस तरह से संपन्न किया जाता है, उससे अलग है। ऐसे किसी भी कानून का संबंध आपके विवाह के तरीके, रीति-रिवाजों, अनुष्ठानों और प्रथाओं से नहीं हो सकता है। वे कानून द्वारा लक्षित नहीं हैं। 

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की पुरजोर वकालत करते हुए सवाल किया कि दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चलेगा? और कहा कि इस संवेदनशील मुद्दे पर मुसलमानों को उकसाया जा रहा हे। उन्होंने भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा और पटना में उनकी बैठक को फोटो खिंचवाने का अवसर बताया।  मोदी ने कहा कि विपक्ष समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के मुद्दे का इस्तेमाल मुस्लिम समुदाय को गुमराह करने और भडक़ाने के लिए कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय मुसलमानों को यह समझना होगा कि कौन से राजनीतिक दल उन्हें भडक़ाकर उनका फायदा लेने के लिए उनको बर्बाद कर रहे हैं।