फर्जी खबर देने वाले डिजिटल और वेब मीडिया पर कार्रवाई के लिए बने कानून

कहा, प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया के साथ ही डिजिटल मीडिया को भी गति मिली है और अब बड़े पैमाने पर डिजिटल और वेब मीडिया आया है

फर्जी खबर देने वाले डिजिटल और वेब मीडिया पर कार्रवाई के लिए बने कानून

नई दिल्ली : डिजिटल मीडिया के बढ़ते प्रभाव के बीच आज राज्यसभा में गलत और फर्जी खबर देने वाले डिजिटल एवं वेब मीडिया के विरूद्ध कार्रवाई किये जाने का प्रावधान किये जाने की मांग की गयी। बीजू जनता दल की सुलता रिपीट सुलता देव ने सदन में प्रेस एवं नियत कालिक पत्रिका पंजीयन विधेयक 2023 पर चर्चा की शुरूआत करते हुये यह मांग की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया के साथ ही डिजिटल मीडिया को भी गति मिली है और अब बड़े पैमाने पर डिजिटल और वेब मीडिया आया है। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से सही खबर दिया जाता है जो उचित है लेकिन कुछ वेब मीडिया गलत और फर्जी खबर देते है। कभी कभी प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को लेकर भी फर्जी और गलत खबर दे दी जाती है। इसके साथ ही कुछ खबरों को बढ़ाचढ़ा कर दिखाया जाता है जिससे बहुत परेशानी होती है।

उन्होंने उदाहरण देते हुये कहा कि उसके गृह प्रदेश ओडिशा में एक बार बारिश हो रही थी लेकिन वेब मीडिया में दिखाया गया है इस बारिश के कारण एक पानी की टंकी धंस रही है। जब अधिकारी और अन्य लोग मौके पर पहुंचे तो वहां ऐसा कुछ नहीं था बल्कि वह फोटो कहीं और का था। इसके मद्देनजर इस तरह की मीडिया के विरूद्ध कार्रवाई का प्रावधान भी इसमें किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि डिजिटल और वेब मीडिया का भी पंजीयन होना चाहिए और इसके लिए भी कानून होनी चाहिए। वाईएसआरसीपी के एस निरंजन रेड्डी ने भी डिजिटल और वेब मीडिया के पंजीयन के लिए कानून बनाये जाने की आवश्यकता बताते हुये कहा कि इसके लिए अलग से कानून बनाया जाना चाहिए।