भारत और कांगो ने रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढाने के उपायों पर चर्चा की

इस बैठक का उद्देश्य दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग की संभावनाओं को पूरा करने के लिए सहयोग के क्षेत्रों की पहचान करना था

भारत और कांगो ने रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढाने के उपायों पर चर्चा की

नयी दिल्ली : भारत और कांगो ने शुक्रवार को यहां एक बैठक में रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढाने के उपायों पर विस्तार से चर्चा की। रक्षा मंत्रालय के अनुसार दोनों देशों के रक्षा मंत्रालयों के बीच यहां पहली सचिव स्तरीय बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने किया और इसमें रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय तथा सशस्त्र बलों के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। कांगो के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रक्षा मंत्रालय के स्थायी सचिव मेजर जनरल लुकुइकिला ​​मेटिकविजा मार्सेल ने किया और इसमें मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी तथा कांगो के दूतावास के प्रतिनिधि शामिल थे।

इस बैठक का उद्देश्य दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग की संभावनाओं को पूरा करने के लिए सहयोग के क्षेत्रों की पहचान करना था। बैठक में प्रशिक्षण और रक्षा उद्योग में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए विस्तृत चर्चा की गई। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने रक्षा विनिर्माण क्षमता में भारत की महत्वपूर्ण प्रगति रेखांकित की।

कांगो की ओर से सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण की आवश्यकता को साझा किया गया। उन्होंने भारत के रक्षा उद्योग की क्षमता में विश्वास व्यक्त किया और सह-उत्पादन तथा सह-विकास के क्षेत्रों में पहल का सुझाव दिया। इससे कांगो के प्रतिनिधिमंडल ने सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी से मुलाकात की। भारत के कांगो के साथ सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। भारत 1962 में किंशासा में राजनयिक मिशन स्थापित करने वाले पहले देशों में से एक था। इस यात्रा से दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग के नए मार्ग खुलने की उम्मीद है।