जानें क्या है हॉकी का इतिहास और खेलने के नियम, 2024 पेरिस ओलंपिक में भारत को मेडल की आस

हॉकी की शुरुआत संभवत 1527 में स्कॉटलैंड से हुई थी।

जानें क्या है हॉकी का इतिहास और खेलने के नियम, 2024 पेरिस ओलंपिक में भारत को मेडल की आस

हॉकी  : दुनिया के सबसे पुराने खेलों में से एक हॉकी है। इसकी शुरुआत संभवत 1527 में स्कॉटलैंड से हुई थी। कुछ रिकॉर्ड्स अनुसार इसी तरह का खेल लगभग 4000 साल पहले मिस्त्र में भी खेला जाता था। इसके कई सभ्यताओं में खेले जाने के प्रमाण भी मिलते हैं। 

मौजूदा समय की हॉकी की शुरुआत 18वीं सदी के अंत और 19वीं सदी की शुरुआत में अंग्रेजों द्वारा की गई थी। हॉकी की जड़े प्राचीनता की गहराई तक दबी हुई हैं। घुमावदार छड़ियों और गेंद से खेले जाने वाला खेल है। 

 

बता दें कि, हॉकी दो तरह की होती है। पहली फील्ड हॉकी और आइस हॉकी। ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में खेली जाने वाली फील्ड हॉकी, एक कृत्रिम घास की पिच पर खेली जाती है। इस खेल में शामिल दोनों टीमों में 11 खिलाड़ी होते हैं जिसमें से 10 इनफील्ड खिलाड़ी होते हैं। जबकि एक गोलकीपर होता है। 

 

हॉकी का मैच 60 मिनट तक चलता है जो 15 मिनट के 4 क्वार्टर में विभाजित होता है। खेल की शुरुआत 11 खिलाड़ियों के साथ होती है लेकिन उन्हें किसी भी समय जरूरत के मुताबिक सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी के द्वारा रिप्लेस किया जा सकता है। 

 

ओलंपिक में पुरुषों की हॉकी पहली बार 1908 लंदन में आयोजित की गई थी। जिसमें इंग्लैंड, आयरलैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स के साथ ही जर्मनी और फ्रांस के शामिल होने से ये प्रतियोगिता 6 टीमों वाली हो गई थी। 

 

वहीं भारत में हॉकी की बात करें तो इसे ब्रिटिश सेना के रेजिमेंट में सबसे पहले शामिल किया गया था। भारत में सबसे पहले ये खेल छावनियों और सैनिकों द्वारा खेला गया। भारत में झांसी, जबलपुर, जांलधर, लखनऊ, लाहौर आदि क्षेत्रों में मुख्य रुप से हॉकी खेला जाता था। लोकप्रियता बढ़ने के चलते भारत में पहला हॉकी क्लब और 1855 में कोलकाता में गठन किया गया था। 

 

 चीन में हुए एशियन गेम्स 2023 में  भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए क्वालिफाई किया है। जिसके बाद देश को भारतीय टीम से मेडल की उम्मीद है। भारतीय पुरुष टीम ने एशियन गेम्स 2024 में गोल्ड मेडल जीता था।